Friday 2 August 2013

निशाने पर नेहरू-इंदिरा की मूर्तियां, सांसद-मंत्रियों के इस्तीफे, असम अशांत

Image Loading
Telgana
पृथक तेलंगाना गठित करने के विरोध में तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी है। सरकार के फैसले को लेकर क्षुब्ध कांग्रेस के सात सांसदों ने इस्तीफा दे दिया। असम में रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई।
आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य ग ठित करने के विरोध में रायलसीमा और आंध्र क्षेत्रों में तीसरे दिन शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी है। रायलसीमा और आंध्रा को मिलाकर कहे जाने वाले सीमांध्रा में बंद लगातार जारी है और हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया और प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी। राज्य सरकार के स्वामित्व वाले आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बसें सड़कों पर नहीं उतरीं, जबकि दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान तीसरे दिन भी नहीं खुले हैं। विद्यार्थी, सरकारी व निजी कर्मचारी, श्रमिक, वकील, सभी दलों के राजनीतिक कार्यकर्ता, महिलाएं और समाज के अन्य वर्गो के लोग विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। लोग केंद्रीय एवं राज्य के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के आवासों का घेराव कर संयुक्त आंध्रा के समर्थन में उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रतिमाओं पर हमले
प्रदर्शनकारी दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की प्रतिमाओं को लगातार निशाना बना रहे हैं। पश्चिम गोदावरी और विशाखापत्तनम जिलों में राजीव गांधी की दो प्रतिमाओं को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। प्रदर्शनकारी रैलियां निकाल रहे हैं, मानव श्रृंखला बना रहे हैं, सड़क व रेल चक्काजाम कर रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व अन्य कांग्रेस नेताओं के पुतले जला रहे हैं। तटीय आंध्रा के नौ जिलों और रायलसीमा के चार जिलों में एक जैसी स्थिति बनी हुई है। अनंतपुर शहर लगातार तीसरे दिन तनावग्रस्त बना हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने शहर में दो निजी बसों को आग के हवाले कर दिया। एहतियात के तौर पर पुलिस ने निजी छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों को वापस घर भेज दिया है। एपीएसआरटीसी, बीएसएनएल, जीवन बीमा निगम और बिजली विभाग के कर्मचारी रैलियों में हिस्सा ले रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने विजयनगरम जिले के धर्मपुरी में कुछ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने उपद्रव पर उतारू प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। तिरुपति कस्बे में एक कार को आग के हवाले कर दिया गया। तिरुमला मंदिर जा रही बसों को रोक दिया गया, जिसके कारण तीर्थयात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। विशाखापत्तनम में राज्य मंत्री गनता श्रीनिवास राव के घर को विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने घेर लिया और उनके इस्तीफे की मांग की। विशाखापत्तनम जिले के नरसीपत्तनम में प्रदर्शनकारियों ने राज्य के एक अन्य मंत्री पी. बालाराजू के घर का घेराव किया। विशाखापत्तनम में आंध्र विश्वविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों का अनशन चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। विजयवाड़ा में विद्यार्थियों ने मानव श्रृंखला बनाई, जिसके कारण राजमार्ग पर यातायात जाम हो गया। महिलाओं ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। गुंटूर जिले के बापातला में प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री पनाबका लक्ष्मी के घर का घेराव किया और उनके इस्तीफे की मांग की। तेनाली में प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष एन. मनोहर के घर का घेराव किया। गुंटूर शहर में एक युवक ने आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अज्ञात लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में आग लगा दी। पश्चिम गोदावरी जिले में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। लंगारेड्डीगुड़ा में प्रदर्शनकारियों ने राजीव गांधी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी है। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के कांग्रेस और संप्रग सरकार के फैसले को लेकर झुब्ध आंध्र प्रदेश से कांग्रेस के सात सांसदों ने आज संसद से इस्तीफा दे दिया। कुछ और सांसदों के भी जल्द इस्तीफा दिये जाने के संकेत हैं। 
    
जिन सांसदों ने इस्तीफे दिये हैं, उनके नाम हैं ए साई प्रताप (राजमपेट), अनंत वेंकटरामी रेड्डी (अनंतपुर), सी वी हर्ष कुमार (अमलापुरम), वी अरूण कुमार (राजामुंदरी), एल राजगोपाल (विजयवाडा) और एस पी वाई रेड्डी (नांदयाल)।
    
इन सांसदों ने अपने इस्तीफे लोकसभा महासचिव टी के विश्वनाथन को सौंपे, जबकि उच्च सदन के सदस्य के वी पी रामचन्द्रराव ने राज्यसभा के महासचिव के शेरिफ को अपना इस्तीफा सौंपा।
    
सांसदों ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश से लोकसभा के तीन और सदस्य सब्बम हरि (अनकापल्ली), एम श्रीनिवासुलु रेड्डी (ओंगोल) और आर संभाशिव राव (गुंटुर) ने भी अपने इस्तीफे फैक्स से भेज दिये हैं।  केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे की आशंका
    
सांसदों ने यह भी दावा किया कि आंध्र क्षेत्र के केन्द्रीय मंत्री कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे और फिर अपना इस्तीफा सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से समय मांगा है, क्योंकि नियमों के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष को इस बात पर संतुष्ट होना चाहिए कि सदस्य ने अपनी इच्छा से यह कदम उठाया है न कि किसी दबाव में।
    
तेलंगाना पर फैसले से झुब्ध आंध्र प्रदेश के कांग्रेस के कुछ सांसदों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने कल देर रात कांग्रेस सांसद केवीपी रामचंद्र राव के आवास पर बैठक की। समझा जाता है कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने सांसदों को समझाया कि कांग्रेस आला कमान द्वारा तेलंगाना के गठन पर फैसला किए जाने के बाद उचित होगा कि इस्तीफा देने के बजाय आंध्र प्रदेश के विकास और नयी राजधानी की स्थापना के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
    
हालांकि कुछ सांसदों का मानना था कि हालात अभी काबू से बाहर नहीं हुए हैं और अपना इस्तीफा देकर वे सरकार को अपना फैसला वापस लेने को मजबूर कर सकते हैं। इनमें से कुछ सांसदों की हालांकि यह भी राय थी कि पांच अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे को अधिक प्रभावी ढंग से उठाया जा सकता है।
मंत्रियों का इस्तीफा
आंध्र प्रदेश के नगरपालिका प्रबंधन मंत्री एम महीधर रेड्डी ने राज्य के प्रस्तावित बंटवारे के विरोध में शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही तेलंगाना के विरोध में गुरुवार से मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी को इस्तीफा सौंपने वाले मंत्रियों की संख्या चार हो गई है। उधर, सरकार के सचेतक द्रोणमराजू श्रीनिवास ने अपने पद तथा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेग पार्टी के आधे दर्जन विधायकों ने अपना पद छोड़ने का दावा किया है। तेलुगू देसम पार्टी के दो विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे फैक्स कर दिए हैं। आंध्र में कल से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायकों की संख्या 20 से अधिक हो गई है। करीब 15 विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बी सत्यनारायण को इस्तीफा सौंपने का दावा किया है। विधान परिषद में तेदेपा के चार सदस्यों और कांग्रेस के छह सदस्यों ने इस्तीफा दिया है। असम में अशांति
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाया गया और उसने दोपहर के समय हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। कारबी आंगलांग में लगातार तीसरे दिन हिंसा जारी रही। जिले में अर्धसैनिक बलों की दो अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की गई हैं। कई बोडो संगठनों ने पृथक राज्य की मांग को लेकर 12 घंटे के रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया है। ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन के अलावा एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव, ऑल बोडो वीमेन फेडरेशन, बोडो साहित्य सभा, बोडो पीपुल्स प्रोग्रेसिव फ्रंट सहित प्रमुख बोडो संगठनों से जुड़े और अन्य लोग कोकराझार रेलवे स्टेशन की पटरियों पर आज सुबह से हाथों में तख्तियां लिये हुए बैठे हैं। प्रदर्शन के चलते कोई भी ट्रेन स्टेशन से आ—जा नहीं रही है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने दीफू—लुमदिंग सेक्सन की 6 किलोमीटर पटरियों को उखाड़ दिया, जिससे कई स्थानों के लिए रेल सेवा बुरी तरह बाधित हुई है। उग्र भीड़ ने कारबी आंगलोंग स्वायत्त परिषद की बस तथा उम्लालफेरा इलाके में लोक निर्माण विभाग के एक बंगले को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने बताया कि कारबी आंगलांग जिले में प्रदर्शनकारियों ने नुनगपुंग में एक सरकारी वाहन में जबकि हमरेम में एक बिजली कार्यालय और हथकरघा एवं कपड़ा विभागों में आग लगा दी। उत्तर पूर्व फ्रंटीयर रेलवे के सूत्रों ने बताया कि आने—जाने वाली महत्वपूर्ण जैसे राजधानी एक्सप्रेस, सरायघाट एक्सप्रेस, कामरूप एक्सप्रेस, ब्रहमपुत्र मेल जैसी ट्रेनें गुवाहाटी, रांगिया और अलीपुरदौर सहित कई स्टेशनों से आ—जा रहे हैं, जबकि पांच स्थानीय ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। निचले असम के कोकराझार, बोंगईगांव, चिरांग, बक्सा, नलबाड़ी और कामरूप जिलों में सभी रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। इस बीच, संसदीय सचिव गृह एतुवा मुंडा को हिंसा प्रभावित जिले में पहुंच गए हैं तथा उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

No comments:

Post a Comment