Monday 5 August 2013

फिर सरबजीत की बहनें हुई आमने-सामने

जलालाबाद: पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 23 वर्ष की सजा काटने के बाद एक कातिलाना हमले में मारे गए कौमी शहीद सरबजीत सिंह की असल बहन होने का दावा करने वाली लुधियाना निवासी बलजिन्द्र कौर ने रहस्योद्दघाटन करते हुए कहा है कि दलबीर कौर से उनके परिवार का किसी भी तरह का कोई रिशता नही है।
दलबीर कौर जोकि पिछले दो दशक से खुद को सरबजीत की असली बहन बताकर देश की जनता तथा राजनीतिज्ञों को गुमराह करते आ रही है की सच्चाई सामने लाने के लिए वह माननीय अदालत से दलबीर कौर का डी.एन.ए.टेस्ट करवाए जाने की अपील को लेकर याचिका दायर करने जा रही है।

आज जलालाबाद में दलित मूवमेंट फार ह्यूमन राइटस एंड डिगनेटी के सचिव हरप्रीत सिंह मेहमी के निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए बलजिन्द्र कौर ने कहा कि वर्ष 1990 में गलती से पाकिस्तान गए उनके भाई सरबजीत के पाक जेल में बंद होने के बारे में सबसे पहले दलबीर कौर ने ही उनके परिवार को सूचित किया था।

बलजिन्द्र कौर ने खुलासा किया कि जिस समय सरबजीत को पाक रेंजरों ने पकड़ा उस समय उसके परिवार की पहचान का प्रमाण देने के चलते तथा इस पूरे मामले की पैरवी करने के लिए आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण वह तथा उसका परिवार अपने भाई को बचाने के लिए आगे नही आया और दलबीर कौर ने सरबजीत की बहन होने का दावा करते हुए इस पूरे मामले को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाकर वर्ष 1992 से आवाज बुलंद की।

बलजिन्द्र कौर ने भावुक होते हुए आरोप लगाया कि जेल में बंद सरबजीत पर अमानवीय अत्याचार होने के चलते उसकी रिहाई का मुद्दा जैसे जैसे गर्माता गया वैसे वैसे दलबीर कौर इस मुद्दे को भुनाने में लगी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरबजीत की रिहाई के लिए भारी फंड एकत्रित होने के बाद  इस मामले पर उनकी भाभी तथा सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर तथा दलबीर कौर के बीच तनाव भी रहने लगा और दलबीर कौर ने अपने फायदे के लिए उसके भाई सरबजीत की रिहाई के लिए प्रयास करने कम कर दिए और।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अंततराष्ट्रीय समुदाय ने सरबजीत की रिहाई के लिए उसके परिवार को फंड भेजा था उससे पाकिस्तान को ब्लडमनी देकर सर्बजीत को रिहा करवाया जा सकता था जबकि दलबीर कौर ने ऐसा जानबूझकर नही किया। सरबजीत के अंतिम संस्कर पर भी उनके परिवार के किसी सदस्य के सामने न आने संबंधी पूछे जाने पर बलजिन्द्र कौर ने खुलासा करते हुए  कहा कि सरकार द्वारा उनके भाई को कौमी शहीद ऐलाने जाने के चलते दलबीर कौर ने उनके परिवार को मीडिया के सामने आने से रोके रखा। इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सरकार उनके परिवार की सही समय पर आर्थिक सहायता करती तो सरबजीत को पाक से जिंदा वापस लाया जा सकता था।

लजिन्द्र कौर ने कहा कि वह पाक से सरबजीत की निशानियां वापस लाने की मांग को लेकर जलदी ही प्रधानमंत्री तथा यू.पी.ए. चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मिलने जा रही है और उन्हें उम्मीद है कि वह शीघ्र ही पाकिस्तान जाकर अपने भाई की निशानियां वापस लाएंगी। उन्होंने केन्द्र तथा पंजाब सरकार से मांग की कि देश की खातिर शहीद हुए उनके भाई सरबजीत की अंतिम निशानियों को सहेजने के लिए वह म्यूजियम बनाए जाने की मांग भी सरकार से करेंगी। इस मौके उनके साथ उनके पति नरिन्द्र सिंह, दयानंद, तथा दलित मूवमेंट फार ह्यूमन राइटस जस्टिस के सचिव अशोक महिन्द्रा भी मौजूद थे।

No comments:

Post a Comment