Friday 2 August 2013

इशरत केस: अमीन पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, सुनवाई मंगलवार को

Image Loadingभारतीय पुलिस सेवा के निलंबित अधिकारी एन के अमीन गुजरात के बहुचर्चित इशरत जहां मुठभेड़ कांड में अपने आरोपों को निरस्त कराने के अनुरोध के साथ आज उच्चतम न्यायालय पहुंचे।
      
अमीन ने अपनी याचिका में खुद को निर्दोष करार देते हुए अपने खिलाफ दायर सीबीआई के आरोपों को निरस्त करने की मांग की है। न्यायालय इस मामले की सुनवाई मंगलवार को करेगा। सीबीआई ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड मामले में अमीन के जमानत पर रिहा होने के बाद चार अप्रैल 2013 को इशरत मुठभेड़ कांड के सिलसिले में फिर से गिरफ्तार किया था।
      
सीबीआई ने गत तीन जुलाई को दायर अपने आरोपपत्र में अमीन के अलावा गुजरात पुलिस के पूर्व उप महानिरीक्षक डी जी बंजारा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पी पी पांडे, जी एल सिंघल, अनादि चौधरी, जे जी परमार और तरुण बरोत के नाम शामिल किये थे। 
      
सीबीआई ने सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302, 368, 120, 201, 270 एवं 280 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25ई के तहत आरोपित किया है। सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया है कि 15 जून 2004 को अहमदाबाद में इशरत एवं उसके तीन अन्य साथियों जावेद शेख, अमजद अली राणा और जीशान जौहर की हत्या किये जाने से दो दिन पहले अमीन और बरोत ने मुंबई की 19 वर्षीया छात्रा इशरत और जावेद को आणंद जिले के एक टॉल बूथ से उठाया था। 
    
अमीन पर इशरत और उसके तीनों साथियों पर गोलियां चलाने काआरोप है। आरोप पत्र के अनुसार मुठभेड़ को जायज ठहराने के लिए गुजरात पुलिस के अधिकारियों को नाकाबंदी के नाम पर अहमदाबाद में विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था।
       
उल्लेखनीय है कि मुंबई की छात्रा इशरत और उसके तीन साथी 2004 में गुजरात पुलिस के साथ फर्जी मुठभेड में मारे गए थे। पुलिस ने दावा किया था कि ये लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे और मोदी की हत्या की साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे।

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