Wednesday 7 August 2013

कांग्रेस का पृथक तेलंगाना के फैसले पर पीछे मुड़ने से इंकार

Image Loadingकांग्रेस ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले पर पीछे मुड़ने से स्पष्ट तौर पर इंकार किया। यद्यपि पार्टी ने आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने के निर्णय से उत्पन्न हो रही चिंताओं को सुनने के लिए रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठि त की है।
पार्टी प्रवक्ता पी सी चाको ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नहीं, पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है। कई और चीजें तय होनी हैं । यह समिति फैसले को लागू करने के लिए है, न की फैसले को रोकने के लिए। इससे पहले आज दिन में पार्टी ने एंटनी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की । पार्टी महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पथक तेलंगाना राज्य के गठन के निर्णय से उत्पन्न हो रही चिंताओं को सुनने के लिए एंटनी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की है। तेलंगाना राज्य बनाने की घोषणा के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में इसी तरह पथक राज्यों की मांग हो रही है। कांग्रेस की इस समिति में एंटनी के अलावा पार्टी महासचिव एवं आंध्र प्रदेश मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को शामिल किया गया है। चाको ने कहा कि वास्तव में पार्टी नेताओं के बीच दो तरह की राय है लेकिन साथ ही कहा कि हमें पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति द्वारा लिये गये फैसले को लागू करना है । चाको ने भाजपा के इस आरोप को भी खारिज किया कि कांग्रेस तेलंगाना के गठन को लेकर टालमटोल कर रही है । उन्होंने सवाल किया कि आखिर राजग अपने शासनकाल के दौरान जब छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड का गठन कर रही थी तो उस वक्त उसने तेलंगाना का गठन क्यों नहीं किया। समिति बनाने की यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब आंध्र प्रदेश से पार्टी के कुछ सांसद सदन में लगातार एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र से आने वाले सात केन्द्रीय मंत्रियों ने कल रात कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले को लेकर आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र के लोगों की भावनाओं से अवगत कराया था। इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें बताया था कि वरिष्ठ नेताओं की एक समिति गठित की जायेगी जो उनकी शिकायतों पर गौर करेगी ।

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