Sunday 4 August 2013

किसी भी उम्र की हीरोइन चलेगी:शाहरुख

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Shahrukh khan with our family
शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत ‘डर’ व ‘बाजीगर’ जैसी फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाते हुए की। उसके बाद ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’, ‘दिल तो पागल है’, ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी फिल्मों में काम कर उन्होंने ‘रोमांस का बादशा ह’ की पदवी हासिल की।
फिर उन्होंने ‘स्वदेस’ व ‘चक दे इंडिया’ जैसी मुद्दों पर आधारित कुछ फिल्में भी कीं। साथ ही कुछ संजीदा किस्म की फिल्मों में भी काम किया। अब वह कॉमेडी-एक्शन फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में न सिर्फ अभिनय कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने इसका निर्माण भी किया है। फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ का कथानक
चेन्नई एक्सप्रेस’ की कहानी राहुल की है, जो एक उत्तर भारतीय युवक है। वह मुंबई में रहता है। अपने दादा की मौत के बाद उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए उनकी अस्थियों का विसर्जन करने रामेश्वरम को रवाना होता है। यात्रा के दौरान ट्रेन में उसकी मुलाकात एक दकियानूसी दक्षिण भारतीय परिवार की लड़की मीना से होती है। पहले दोनों में प्यार हो जाता है और फिर टकराव। दक्षिण भारतीयों का मजाक नहीं मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस  फिल्म में दक्षिण भारतीयों का मजाक नहीं उड़ाया गया है। वैसे मैं स्वयं आधा दक्षिण भारतीय हूं, क्योंकि मेरी मां हैदराबाद और पिता पेशावर से थे। तो मैं बिरयानी और हलीम का बेहतरीन मिश्रण हूं। ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ एक अच्छा बदलाव
काफी समय से मैं काफी संजीदा और गंभीर किस्म की फिल्में कर रहा था। उनसे हट कर कुछ अलग काम करने की चाह के साथ मैंने ये फिल्म की। यह रोहित शेट्टी स्टाइल की एक्शन-कॉमेडी फिल्म है। दो साल पहले रोहित शेट्टी ने मुझे दो कहानियां सुनाई थीं, जिसमें से एक थी फिल्म ‘अंगूर’ का रीमेक और दूसरी थी चेन्नई एक्सप्रेस। मुझे ये दोनों कहानियां बहुत पसंद आई थीं, पर खुद रोहित शेट्टी ने मुझे सलाह दी कि मैं पहले ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ करूं। ‘जब तक है जान’, ‘चक दे इंडिया’, ‘माई नेम इज खान’ जैसी संजीदा फिल्में करने के बाद ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ करना मेरे लिए एक अच्छा बदलाव है। मैं भविष्य में भी ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ जैसी फिल्मों में काम करना पसंद करूंगा।’ स्टंटमैन का काम नहीं छीनना चाहता
फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में मैंने स्वयं अपने स्टंट सीन किए हैं, लेकिन इसके यह मायने नहीं हैं कि मैं स्टंट करने वाले पेशेवरों के टैलेंट को नजरंदाज कर रहा हूं या उनके टैलेंट की कद्र नहीं करता। बल्कि सच तो यह है कि वे स्टंटमैन ही हैं, जिन्होंने हमें स्टंट करना सिखाया है। स्टंट करने से डर नहीं लगता
‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के स्टंट सीन की शूटिंग के ही दौरान मेरे कंधों पर चोट लगी। इसके बावजूद मैं अपने स्टंट खुद करना चाहता हूं। मैं आज 47 साल की उम्र में भी बिल्डिंग से नीचे कूद सकता हूं। मैं काफी स्टंट करना चाहता हूं, क्योंकि मैं अपने घर जाकर खतरनाक स्टंट सीन को लेकर अपने बच्चों से झूठ नहीं बोल सकता। मेरी परवरिश बहुत ही साधारण तरीके से हुई है। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा अच्छी चीजें ही सिखाई हैं, इसलिए मुझे झूठ बोलना या गलत काम करना पसंद नहीं। मैं अपने बच्चों से यह कहते हुए गर्व महसूस करना चाहता हूं कि हां ये स्टंट मैंने खुद किए हैं। घर अहम
मेरा मानना है कि यदि आपके पास घर और शिक्षा है तो पूरा संसार आपके चरणों में है। मुझे तो संघर्ष के दिनों में सड़क पर भी सोना पड़ा है। मैं हर नए कलाकार को यही सलाह देता हूं कि पहले घर खरीदे। मेरे लिए मेरा घर और मेरा प्रोफेशन बहुत अलग है। मैं अपने घर पर बहुत ही आम इंसान हूं और उसी तरह अपने बच्चों, अपनी बहन, अपनी पत्नी के साथ व्यवहार करता हूं। शुरुआत में मेरे बच्चों को लगता था कि उनके घर पर आने वाले लोग हृतिक रोशन वगैरह टीवी पर काम करते हैं। मेरे बच्चे मेरे फैन नहीं हैं। वह भी यथार्थ में ही यकीन रखते हैं। मैं अपने बच्चों के साथ उनके स्कूल भी जाता हूं। हीरोइन की उम्र से कोई फर्क नहीं
इस उम्र में भी मैं पहले जैसी एनर्जी के साथ काम करता हूं। मेरे कहने का अर्थ यह है कि हीरोइन की उम्र से कुछ फर्क नहीं पड़ता। मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि फिल्म ‘जब तक है जान’ की शूटिंग के दौरान कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा के साथ काम करते हुए मैंने सीखा कि जिंदगी को किस तरह से डील किया जाना चाहिए। एक नजर
18 साल की उम्र में शाहरुख खान ने पहली बार अपनी पत्नी गौरी से डांस करने के लिए कहा था, जो उस वक्त 14 साल की थीं। शाहरुख खान ने गौरी से शादी करने के लिए अदालत में गलत पते दिए थे, जबकि परिवार की रजामंदी थी। शाहरुख खान कॉलेज के दिनों में स्पोर्ट्स को ज्यादा समय देते थे। यदि वह फिल्मों में ना होते तो शिक्षक होते। लोगों के चेहरों पर मुस्कराहट लाने में उन्हें आनंद मिलता है। उनके माता-पिता ने हमेशा सिखाया कि ईश्वर एक है, इसलिए वह अपने दोस्तों के साथ मंदिर भी जाते हैं। वह ईद और दीवाली दोनों मनाते हैं। शाहरुख खान ईश्वर में आस्था रखते हैं, मगर ज्योतिष में यकीन नहीं करते। शाहरुख खान को किताबें पढ़ने का भी बहुत शौक है। उन्होंने ‘द फाइव पीपल यू मेट इन हेवन’ नामक उपन्यास भी पढा है। शाहरुख खान ने कार्टून फिल्मों को भी अपनी आवाज दी है। शाहरुख खान को किसी भी फिल्म को करने या किसी फिल्म को ना करने का कोई गम नहीं है। शाहरुख खान ने ‘केबीसी’, ‘क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं’, ‘जोर का झटका’ जैसे कुछ टीवी रियलिटी शोज में भी काम किया है।

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