Thursday 29 March 2012

धरती पर मंडराते बाहरी खतरे, कभी भी खत्म हो सकता है जीवन !

 

 
 
इसमें कोई दो राय नहीं कि मानव ने धरती के संसाधनों का इतना शोषन किया है कि धरती पर कई खतरे मंडराने लगे हैं। खतरे कम नहीं हुए हैं, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि खतरे केवल मानव प्रदत्त नहीं हैं। कई ऐसे खतरे भी हैं जो प्रकृति प्रदत्त हैं और इन पर हमारा कोई वश नहीं। दरअसल हमारा सौरमंडल आकाशगंगा के उस हिस्से में है, जो  उग्र हलचलों की तुलना में शांत है, अन्यथा पृथ्वी पर जीवन को विकसित होने का मौका ही नहीं मिलता। जिस पृथ्वी रूपी यान पर हम सवार हैं, वह मानव निर्मित किसी भी यान से कई-कई गुना तेज गति- 105,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सूर्य का चक्कर लगा रहा है। इतना ही नहीं, हमारी पृथ्वी और उसका घर सौरमंडल अपने बड़े घर यानी आकाशगंगा (मिल्कीवे) के केंद्र की परिक्रमा करता है और उसका यह यात्रा पथ तरह-तरह के खतरों से भरा पड़ा है।        



 

एलियंस का अस्तित्व है! अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन ज्यादातर खगोलविदों और वैज्ञानिकों का मानना है कि इनका अस्तित्व नकारा नहीं जा सकता। ऐसा इसलिए, क्योंकि अकल्पनीय विस्तार लिए ब्रह्मांड में असंख्य सौर परिवारों तथा ग्रहों में सिर्फ पृथ्वी पर ही बुद्धिमान सभ्यता का विकास हुआ, ऐसा संभव नहीं। आमतौर पर माना जाता है कि एलियंस हमसे बुद्धि और शक्तिमें सदियों आगे हो सकते हैं। कार्ल सगान और स्टीफन हॉकिंग जैसे चर्चित खगोलविदों और कॉस्मोलोजिस्ट का तो मानना है कि कोई भी बाह्य सभ्यता मानव जाति के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। कुछ समय पहले रॉयल एस्ट्रोनॉर्मर मार्टिन रीज ने कहा कि संभव है, एलियंस हमें घूर रहे हों और हम उन्हें अपने सीमित संवेद-बोध के कारण पहचान ही नहीं पा रहे हों। स्टीफन हाकिंग का कहना है कि हमें एलियंस से संपर्क करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से हम संपूर्ण मानव जाति को खतरे में डाल देंगे।
 

पिछले दिनों सूर्य की सतह पर होने वाली हलचलें चर्चा का विषय बनी रहीं। सूर्य-सतह से उठी ‘सौर-सुनामियों’ की भभक पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमारत कृत्रिम उपग्रहों और पावर ग्रिड के लिए खतरा बन गई थीं। सौर ज्वालाएं, दरअसल सूर्य पर होने वाले चुंबकीय विस्फोट हैं, जो पृथ्वी पर तेज गति से उपआण्विक कणों की मूसलाधार वर्षा करते हैं। पृथ्वी का वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र (ध्रुव) साधारण सौर ज्वालाओं के घातक प्रभाव को तो व्यर्थ कर देता है, लेकिन पुराने खगोलीय रिकार्ड को देखने से पता चलता है कि सूर्य जैसे तारों की चमक कुछ देर के लिए 20 गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इन तारों में दिखने वाली यह अतिरिक्त चमक ‘सुपर फ्लेयर’ या महा ज्वालाएं कहलाती हैं, जो कि सामान्य सौर ज्वालाओं से लाखों गुना शक्तिशाली होती हैं। ऐसी ही कोई महासौर-ज्वाला यदि कभी सूर्य से उठ गई तो यह कुछ ही घंटों में पृथ्वी को भून सकती है।
 

घातक क्षुद्रग्रह, उल्का पिंड, धूमकेतु से पृथ्वी को ज्यादा खतरा उन अंतरिक्षीय आक्रांताओं से है, जिन्होंने एक नहीं कई बार पृथ्वी से प्रजातियों का सफाया किया है। पृथ्वी के दामन पर अंकित लगभग 200 दाग (क्रेटर) इस बात के गवाह हैं। मंगल और बृहस्पति के बीच (एस्ट्रॉटड बेल्ट) में लाखों की संख्या में ऐसी चट्टानें तैर रही हैं। ऐसे पिंड कई बार अपनी कक्षा से भटक कर पृथ्वी के लिए खतरा पैदा कर देते हैं। माना जाता है कि 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व ऐसा ही कोई पिंड पृथ्वी से टकराया था, जिसने डायनासोरों का हमेशा के लिए सफाया कर दिया था। इससे भी बड़ी टक्कर 25 करोड़ वर्ष पहले हुई थी, जिसके बाद समुद्र की 90 प्रतिशत और जमीन पर कशेरुकी जीवों की 70 प्रतिशत प्रजातियां खत्म हो गईं। वैसे पृथ्वी से टकराने वाले ज्यादातर पिंड वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद घषर्ण से जलकर राख हो जाते हैं।
 

1783 में आइसलैंड में जो भयावह ज्वालामुखी फूटा था, उससे तीन घन मील लावा निकला था। लावा की बाढ़, राख और भभक ने वहां नौ हजार लोगों और 60 प्रतिशत मवेशियों का सफाया कर दिया था। इस परिस्थिति के चलते पैदा हुई विषम जलवायु में भुखमरी के चलते वहां एक-चौथाई जनसंख्या खत्म हो गई थी। वायुमंडल में पहुंची धूल ने तब नए-नए स्वतंत्र हुए अमेरिका में सर्दियों का मौसम पैदा कर तापमान नौ डिग्री तक गिरा दिया था। ज्वालामुखी कार्बन डायऑक्साइड मुक्तकरते हैं जो लंबे समय तक ग्रीन हाउस प्रभाव को गरम बनाए रखते हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि 6.5 करोड़ वर्ष पहले डायनासोरों के खात्मे की संभावित वजह बड़े ज्वालामुखी का फूटना था।
 

इस तरह के विस्फोट, जिन्हें गामा-रे बस्र्ट यानी ‘जीआरबी’ कहा जाता है, प्रकृति में ज्ञात अब तक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं। यदि हमारी आंखें गामा किरणों को देखने की क्षमता रखतीं तो हम देखते कि किस तरह ये ब्रह्मांडीय किरणों हमारा पीछा करती हैं, जो हमारी आंखों को चुंधिया देती हैं। दिन में हमें एक या दो बार हमें ऐसी चमक दिखाई देती है, जिसके सामने सूरज की रोशनी भी फीकी होती है। सौभाग्य से ये विस्फोट हजारों प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगाओं (गैलेक्सीज) में घटित होते हैं और सूर्य से खरबों गुना ऊर्जावान होते हैं।
 

ये ब्रह्मांड के सबसे शक्तिशाली और रहस्यमय पिंड हैं। इनका गुरुत्वाकषर्ण इतना सशक्तहोता है कि सबसे तेज गति से चलने वाला प्रकाश भी इससे बाहर नहीं निकल सकता। ब्लैक होल इतना संघनित (डेंस) होता है कि 10 करोड़ सूर्य मात्र 60 लाख किलोमीटर व्यास के ब्लैक होल में फिट हो जाएंगे। हमारे सूर्य का व्यास 1,390,000 किलोमीटर है। हर आकाशगंगा के केंद्र में एक भीमकाय ब्लैक होल होता है। खगोलविदों का आकलन है कि सिर्फ हमारी आकाशगंगा में ही करीब एक करोड़ ब्लैक होल हो सकते हैं। विनाश लाने के लिए ब्लैक होल को पृथ्वी के निकट आने की भी जरूरत नहीं होगी। सौरमंडल से काफी दूरी पर गुजरने से ही सारे ग्रहों की कक्षाएं अस्त-व्यस्त हो जाएंगी। संभव है पृथ्वी दीर्घवृत्ताकार कक्षा में चली जाए।

Wednesday 28 March 2012

आलू से हो सकती है आपकी कायापलट....ये पढ़ेंगें तो जान जाएंगें

वैसे तो आलू का चरबी बढ़ाने वाला वाला माना जाता है,लेकिन आलू के फायदे बहुत कम लोग जानते हैं। हम बताते हैं आपको आलू के कुछ ऐसे ही गुण जो शायद आप नहीं जानते होंगे। आलू में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स तथा आयरन , कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस तत्त्व होते हैं। आलू के प्रति 100 ग्राम में 1.6 प्रतिशत प्रोटीन, 22.6 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.1 प्रतिशत वसा, 0.4 प्रतिशत खनिज और 97 प्रतिशत कैलोरी ऊर्जा पाई जाती है।

- आलू उबालने के बाद बचे पानी में एक आलू मसलकर बाल धोने से आश्चर्यजनक रूप से बाल चमकीले, मुलायम और जड़ों से मजबूत

होंगे। सिर में खाज, सफेद होना व गंजापन तत्काल रुक जाता है।

- जलने पर कच्चा आलू कुचलकर जले भाग पर तुरंत लगा देने से आराम मिल जाता है। - आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।

- आलू के रस में नींबू रस की कुछ बूंदें मिलाकर लगाने से धब्बे हल्के हो जाते हैं।

- आलू के टुकड़ों को गर्दन, कुहनियों आदि सख्त स्थानों पर रगडऩे से वहां की त्वचा साफ एवं कोमल हो जाती है।

- आलू भूनकर नमक के साथ खाने से चर्बी की मात्रा में कमी होती है।

- झाइयों तथा झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आलू के रस में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर झाइयों और झुर्रियों पर लगाएं। बीस मिनट बाद चेहरा पानी से साफ कर लें।

-  भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है।

-  चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर खाएँ। इससे गठिया ठीक हो जाता है।

-  उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।

-  कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से 5 से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 मास में साफ हो जाता है।

ये हैं 'लेडी दबंग', राउंड पर निकलीं तो बाकियों की खुली पोल, देखें तस्वीरें


 


 

 
 
 
इंदौर। डीआरपी लाइन पर मंगलवार को आईजी अनुराधा शंकरसिंह ने परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टाफ की बिगड़ी फिटनेस और अस्त-व्यस्त वर्दी देख नसीहत दे डाली।

आईजी की नसीहतें

-मल्हारगंज टीआई सुरेश सेजवाल की तोंद देख फिटनेस सुधारने के लिए कहा।

-विजयनगर टीआई कमल जैन कतार में गोल मटोल नजर आ रहे थे। उन्हें भी तोंद कम करने की नसीहत दी।

-विजयनगर सीएसपी अमरेंद्रसिंह बलवा परेड में हवाई फायर करने का अनाउंस कर बैठे। उन्हें समझाया कि हवाई फायर नहीं कारगर फायर बोला करो।

-पलासिया टीआई पंकज दीक्षित हाथ ललाट पर रखकर सैल्यूट ठोंक रहे थे। उन्हें कहा हाथ दायीं आंख के ऊपर रखा करो।

भर्ती के समय होता है नियम

-भर्ती के समय फिटनेस नियम सख्त होते हैं लेकिन जैसे-जैसे नौकरी आगे बढ़ती है लापरवाही बढ़ती जाती है।

-168 सेंटीमीटर ऊंचाई

-86 सेंटीमीटर सीना फुलाने पर (5 सेमी)

-800 मीटर दौड़ (दो मिनट 52 सेकंड)

डाइटीशियन की मदद लेंगे

इंदौर जिले के लिए भी डाइटीशियन की मदद से मोटे पुलिसकर्मियों का फिटनेस ठीक किया जाएगा। हम सभी पुलिसकर्मियों का मेडिकल परीक्षण भी करवा रहे हैं। ए.साईं मनोहर, एसएसपी
 
 
 
 
 

Monday 26 March 2012

यहां होता है चमत्कार... डुबकी लगाते ही गायब हो जाते हैं 'दाग'!


बांदा। बुंदेलखण्ड में कई ऐसे प्राकृतिक संसाधन हैं जो मानव जीवन के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं। बांदा जिले के तुर्रा गांव की बिसाहिल नदी में एक ऐसा पाताली जलधारा का कुंड है, जिसका पानी पीने या स्नान मात्र से बड़ा से बड़ा चर्म रोग ठीक हो जाता है। चिकित्सक और वैज्ञानिक भी इस करिश्माई जल में घुले तत्वों की खोजबीन करने में नाकाम हैं।
 

  
चित्रकूट के हनुमानगंज के जंगल में बने 'करका आश्रम' के जलकुंड के पानी में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को ठीक करने के गुण पाए जाते हैं। यह कुंड विंध्यश्रृंखला की पहाड़ी से निकले एक झरने में बना है।

  
बांदा जिले के तुर्रा गांव की बिसाहिल नदी में पाताली पानी को एकत्र करने के लिए बनाया गया एक कुंड आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। 10 साल पहले इलाहाबाद राजमार्ग संख्या-76 में निर्माण किए जा रहे पुल के खम्भे की खुदाई से फूटी पाताली जलधारा ने जहां सूखी नदी को पानी से लबालब कर दिया, वहीं राज्य सेतु निर्माण निगम को काम रोकने के लिए भी मजबूर कर दिया था।

  
बाद में निर्माण एजेंसी को इस पुल का निर्माण पचास मीटर की दूरी पर अन्य जगह कराना पड़ा। गांव के लोगों ने गर्मी में पानी की कमी को दूर करने के लिए चंदे से जुटाई रकम से इस जलधारा को एक पक्के कुंड में बदल दिया और जलस्रोत में लोहे का पाइप लगा दिया। इस पाइप से निकल कर पानी कुंड में एकत्र होता है और राहगीरों के अलावा आस-पास के ग्रामीण इसका उपयोग करते हैं।

  
कुछ साल पहले भयंकर चर्म रोग से पीड़ित एक राहगीर ने इस कुंड में स्नान किया तो उसे काफी फायदा मिला। तभी से हर शनिवार को यहां चर्म रोगियों की भीड़ जमा होने लगी, जो अनवरत जारी है। तुर्रा गांव के प्रधान पति संतोष वर्मा ने बताया, "अब तो दूर-दराज से चर्म रोगी यहां स्नान करने आते हैं और अपने साथ कुंड का पानी ले जाते हैं।"

  
इसी गांव के पूर्व प्रधान रजुवा शिवहरे ने बताया, 'गर्मी में नदी का पानी सूख जाता है, पर कुंड की जलधारा बहती रहती है। यहां का पानी चर्म रोगियों के लिए रामबाण दवा है, एक्जिमा, अपरस, खुजली जैसी गंभीर बीमारी के रोगी यहां स्नान करने आते हैं।"

  
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) बांदा के.एन. श्रीवास्तव ने बताया, "ऐसे पाताली जलस्रोतों में धातु या जड़ी-बूटी का मिश्रण होता है, जिससे कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इस कुंड के पानी की जांच कराकर पता किया जाएगा कि इसमें कौन सा तत्व घुला हुआ है।"

  
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय एवं महाविद्यालय अतर्रा के प्राचार्य डॉ एस.एन. सिंह ने बताया, "यह जल स्रोत भूगर्भ की किसी धातु से टकरा कर बाहर निकलता है, जिसके घोल से चर्म रोगियों को निजात मिलती है।"

क्या आप जानते हैं: भारतीय सिनेमा की पहली अभिनेत्री कौन थी?

1. भारतीय सिनेमा की पहली अभिनेत्री थी। 
 
- देविका रानी रोरित
 
2. पिंजर किसकी कृति है।
 
- अमृता प्रितम की
 
3. देश के पहले हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र उदंत मरतड के संपादक कौन थे। 
 
- युगल किशोर शुक्ल
 
4. सात पहाड़ियों पर बसा शहर कौनसा है।
 
- तिरुवनंतपुरम (केरल का)
 
5. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कामरेड नामक समाचार पत्र के संपादक कौन थे। - मो. अली जिन्ना
 
6.राज्य में सर्वाधिक हल्दी का उत्पादन कहां होता है।
- उदयपुर
 
7. राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिदेशक कौन थे।
 
-रघुनाथ सिंह
 
8. राजस्थान में सर्वाधिक कृष्ण मृग किस अभयारण्य में है।
 
-तालछापर
 
9. ऊंट महोत्सव का आयोजन कहां किया जाता है।
 
- बीकानेर
 
10. महाराणा प्रताप की छतरी कहां स्थित है।
 
- बाडोली
 
11. राजपुताना का इतिहास किसकी कृति है।
 
- गौरीशंकर ओझा 
 
12. सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थान पर मनका निर्माण का कारखाना के अवशेष मिले हैं।
 
- लोथल व चन्हूदड़ो
 
13. भोजप्रबंध पुस्तक का लेखक कौन था।
 
- बल्लाल
 
14. विक्रमांकदेवचरित की रचना किसने की थी।
 
- बिल्हण
 
15. जैन ग्रंथ कल्पसूत्र की रचना किसने की थी।
 
- भद्रभाहू
 
16. बुद्धरचित महाकाव्य की रचना की थी।
 
- अश्वघोष
 
17. महायान संग्रह, महायान सूत्रालंकार बौद्ध ग्रंथ किसने लिखा था।
 
- असंग
 
18. चतु: शतक पुस्तक किसने लिखी थी।
 
- नागाजरुन
 
19.दीपवंश व महावंश किस भाषा के ग्रंथ हैं।
 
- पालि भाषा
 
20.महर्षि वाल्मीकि का असली नाम क्या था।
 
- रत्नाकर 

Krish Rao


Saturday 17 March 2012

आम बजट : जानिए क्‍या हुआ सस्‍ता, क्‍या हुआ महंगा

नई दिल्‍ली. वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सातवां बजट (मुख्‍य बातेंपेश कर दिया है। सर्विस टैक्‍स में 2 फीसदी की बढोतरी करने का ऐलान किया गया है। सर्विस टैक्‍स 10 से 12 फीसदी हुआ। अब कुछ सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर सर्विस टैक्‍स लगेगा। होटल-रेस्‍टोरेंट में खाना, जिम, कोचिंग, फोन बिल, टीवी, फ्रिज, एसी, सीमेंट महंगा हुआ है। गोल्‍ड, डायमंड, प्‍लेटिनम, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा के दाम भी बढ़ेंगे। पेट्रोल महंगा होने के भी पूरे आसार हैं।

इस साल के बजट में एक्‍साइज ड्यूटी में भी दो फीसदी का इजाफा किया गया है। बड़ी कारें दो फीसदी महंगी होंगी। विदेशी साइकिल, हवाई सफर, घूमने और पार्लर पर भी महंगाई की मार पड़ी है। हालांकि मोबाइल, गहने के दाम नहीं बढ़ेंगे। एलईडी, एलसीडी, सौर ऊर्जा लैंप, सीएफएल बल्‍ब, माचिस सस्‍ते होंगे। एड्स, कैंसर की दवाएं सस्‍ती होंगी। नमक, सोया उत्‍पाद सस्‍ते होंगे। ऊनी, रेशमी, रेडिमेड कपड़े, खाद, कोयला सस्‍ते हुए हैं।

आयकर छूट की सीमा बढ़ी
आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 2 लाख तक कर दी गई है। इससे पहले एक लाख 80 हजार तक आय पर कर से छूट मिलती थी। स्‍लैब में भी बदलाव हुआ है। अब 2 से 5 लाख की आय पर 10 फीसदी, 5 से 10 लाख की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्‍स लगेगा। प्रणब मुखर्जी ने भरोसा दिया है कि काले धन पर सरकार इसी सत्र में श्‍वेत पत्र लाएगी। विदेशी बैंकों में जमा काला धन लाने पर 82 देशों से समझौते हुए हैं।

10 लाख तक आय वालों के लिए खुशखबरी
आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख रुपये से बढ़ा कर दो लाख रुपये कर दी गई है। 10 लाख रुपये तक आय वालों के लिए एक और खुशखबरी है। इनके राजीव गांधी इक्विटी योजना में निवेश पर 50 फीसदी कर छूट मिलेगी। शेयर बाजार में 50 हजार के निवेश पर 25 हजार टैक्‍स छूट मिलेगी। सस्‍ते मकान खरीदने वालों के लिए भी खुशखबरी है। 25 लाख तक के घर के लिए ब्‍याज में 1 फीसदी की छूट इस साल भी मिलती रहेगी। सस्‍ते घरों के लिए बिल्‍डर विदेश से कर्ज ले सकते हैं।

दिसंबर 2012 तक पीडीएस की नई स्‍कीम लागू होगी। पीडीएस नेटवर्क कंप्‍यूटरीकृत होगा। इंदिरा गांधी पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली राशि 200 से बढ़ाकर 300 रुपये हर महीने कर दी गई है। छात्रों को लोन के लिए क्रेडिट गारंटी फंड की व्‍यवस्‍था की जाएगी। ब्‍लॉक स्‍तर पर 6000 स्‍कूल की योजना है। सर्व शिक्षा अभियान के लिए 25, 500 करोड़ और जुटाए जाएंगे। एम्‍स जैसे सात मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। रक्षा सेवाओं के लिए 1, 93, 407 करोड़ का बजट रखा गया है। अर्ध सैनिक बलों के लिए 4000 मकान बनाए जाएंगे।

किसानों को तोहफा
पांच लाख 75 हजार करोड़ कृषि कर्ज दिया जाएगा। वक्‍त पर कर्ज लौटाने वाले किसानों को 3 फीसदी की अतिरिक्‍त छूट दी जाएगी। किसान कार्ड एटीएम में भी चलेंगे। शहरी स्‍वास्‍थ्‍य मिशन शुरू होगा। नेशनल फूड सिक्‍योरिटी मिशन का प्रस्‍ताव है।


प्रणब ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार की उम्‍मीद थी पर नहीं हुई। यूरोप में आर्थिक संकट और गहरा गया है। कच्‍चे तेल की कीमतें बढ़ी, जापान में भूकंप का असर हुआ। आर्थिक सुधार में गति लाने के लिए कठोर फैसले लेने होंगे। उम्‍मीद है कि मुद्रास्‍फीति कम होगी। निजी निवेश, कृषि, परिवहन और ऊर्जा पर जोर देना होगा। महंगाई रोकने में कामयाबी मिली है। अर्थव्‍यवस्‍था फिर पटरी पर लौट रही है। निर्यात 22 प्रतिशत बढ़ाने पर जोर है। जीएसटी अगस्‍त 2012 में लागू होगा। डीटीसी सिफारिशों पर जल्‍द कदम उठाए जाऐंगे।

अगले साल जीडीपी 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। सरकार का घाटा लक्ष्‍य से 1.25 फीसदी ज्‍यादा हुआ है। सब्सिडी से सरकारी घाटा बढ़ा है, अगले साल महंगाई दर और कम होगी। लेकिन तेल सब्सिडी में कटौती के संकेत हैं। 50 जिलों में किरोसीन-एलपीजी पर सीधे सब्सिडी के इंतजाम किए गए हैं। खाद सब्सिडी सीधे दुकानदार को मिलेगी। किराना कारोबार में 51 फीसदी विदेशी निवेश का लक्ष्‍य। आम सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं। सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के लिए पैसा जुटाएगी। साल 2012-13 में 30 हजार करोड़ रुपये विनिवेश का लक्ष्‍य रखा गया है। 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्‍टक्‍चर बॉन्‍ड जारी किए जाएंगे। ये बॉन्‍ड टैक्‍स फ्री होंगे।

यारों ने महाशतक पर क्या कहकर निभाई यारी..



मास्टर ब्लास्टर के शतक पर उनके साथ खेले खिलाड़ियों ने कहा।
एक यादगार दिन

सचिन के 100वें शतक का पूरे देश को इंतजार था, जो शुक्रवार को पूरा हो गया। यह दिन क्रिकेट के इतिहास में यादगार रहेगा। सचिन महान खिलाड़ी हैं। वह जगह ऐतिहासिक है जहां क्रिकेट के भगवान ने यह मुकाम हासिल किया है।

-उमेश यादव, तेज गेंदबाज

नहीं कर पाएगा कोई मुकाबला

सचिन पा जी के 100 वें शतक पर मैं बेहद खुश हूं। वे महान खिलाड़ी हैं और उन्हें इसके लिए जितनी शुभकामनाएं दी जाएं उतनी कम हैं। उनका न कोई मुकाबला कर सका है और न ही आगे कोई कर पाएगा।

-दिनेश कार्तिक, विकेटकीपर

जो कहूं कम है

मैंने सचिन जैसे महान खिलाड़ी के साथ समय बिताया है। उनके 100वें शतक के बारे में मैं जो भी कहूं वो कम है। मेरे पास वे शब्द नहीं हैं जिनसे सचिन की काबिलियत को बयां किया जा सके।

- ए.मुकुंद, बैट्समैन

हैट्स ऑफ टु मास्टर

हैट्स ऑफ टु मास्टर। वे जिस अदा से बल्लेबाजी करते हैं, उसका पूरी दुनिया दीवानी है। उन्होंने अपने जीवन के 22 साल क्रिकेट को दिए हैं। उन्होंने अपने आप पर कम और युवाओं पर अधिक जोर दिया है। मैं उन्हीं भाग्यशाली युवाओं में से एक हूं।

-पीयूष चावला, लेग स्पिन

छू तक नहीं पाएगा कोई रिकॉर्ड

पा जी ने जो किया है, वह कोई नहीं कर सकता। इस रिकॉर्ड के लिए सचिन का परिवार भी बधाई का पात्र है। मैं खुशनसीब हूं की इस महान खिलाड़ी के साथ खेल पाया। यह रिकॉर्ड आलोचकों को करारा जवाब है जो सचिन को संन्यास लेने की सलाह देते हैं।

- मोहम्मद कैफ, बैट्समैन

हालात उनके मुताबिक बदलते हैं

सचिन के 100वें शतक पर उनके फैंस, फैमिली और पूरी टीम को बधाई देता हूं। याद है मुझे जब मेरे मैच से पहले सचिन ने मुझे फ्री माइंड खेलने को कहा था। वे क्रिकेट के भगवान हैं और मैदान में हालात उनके अनुसार बदलते हैं वे हालात के मुताबिक नहीं।

- हरविंदर सिंह, तेज गेंदबाज