Monday 5 August 2013

सुप्रीम कोर्ट से सलेम को झटका, भारत में चलेगा मुकदमा

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Abu salem
माफिया सरगना अबू सलेम पर 1993 के मुम्बई बम विस्फोटों सहित विभिन्न मामलों में मुकदमा जारी रहेगा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने स भी कार्यवाही रद्द किए जाने के उसके अनुरोध को खारिज कर दिया। सलेम ने न्यायालय से आग्रह किया था कि पुर्तगाल की शीर्ष अदालत द्वारा उसके भारत प्रत्यर्पण को रदद किए जाने के बाद उसके खिलाफ सभी कार्यवाही खारिज कर दी जाए।
  
उच्च्तम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि पुर्तगाल अदालत का फैसला यहां की अदालतों के लिए बाध्यकारी नहीं है और भारत को सलेम का प्रत्यर्पण कानून की नजरों में वैध है। प्रधान न्यायाधीश पी़ सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि, सीबीआई को सलेम पर उसके प्रत्यर्पण के बाद टाडा तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत लगाए गए अतिरिक्त आरोपों को वापस लेने की अनुमति दे दी।
  
सलेम (45) ने पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा वहां की निचली अदालत के फैसले को बहाल रखे जाने के बाद भारत में विभिन्न अदालतों में अपने खिलाफ दायर मुकदमों को वापस बंद किए जाने का अनुरोध किया था। पुर्तगाल की निचली अदालत ने भारतीय अधिकारियों द्वारा निर्वासन नियमों का उल्लंघन किए जाने के आरोप में सलेम के प्रत्यर्पण को रद्द कर दिया था।
  
माफिया सरगना के प्रत्यर्पण के समय भारत ने पुर्तगाल को आश्वासन दिया था कि सलेम के खिलाफ ऐसे कोई आरोप नहीं लगाए जाएंगे, जिनमें मौत की सजा तथा 25 साल से अधिक कैद का प्रावधान हो, लेकिन बाद में ऐसे आरोप लगा दिए गए।
  
उच्चतम न्यायालय ने टाडा अदालत के 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ सलेम की याचिका पर उसके मुकदमे पर रोक लगा दी थी। टाडा अदालत ने मुकदमा बंद किए जाने का उसका आग्रह खारिज कर दिया था। अटॉर्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती ने कहा था कि सरकार पुर्तगाली अदालत को दिए अपने आश्वासन के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने निचली अदालत द्वारा सलेम के खिलाफ तय किए गए अतिरिक्त आरोपों को वापस लेने की अनुमति मांगी थी।
  
सीबीआई ने पुर्तगाल सरकार के प्रति अपनी कटिबद्धता के मद्देनजर टाडा की धारा 5 और 6 तथा विस्फोटक पदार्थ कानून की धारा 4 (बी) और 5 के तहत दायर आरोपों को वापस लेने के लिए न्यायालय से इजाजत मांगी थी। सलेम वर्तमान में मुम्बई की ऑर्थर रोड जेल में बंद है।
पुर्तगाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सलेम ने टाडा अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसके खिलाफ मुकदमा बंद किया जाना चाहिए। तब उसने लिस्बन स्थित हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विशेषता के नियम के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
  
पिछले साल 19 सितंबर को लिस्बन अदालत ने कहा था कि भारत ने वायदे का उल्लंघन गया है। सलेम और उसके साथ उस समय रही अभिनेत्री मोनिका बेदी को तीन साल तक चली मैराथन कानूनी कार्यवाही के बाद 11 नवम्बर 2005 को भारत को प्रत्यर्पित किया गया था।

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