लंदन| ब्रिटेन में एक अनूठी अदालती फैसले के तहत एक भारतीय महिला को अपने मानसिक
रूप से अशक्त ब्रिटिश सिख पति के साथ नहीं सोने की चेतावनी देते हुए कहा
गया है कि यदि वह ऐसा करती है तो उसे सारी जिंदगी जेल में रहना पड़ सकता
है।
बर्मिंघम स्थित कोर्ट ऑफ प्रोटेक्शन में न्यायाधीश होलमैन ने कहा कि उसके पति के पास यौन संबंध बनाने के लिए सहमत होने की क्षमता नहीं है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि यह तथ्य कि दोनों लोगों की एक दूसरे से शादी हुई है बचाव के लिए कोई वजह नहीं है। वह (पति) एक आपराधिक कार्य का पीड़ित बन जाएगा। गौरतलब है कि महिला ने अदालत से दरख्वास्त की थी कि इस व्यक्ति के साथ उसकी शादी रद्द नहीं की जाए। सैंडवेल मेट्रोपोलिटन बोरो काउंसिल ने अदालत से इस शादी को इंग्लैंड और वेल्स में मान्य नहीं घोषित करने को कहा था क्योंकि इस व्यक्ति के पास शादी के लिए सहमति प्रदान करने की क्षमता नहीं थी। हालांकि, न्यायाधीश ने महिला की शादी को रद्द करने से इनकार कर दिया। ऐसा पहली बार माना जा रहा है कि एक ब्रिटिश न्यायाधीश ने एक ऐसी शादी को कायम रहने की इजाजत दी जबकि कानून के तहत यह मान्य नहीं है क्योंकि इस व्यक्ति के पास शादी करने के लिए सहमत होने की क्षमता नहीं थी। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए महिला से सहानुभूति जताई और कहा कि हालात के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। गौरतलब है कि इस व्यक्ति को उसके माता पिता 2009 में पंजाब लेकर गए थे जिसकी उम्र अब 40 के करीब है। यह महिला अपनी शादी से पहले इस व्यक्ति से नहीं मिली थी और उसे शादी के बाद पता चला कि वह मानसिक रूप अशक्त है। महिला ने बताया कि वे दोनों अपनी शादी की रात और उसके बाद कई मौकों पर साथ साथ सोए हैं।
बर्मिंघम स्थित कोर्ट ऑफ प्रोटेक्शन में न्यायाधीश होलमैन ने कहा कि उसके पति के पास यौन संबंध बनाने के लिए सहमत होने की क्षमता नहीं है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि यह तथ्य कि दोनों लोगों की एक दूसरे से शादी हुई है बचाव के लिए कोई वजह नहीं है। वह (पति) एक आपराधिक कार्य का पीड़ित बन जाएगा। गौरतलब है कि महिला ने अदालत से दरख्वास्त की थी कि इस व्यक्ति के साथ उसकी शादी रद्द नहीं की जाए। सैंडवेल मेट्रोपोलिटन बोरो काउंसिल ने अदालत से इस शादी को इंग्लैंड और वेल्स में मान्य नहीं घोषित करने को कहा था क्योंकि इस व्यक्ति के पास शादी के लिए सहमति प्रदान करने की क्षमता नहीं थी। हालांकि, न्यायाधीश ने महिला की शादी को रद्द करने से इनकार कर दिया। ऐसा पहली बार माना जा रहा है कि एक ब्रिटिश न्यायाधीश ने एक ऐसी शादी को कायम रहने की इजाजत दी जबकि कानून के तहत यह मान्य नहीं है क्योंकि इस व्यक्ति के पास शादी करने के लिए सहमत होने की क्षमता नहीं थी। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए महिला से सहानुभूति जताई और कहा कि हालात के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। गौरतलब है कि इस व्यक्ति को उसके माता पिता 2009 में पंजाब लेकर गए थे जिसकी उम्र अब 40 के करीब है। यह महिला अपनी शादी से पहले इस व्यक्ति से नहीं मिली थी और उसे शादी के बाद पता चला कि वह मानसिक रूप अशक्त है। महिला ने बताया कि वे दोनों अपनी शादी की रात और उसके बाद कई मौकों पर साथ साथ सोए हैं।
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