
पीड़ित व्यक्ति की बेटी मधुमती के अनुसार बीते रविवार को एतिसलात मेट्रो स्टेशन के पंचिंग गेट के निकट एक पुलिसकर्मी ने उन्हें रोका और कहा कि उनके पिता ने जो पहनावा पहन रखा है, उसकी यहां इजाजत नहीं है तथा वह यह पहनकर मेट्रो में नहीं जा सकते हैं। समाचार पत्र गल्फ न्यूज के अनुसार मधुमती ने कहा कि मैंने पुलिसकर्मी से आग्रह किया कि हमें अंदर जाने दिया जाए, लेकिन उसने हमें अनसुना कर दिया। वाकई में यह शर्मिंदा करने वाली बात है और मेरे पिता बहुत परेशान थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिसकर्मी को यह समझाने का पूरा प्रयास किया कि धोती एक पारंपरिक भारतीय लिबास है, जो शरीर को पूरी तरह ढकती है। मधुमती ने कहा कि उनके पिता यहां कई बार धोती पहनकर मेट्रो में घूम चुके हैं, लेकिन किसी ने नहीं रोका था। सड़क एवं परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के अनुसार यात्रा को लेकर कोई ड्रेस कोड तय नहीं है। मधुमती ने इस मामले में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज करा दी है।
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