Friday 2 August 2013

तेलंगाना पर सियासत, कांग्रेस के 7 सांसदों ने दिया इस्तीफा

Image Loadingपृथक तेलंगाना राज्य के गठन के कांग्रेस और संप्रग सरकार के फैसले को लेकर झुब्ध आंध्र प्रदेश से कांग्रेस के सात सांसदों ने आज संसद से इस्तीफा दे दिया। कुछ और सांसदों के भी जल्द इस्तीफा दिये जाने के संकेत हैं। 
    
जिन सांसदों ने इस्तीफे दिये हैं, उनके नाम हैं ए साई प्रताप (राजमपेट), अनंत वेंकटरामी रेड्डी (अनंतपुर), सी वी हर्ष कुमार (अमलापुरम), वी अरूण कुमार (राजामुंदरी), एल राजगोपाल (विजयवाडा) और एस पी वाई रेड्डी (नांदयाल)।
    
इन सांसदों ने अपने इस्तीफे लोकसभा महासचिव टी के विश्वनाथन को सौंपे, जबकि उच्च सदन के सदस्य के वी पी रामचन्द्रराव ने राज्यसभा के महासचिव के शेरिफ को अपना इस्तीफा सौंपा।
    
सांसदों ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश से लोकसभा के तीन और सदस्य सब्बम हरि (अनकापल्ली), एम श्रीनिवासुलु रेड्डी (ओंगोल) और आर संभाशिव राव (गुंटुर) ने भी अपने इस्तीफे फैक्स से भेज दिये हैं।
    
सांसदों ने यह भी दावा किया कि आंध्र क्षेत्र के केन्द्रीय मंत्री कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे और फिर अपना इस्तीफा सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से समय मांगा है, क्योंकि नियमों के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष को इस बात पर संतुष्ट होना चाहिए कि सदस्य ने अपनी इच्छा से यह कदम उठाया है न कि किसी दबाव में।
    
तेलंगाना पर फैसले से झुब्ध आंध्र प्रदेश के कांग्रेस के कुछ सांसदों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने कल देर रात कांग्रेस सांसद केवीपी रामचंद्र राव के आवास पर बैठक की। समझा जाता है कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने सांसदों को समझाया कि कांग्रेस आला कमान द्वारा तेलंगाना के गठन पर फैसला किए जाने के बाद उचित होगा कि इस्तीफा देने के बजाय आंध्र प्रदेश के विकास और नयी राजधानी की स्थापना के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
    
हालांकि कुछ सांसदों का मानना था कि हालात अभी काबू से बाहर नहीं हुए हैं और अपना इस्तीफा देकर वे सरकार को अपना फैसला वापस लेने को मजबूर कर सकते हैं। इनमें से कुछ सांसदों की हालांकि यह भी राय थी कि पांच अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे को अधिक प्रभावी ढंग से उठाया जा सकता है।

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