Sunday 4 August 2013

विश्वकप-2014 में टीमों की संख्या नहीं बढ़ेगी : एफआईएच

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अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने कहा है कि अगले साल हॉलैंड में होने वाले विश्व कप में प्रतिभागी टीमों की संख्या 12 ही रहेगी और इसमें बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है। एफआईएच 2018 विश्व कप में टीमों की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 करने की घोषणा पहले ही कर चुका है।
    
एफआईएच अध्यक्ष लिएंड्रो नेग्रे ने भारत के पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप टिर्की के पत्र के जवाब में यह बात कही। नेग्रे ने कहा कि एफआईएच पूरी तरह से सहमत है कि विश्व कप में टीमों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए लेकिन 2014 विश्व कप में यह संभव नहीं है।
    
उन्होंने कहा कि इसका पहला कारण यह है कि एफआईएच ने 2014 विश्व कप के क्वालीफाइंग नियमों की घोषणा पहले ही कर दी है और विश्व कप शुरू होने में अब एक साल से भी कम रह गया है लिहाजा इसमें बदलाव कर पाना संभव नहीं है।
   
नेग्रे ने कहा कि दूसरा कारण यह है कि एफआईएच ने जब विश्व कप की मेजबानी के लिए बोलियां आमंत्रित की थी तब कुछ नियम और शर्ते थी और अब उन्हें तोड़ा नहीं जा सकता अन्यथा इसके गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे।
      
विश्व कप 2014 में एफआईएच विश्व हॉकी लीग में शीर्ष छह रहने वाली टीमों के अलावा पांच उपमहाद्वीपीय चैम्पियन और एक मेजबान समेत 12 टीमें होंगी। भारत के पास क्वालीफाई करने का आखिरी मौका इस महीने के आखिर में होने वाला एशिया कप है जिसमें उसे हर हालत में जीत दर्ज करनी होगी।
रिॉर्ड 412 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके पूर्व फुल बैक टिर्की ने इस बारे में बताया कि मेरा मानना है कि एफआईएच के 130 सदस्य देश हैं और फिलहाल सिर्फ 12 देश विश्व कप खेलते हैं जो ओलंपिक के बाद सबसे बड़ा हॉकी टूर्नामेंट है। यह संख्या बहुत कम है जबकि फुटबॉल और क्रिकेट विश्व कप में धीरे-धीरे प्रतिभागियों की संख्या बढ़ाई गई।
   
उन्होंने कहा कि इसी तरह हॉकी के लिए भी जरूरी है कि अधिक देश विश्व कप खेलें। मैंने मांग की थी कि अगले साल होने वाले विश्व कप में टीमों की संख्या बढ़ाकर 16 कर दी जाये। टिर्की ने कहा कि फिलहाल हॉकी खेलने वाले देशों को तीन समूहों 'ए,' 'बी' और 'सी' में बांटा जा सकता है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैंड, स्पेन, इंग्लैंड, दक्षिण कोरिया 'ए' श्रेणी में हैं जबकि भारत, पाकिस्तान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, बेल्जियम, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका बी श्रेणी में हैं। 'सी' श्रेणी में आयरलैंड, कीनिया, फ्रांस हैं।
   
उन्होंने कहा कि यदि 'बी' और 'सी' श्रेणी में से कुछ और टीमों को विश्व कप फाइनल्स के ड्रॉ में शामिल किया जाये तो इन देशों में खेल की लोकप्रियता और बढ़ेगी।

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