सैन डियागो।।
अमेरिका में एक कॉलेज स्टूडेंट को जेल में बंद कर भूल जाने की पुलिस की
गलती सरकार को काफी भारी पड़ी। कोर्ट के बाहर हुए एक समझौते के तहत अमेरिकी
सरकार छात्र को 4.1 मिलियन डॉलर (करीब 25 करोड़ रुपए) का मुआवजा देगी।
घटना अप्रैल 2012 की है। ड्रग्स की तस्करी करने वालों पर छापे के दौरान छात्र को पकड़ा गया था। लॉस ऐंजिलिस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सैन डियागो में इंजिनियिंग पढ़ने वाले 25 साल के कॉलेज स्टूडेंट डेनियल चोंग को ड्रग्स लेने के आरोप में पुलिस ने पकड़ा और जेल में डाल दिया, लेकिन पुलिस उसे जेल में डालकर भूल गई। 5 दिनों तक चोंग बिना खाए-पिए, छोटी सी कोठरी में बंद रहा। उसकी हालत काफी खराब हो गई। प्यास बुझाने के लिए उसे अपना ही पेशाब पीना पड़ा। कोठरी के अंदर से मदद की गुहार लगाने पर भी उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी।
चोंग के वकील के मुताबिक, पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले गई, हालांकि उसे कहा गया कि उस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। पुलिस अधिकारी एक मिनट में लौटने की बात कहकर उसे जेल में बंद कर गए, लेकिन लौटे नहीं। वह 5 दिनों तक वह 5*10 फुट की अंधेरी कोठरी में बंद रहा। इस कोठरी में कोई खिड़की तक नहीं थी।
भुखा-प्यासा चोंग किसी तरह हाथों की हथकड़ी निकालने में कामयाब हो गया, लेकिन वह उस कोठरी से बाहर नहीं निकल सका। उसकी मदद की पुकार भी किसी ने नहीं सुनी। 4-5 दिन तक भूखे-प्यासे रहने के कारण उसकी हालत काफी खराब हो गई। चोंग की हालत ऐसी हो गई कि उसे खुद लगने लगा कि किसी मदद के आने से पहले वह मर जाएगा। मौत के डर से चोंग इस कदर भयभीत था कि कि उसने अपने चश्मे का शीशा तोड़ अपने हाथ पर अपनी मां के लिए मॉम सॉरी का संदेश लिख लिया।
कानून विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। विभाग की प्रवक्ता एलिसन प्राइस ने 4.1 मिलियन डॉलर के समझौते की पुष्टि की, लेकिन इससे ज्यादा बताने से इनकार किया। इस समझौते से पहले चोंग के रिहा होने के बाद विभाग ने सार्वजनिक रूप से क्षमा भी मांगी थी।
चोंग ने बताया कि जिंदा रहने के लिए उसे अपना पेशाब पीने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसने कहा, जो कुछ वह कर सकता था, उसने किया। जब उसे अपनी कोठरी के बाहर कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी तो उसने मदद के लिए पुकार लगाई। अपने जूते के फीते दरवाजे के नीचे से बाहर निकाले और जोर-जोर से चिल्लाया। दरवाजा पीटा। तब जाकर उसके कोठरी में बंद होने का पता चला और उसे बाहर निकाला गया।
जेल से बरामद होने के समय चोंग काफी गंभीर हालत में था। उसे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 5 दिन तक उसका इलाज चला। हॉस्पिटल के अनुसार, उसे डिहाइड्रेशन थी और किडनी भी खराब हो गई थीं। और कई तरह की प्रॉब्लम्स उसे थीं। उसका 7 किलो वजन कम हो चुका था।
मंगलवार को समझौता होने के बाद चोंग ने कहा कि वह एक हादसा था, बहुत ही बुरा हादसा, बहुत भयावह। मैं उस हादसे को भूलना चाहता हूं। चोंग का कहना है कि वह मुआवजे की रकम से अपने पैरंट्स के लिए घर खरीदना चाहते हैं।
घटना अप्रैल 2012 की है। ड्रग्स की तस्करी करने वालों पर छापे के दौरान छात्र को पकड़ा गया था। लॉस ऐंजिलिस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सैन डियागो में इंजिनियिंग पढ़ने वाले 25 साल के कॉलेज स्टूडेंट डेनियल चोंग को ड्रग्स लेने के आरोप में पुलिस ने पकड़ा और जेल में डाल दिया, लेकिन पुलिस उसे जेल में डालकर भूल गई। 5 दिनों तक चोंग बिना खाए-पिए, छोटी सी कोठरी में बंद रहा। उसकी हालत काफी खराब हो गई। प्यास बुझाने के लिए उसे अपना ही पेशाब पीना पड़ा। कोठरी के अंदर से मदद की गुहार लगाने पर भी उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी।
चोंग के वकील के मुताबिक, पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले गई, हालांकि उसे कहा गया कि उस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। पुलिस अधिकारी एक मिनट में लौटने की बात कहकर उसे जेल में बंद कर गए, लेकिन लौटे नहीं। वह 5 दिनों तक वह 5*10 फुट की अंधेरी कोठरी में बंद रहा। इस कोठरी में कोई खिड़की तक नहीं थी।
भुखा-प्यासा चोंग किसी तरह हाथों की हथकड़ी निकालने में कामयाब हो गया, लेकिन वह उस कोठरी से बाहर नहीं निकल सका। उसकी मदद की पुकार भी किसी ने नहीं सुनी। 4-5 दिन तक भूखे-प्यासे रहने के कारण उसकी हालत काफी खराब हो गई। चोंग की हालत ऐसी हो गई कि उसे खुद लगने लगा कि किसी मदद के आने से पहले वह मर जाएगा। मौत के डर से चोंग इस कदर भयभीत था कि कि उसने अपने चश्मे का शीशा तोड़ अपने हाथ पर अपनी मां के लिए मॉम सॉरी का संदेश लिख लिया।
कानून विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। विभाग की प्रवक्ता एलिसन प्राइस ने 4.1 मिलियन डॉलर के समझौते की पुष्टि की, लेकिन इससे ज्यादा बताने से इनकार किया। इस समझौते से पहले चोंग के रिहा होने के बाद विभाग ने सार्वजनिक रूप से क्षमा भी मांगी थी।
चोंग ने बताया कि जिंदा रहने के लिए उसे अपना पेशाब पीने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसने कहा, जो कुछ वह कर सकता था, उसने किया। जब उसे अपनी कोठरी के बाहर कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी तो उसने मदद के लिए पुकार लगाई। अपने जूते के फीते दरवाजे के नीचे से बाहर निकाले और जोर-जोर से चिल्लाया। दरवाजा पीटा। तब जाकर उसके कोठरी में बंद होने का पता चला और उसे बाहर निकाला गया।
जेल से बरामद होने के समय चोंग काफी गंभीर हालत में था। उसे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 5 दिन तक उसका इलाज चला। हॉस्पिटल के अनुसार, उसे डिहाइड्रेशन थी और किडनी भी खराब हो गई थीं। और कई तरह की प्रॉब्लम्स उसे थीं। उसका 7 किलो वजन कम हो चुका था।
मंगलवार को समझौता होने के बाद चोंग ने कहा कि वह एक हादसा था, बहुत ही बुरा हादसा, बहुत भयावह। मैं उस हादसे को भूलना चाहता हूं। चोंग का कहना है कि वह मुआवजे की रकम से अपने पैरंट्स के लिए घर खरीदना चाहते हैं।
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