Wednesday 25 December 2013

कालिस ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा

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दक्षिण अफ्रीका के आलराउंडर जाक कैलिस भारत के खिलाफ गुरुवार से डरबन में शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट के बाद टेस्ट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। कैलिस वनडे मैचों में चयन के लिए उ पलब्ध रहेंगे। कालिस ने अब तक 165 मैचों में 13174 रन बनाए हैं और उन्होंने 292 विकेट हासिल किए हैं।
कालिस ने संन्यास की घोषणा के बाद अपने बयान में कहा कि यह आसान फैसला नहीं था लेकिन यह सही समय था। मैं क्रिकेट को पूरी तरह अलविदा कहना नहीं चाहता हूं। यदि मैं फिट रहा और प्रदर्शन करता रहा तो मैं वर्ल्ड कप 2015 में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि 18 साल तक दक्षिण अफ्रीका से जुड़े रहना मेरे लिए सम्मान की बात है। 

रामलीला मैदान में 28 दिसंबर को शपथ लेंगे केजरीवाल

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कार्यकर्ता से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर ऐतिहासिक रामलीला मैदान में शनिवार को शपथ ग्रहण करेंगे। उनकी आम आदमी पार्टी ने हाल के विधानस भा चुनाव में दिल्ली में शानदार जीत हासिल की है।
    
मुख्य सचिव डी एम सपोलिया के साथ बैठक के बाद केजरीवाल ने शपथ ग्रहण समारोह की तारीख की घोषणा की। दिल्ली सरकार में शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि केजरीवाल और आप के छह विधायक रामलीला मैदान में एक सार्वजनिक समारोह में दोपहर 12 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। यह वही जगह है जहां से दो वर्ष पहले अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार निरोधी आंदोलन का बिगुल फूंका था।
    
केजरीवाल के साथ जो लोग शपथ लेंगे, उनमें मनीष सिसोदिया, राखी बिरला, सोमनाथ भारती, सौरभ भारद्वाज, गिरीश सोनी और सतेन्द्र जैन शामिल हैं।
    
हरियाणा में जन्मे और उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के कौशांबी इलाके में रहने वाले अरविंद केजरीवाल आईआईटी खडगपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। उन्होंने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नयी दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से 25,000 से अधिक वोट से हराया।
    
45 वर्षीय केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग से भेंट की और उन्हें कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ दिल्ली में सरकार बनाने का दावा करने संबंधी पत्र सौंपा।
    
इसके बाद जंग ने आप के सरकार बनाने के दावे के बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रस्ताव भेजा। राष्ट्रपति से उस प्रस्ताव पर कल मंजूरी मिली और उन्होंने नामित मुख्यमंत्री के साथ सलाह मश्वरे से शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को अंतिम रूप देने का काम उप राज्यपाल पर ही छोड़ दिया।
    
दिल्ली की सियासत में महज एक वर्ष पुरानी आप ने 70 सदस्यीय विधानसभा में जिस धमाकेदार ढंग से जगह बनाई है, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। आप के जलवा ओ जलाल का ही असर था कि कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटें ही मिल पाईं। भाजपा को 31 और उसके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को एक सीट मिली, लेकिन पार्टी ने बहुमत न होने की बात कहकर सरकार बनाने से इंकार कर दिया।
    
आप के सूत्रों का कहना है कि अन्ना हजारे, किरण बेदी, संतोष हेगड़े और भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन से जुड़े तमाम लोगों को शपथ ग्रहण शो में बुलाया जाएगा।
    
केजरीवाल ने पिछले वर्ष गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को आप के गठन का ऐलान किया था और 26 नवंबर को औपचारिक रूप से पार्टी की शुरुआत की। 1949 में इसी दिन भारत ने अपने संविधान को मंजूरी दी थी।
    
पार्टी का नाम आम आदमी से जुड़ाव की ओर इशारा करता है और केजरीवाल ने इसी वर्ग को अपनी सियासत के केन्द्र में रखा। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी 70 क्षेत्रों के लिए अलग अलग घोषणापत्र तैयार किए। उम्मीदवारों का चयन करते समय उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की गई और पार्टी ने इमानदार लोगों को टिकट देने का दावा किया।
    
26 बरस की बिरला से लेकर 41 बरस के सिसोदिया सहित दिल्ली की यह केबिनेट न सिर्फ सबसे कम उम्र के मंत्रियों वाली होगी, संभवत: यह भी पहली बार होगा कि मुख्यमंत्री सहित केबिनेट के सदस्य पहली बार विधायक बने हैं।
    
आप की झाडू ने दिल्ली से कांग्रेस की ऐसी सफाई की कि बिरला ने मंगोलपुरी में दिल्ली सरकार के चार बार के विधायक और शीला दीक्षित की सरकार में लोक निर्माण मंत्री राज कुमार चौहान को 10,500 वोटों से बुहारकर विधानसभा से बाहर सरका दिया। आप में शामिल होने से पहले बिरला एक निजी समाचार चैनल के लिए काम करती थीं।
    
केजरीवाल के भरोसेमंद सिपहसालार सिसोदिया को 2011 में अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक के लिए चलाए गए आंदोलन के दौरान मकबूलियत हासिल हुई। टीम केजरीवाल के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले सिसोदिया पत्रकार से कार्यकर्ता बने और फिर राजनीति में उतरे। उन्होंने पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज सीट से नकुल भारद्वाज को 11,000 वोट से हराया।
    
केजरीवाल की टीम का एक और चेहरा सौरभ भारद्वाज हैं। इंजीनियरिंग स्नातक सौरभ ने कानून की पढ़ाई भी की है। 34 वर्षीय सौरभ ने भाजपा के अनुभवी नेता विजय कुमार मलहोत्रा के पुत्र अजय कुमार मलहोत्रा को ग्रेटर कैलाश सीट से 13000 वोट से हराया।
    
केजरीवाल की केबिनेट में सोमनाथ भारती भी आईआईटी से पढ़े हैं। उन्होंने आईआईटी, दिल्ली से मास्टर्स की डिग्री ली है और कानून की डिग्री भी उनके पास है। 30 वर्षीय सोमनाथ ने भाजपा की आरती मेहरा और दिल्ली सरकार में मंत्री किरण वालिया को हराया।
    
केबिनेट में शामिल किए जाने वाले शकूर बस्ती (नार्थ) से विधायक जैन पेशे से आर्किटेक्ट हैं। मादीपुर से विधायक गिरीश सोनी ने आप के बिजली पानी आंदोलन में भाग लिया था और उन्होंने लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने का काम किया।

Tuesday 24 December 2013

वर्ष 2013 में विवाद पैदा करने वाले 10 बयान

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जुबान चली और विवादों ने सर उठा लिया। अंत की ओर अग्रसर हो रहे वर्ष 2013 में कई बार चर्चित हस्तियों के मुंह से निकले शब्दों ने उन्हें विवादों के घेरे में खड़ा कर दिया। चाहे वह राहुल गां धी हों, नरेंद्र मोदी हो या फिर सुशील कुमार शिंदे या फारूक अब्दुल्ला, शब्दों ने मुसीबत पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
पेश हैं वर्ष 2013 के ऐसे टॉप 10 बयान: सितंबर माह में दोषी सांसदों संबंधी विवादास्पद अध्यादेश को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से बकवास बताकर कूड़े में फेंक देने की बात कही जिसे विपक्ष ने सीधे सीधे प्रधानमंत्री की अवज्ञा करार दिया। बाद में अध्यादेश तथा संबद्ध विधेयक को सरकार ने वापस ले लिया। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तथ्यात्मक भूलों की वजह से विवादों में घिरे। नवंबर में राजस्थान के दूदू में एक जनसभा में मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी के स्थान पर कथित तौर पर मोहनलाल करमचंद गांधी बोल गए। इससे पहले उन्होंने खेड़ा में एक संबोधन में कहा था कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक क्रांतिकारी थे। 1930 में उनका निधन हुआ। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियां आजादी के बाद भारत वापस लाई जाएं लेकिन कांग्रेस सरकार अस्थियां वापस नहीं लाई। उन्होंने कहा था मैं 2003 में वह अस्थियां भारत वापस लेकर आया। इस दौरान वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी और श्यामाजी कृष्णा वर्मा के बीच भ्रमित हो गए और जब उन्हें उनकी गलती के बारे में बताया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह श्यामाजी कृष्ण वर्मा की बात कर रहे थे। इससे पहले जुलाई में साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े एक सवाल पर मोदी ने कथित तौर पर कहा था कि यदि कोई पिल्ला भी कार के पहिये के नीचे आ जाए तो उन्हें दुख होगा। सपा, माकपा, जदयू ने कहा कि मोदी ने मुसलमानों की तुलना पिल्ले से की और उन्हें इस अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।

जनवरी में भाजपा और आरएसएस पर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों का संचालन करने और हिन्दू आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और उनके निशाने पर आ गए।
   
मार्च में शिंदे ने राज्यसभा में बहस के दौरान महाराष्ट्र के भंडारा में हुए बलात्कार कांड की 3 नाबलिग पीड़ितों का नाम लिया और फिर आलोचना से घिर गए। जुलाई में कांग्रेस के महासचिव शकील अहमद ने कथित तौर पर कहा कि गुजरात दंगों के कारण आतंकी संगठन आईएम बना। इस टिप्पणी को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति के चलते साम्प्रदायिक कार्ड खेलने का आरोप लगाया। नवंबर में सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा विवादों में घिर गए। उन्होंने एक परिचर्चा में कथित तौर पर कहा था कि देश में सट्टेबाजी को वैधानिक दर्जा दिए जाने में कोई हानि नहीं है। इस संदर्भ में बातचीत में वह यह बयान दे बैठे कि अगर आप दुष्कर्म की घटनाओं को नहीं रोक सकते तो इनका आनंद उठाना चाहिए। इस पर विवाद खड़ा हो गया। उनकी व्यापक आलोचना हुई और महिला आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। बाद में उन्होंने माफी मांगी। केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला दिसंबर के पहले हफ्ते में यह कह कर विवादों में घिर गए कि महिला निजी सचिवों को रखना जोखिम का काम हो गया है, क्योंकि किसी ने अगर यौन शोषण की शिकायत कर दी तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है। विभिन्न दलों के नेताओं और अलग अलग संगठनों ने फारूक की कड़ी आलोचना की। मार्च में केंद्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बारे में कथित तौर पर कहा कि वह (यादव) कमीशन लेकर समर्थन (सरकार को) देते हैं। बेनी के इस बयान से उठे बवाल के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने कड़ा रुख किया और बेनी ने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया। 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले में 14 सितंबर को दोषियों को मौत की सजा देने के अदालत के फैसले के बाद बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह यह कह कर विवादों में घिर गए कि अगर उनकी बेटी के विवाहपूर्व किसी से संबंध होते और रात को वह अपने पुरुष मित्र के साथ घूमती तो वह उसे जिंदा जला देते। दिल्ली बार काउंसिल, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और लोगों ने उनकी कड़ी आलोचना की।
  
जनवरी में प्रख्यात लेखक आशीष नंदी की इस टिप्पणी से बवाल उठा कि अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग सर्वाधिक भ्रष्ट हैं। इसकी हर ओर से आलोचना हुई। इसी माह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन ने कथित तौर पर कहा कि ममता बनर्जी सरकार की गुंडागर्दी चल रही है। इस पर तृणमूल कांग्रेस ने उन पर अफवाह फैलाने का आरोप लगा दिया।
  
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के इस दावे ने खासा राजनीतिक भूचाल उठ गया कि सेना जम्मू कश्मीर के कुछ मंत्रियों को धन देती है। बाद में सिंह ने कहा कि धन का उपयोग राज्य में सौहार्द और स्थिरता लाने के लिए किया गया और इसका दुरुपयोग नहीं हुआ।

मैं कुछ भी नहीं कहना चाहता: जस्टिस गांगुली

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कानून की एक पूर्व इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली ने मंगलवार को कहा कि वह उसके ब्लॉग पर टिप्पणी नहीं करें गे जिसमें एक पुलिस शिकायत दर्ज कराने का संकेत दिया गया है।

आरोपों से इनकार करने के लिए इंटर्न ने गांगुली पर पलटवार किया था। इंटर्न ने अपने ब्लॉग लीगली इंडिया में लिखा है, जो लोग अफवाह फैला रहे हैं और मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं वे ऐसा प्रतिकूल प्रभाव डालने और द्वेषपूर्ण रूप से इस मुद्दे को उलझाने तथा जांच और जवाबदेही से बचने के लिए कर रहे हैं।

इंटर्न ने पुलिस शिकायत दर्ज कराने का संकेत देते हुए कहा कि मैं यह अनुरोध करती हूं कि यह स्वीकार किया जाए कि मुझमें उचित प्रक्रियाओं को उचित समय पर आगे बढ़ाने का विवेक है। मैं यह कहना चाहती हूं कि मेरी स्वायत्तता का पूर्ण रूप से सम्मान किया जाए।

यह पूछे जाने पर कि क्या विरोध प्रदर्शन और विभिन्न क्षेत्रों की ओर से डाले जा रहे दबाव राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं, पूर्व न्यायाधीश गांगुली ने कहा कि मैं इस मामले पर कुछ भी नहीं कहना चाहता। मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।

न्यायमूर्ति गांगुली ने एक आठ पृष्ठों वाला पत्र भारत के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम को लिखा है जिसमें उन्होंने इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने से इनकार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उनकी छवि धूमिल करने की एक स्पष्ट साजिश दिखती है क्योंकि उन्होंने शक्तिशाली हितों के खिलाफ फैसले दिये थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद छोड़ने से भी इनकार किया।

...जानिए इंजीनियर से नेता कैसे बन गए अरविंद केजरीवाल

Image Loadingआम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करके करीब दो हफ्ते से चल रहा गतिरोध समाप्त कर दिया है। आप नेता मनीष सिसौदिया ने सीएम पद को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली के नए मुख्यमंत्री बनेंगे।
इससे पहले पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सुबह दो घंटे तक बैठक चली। इसमें जनमत संग्रह को देखते हुए सरकार बनाने का फैसला किया गया। केजरीवाल ने दोपहर करीब सवा 12 बजे उपराज्यपाल नजीब जंग से मिलकर उन्हें सरकार बनाने का दावा करने संबंधी पत्र सौंप दिया। केजरीवाल और नजीब जंग के बीच मुलाकात करीब 50 मिनट चली। उपराज्यपाल ने यह पत्र राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेज दिया है।   रामलीला मैदान में लेंगे शपथ
उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह रामलीला मैदान में होगा। उपराज्यपाल के मुताबिक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद शपथ ग्रहण समारोह के दिन और समय का फैसला किया जाएगा। जानिए कौन हैं अरविंद केजरीवाल
पैंट के साथ बाहर करके पहनी गई आधी बाजू की ढीली ढाली शर्ट, काली मूंछों वाला एक नाटे कद का साधारण सा दिखने वाला आदमी। जो कभी ट्रेन का इंतजार करता प्लेटफॉर्म पर जमीन पर सोते नजर आता, तो कभी ऑटो के लिए सड़क पर इंतजार करता। एक ऐसी शख्सियत, जिसकी भीड़ में कोई पहचान नहीं है। लोग 45 साल के इस शख्स को अरविंद केजरीवाल के नाम से जानते हैं। जो कभी इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी हुआ करता था, लेकिन साधारण सी कद काठी वाला यह शख्स कब दिल्ली की सबसे ताकतवर कुर्सी का दावेदार बन गया, यह बाकी पार्टियों को भी पता नहीं चला। हरियाणा के भिवानी जिले के सीवानी मंडी में 16 अगस्त 1968 को गोविंद राम केजरीवाल और गीता देवी के घर जन्माष्टमी के दिन अरविंद का जन्म हुआ और इसीलिए घरवाले प्यार से उन्हें किशन भी बुलाते हैं। हिसार से ही अरविंद ने अपनी हाईस्कूल तक की पढ़ाई पूरी की। देश के नामी गिरामी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद केजरीवाल ने कुछ समय टाटा स्टील में नौकरी की। वह वर्ष 1989 में टाटा स्टील से जुड़े और वर्ष 1992 में कंपनी को अलविदा कह दिया। उन्होंने कुछ समय कोलकाता के रामकृष्णन आश्रम और नेहरू युवा केन्द्र में बिताया। यूपीएससी में इंटरव्यू देने से पहले अरविंद केजरीवाल कोलकाता गए थे। कोलकाता में उनकी मुलाकात मदर टेरेसा से हुई। अरविंद ने कालीघाट पर काम किया और शायद यहीं से उन्हें दूसरों के लिए जीने का नजरिया मिला। 1995 में अरविंद इंडियन रेवेन्यू सर्विस के लिये चुने गये थे। ट्रेनिंग के बाद दिल्ली में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अस्सिटेंट कमिश्नर बने। लेकिन यहां भी अपने लिये उन्होंने खुद नियम बनाये। वो नियम थे, अपनी टेबल को खुद साफ करना, डस्टबिन की गंदगी को खुद हटाना, किसी काम के लिये चपरासी का इस्तेमाल नहीं करना। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी करते हुये ही केजरीवाल ने डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार कम करने की मुहिम शुरु कर दी थी। आईआरएस सेवा के प्रशिक्षण के दौरान ही केजरीवाल ने अपनी बैचमेट सुनीता से विवाह किया। केजरीवाल के एक पुत्र और एक पुत्री है। साल 2000 में केजरीवाल ने परिवर्तन नाम के एक एनजीओ की शुरुआत की। बैनर पोस्टर छपवाये। जिन पर लिखा था रिश्वत मत दीजिये, काम न हो तो हमसे संपर्क कीजिये। परिवर्तन के जरिए उन्होंने देश भर में सूचना के अधिकार का अभियान चलाया। बिल बेशक केंद्र सरकार ने पारित किया हो, लेकिन जनता के बीच जाकर उन्हें जागृत करने का जिम्मा अरविंद और उनके परिवर्तन ने उठाया। अरविंद को 'राइट टू इन्फॉरमेशन' पर काम के लिये एशिया का नोबल पुरस्कार कहा जाने वाला मैग्सेसे अवार्ड मिला। परिवर्तन की लड़ाई का ही अगला चरण था जनलोकपाल। यह सिलसिला बढ़ता गया और केजरीवाल ने फरवरी 2006 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे समय के लिए सिर्फ परिवर्तन में ही काम करने लगे। इसके बाद देश में शुरू हुआ भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन। आंदोलन को जनसमर्थन तो पूरा मिला, लेकिन जनलोकपाल बिल नहीं बन पाया। केजरीवाल ने राजनीति में आने का फैसला किया। यहीं से अन्ना हजारे और केजरीवाल के रास्ते अलग हो गए, लेकिन केजरीवाल अन्ना के बिना भी आगे बढ़ते गए। 26 नवंबर 2012 में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई। महज एक साल पहले पैदा हुई आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में काबिज कांग्रेस और बीजेपी को कड़ी टक्कर दी। केजरीवाल ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करके सबको चौंका दिया। राजनीतिक पंडित उनके इस फैसले को लेकर अचंभित हो गए। ऐसी चर्चा होने लगी कि केजरीवाल ने अपना राजनीतिक सफर शुरू होने से पहले ही खत्म कर लिया, लेकिन दिसम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से दीक्षित को 23 हजार से अधिक मतों से पराजित कया और उनकी पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें हासिल की। केजरीवाल ने 'स्वराज' नाम से एक पुस्तक भी लिखी है। यह पुस्तक 2012 में प्रकाशित हुई।
Recruitment in animal husbendryपशुधन प्रसार अधिकारियों के कुल रिक्त 1198 पदों पर नियुक्ति से पूर्व प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए हैं।

इन पदों के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित है। आरक्षित वर्ग को नियमानुसार ऊपरी आयु सीमा में छूट दी गई है।

कुल पदों में से 90 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होगी जबकि 10 प्रतिशत पद विभागीय मण्डलीय कर्मचारियों के लिए आरक्षित है।

इन पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षिक अर्हता के तहत 90 प्रतिशत पद - सीधी भर्ती के लिए उम्मीदवार ने उ.प्र. की बारहवीं की परीक्षा जीव विज्ञान या कृषि के साथ एक विषय के रूप में या सरकार द्वारा इसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई परीक्षा उत्तीर्ण की हो। देवनागरी लिपि में हिंदी का ज्ञान हो।

आवेदन शुल्क के तौर पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 50 रुपये तथा अन्य के लिए 100 रुपये निर्धारित है। उत्तर प्रदेश के बाहर के उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग रखा गया है।

आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी, 2014, प्रवेश पत्र डाउनलोड करने की अंतिम तिथि 11 जनवरी, 2014 तथा लिखित परीक्षा 2 फरवरी, 2014 निर्धारित है।

आवेदन करने तथा अन्य आवश्यक जानकारी के लिए आवेदक पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट http://dahup.in/ पर लॉग ऑन करें।

खुला नौकरी का पिटारा, जल्द करें आवेदन

आर्यावर्त ग्रामीण बैंक (विजय खंड, गोमती नगर, लखनऊ, उ. प्र.) में कुल 871 पदों के लिए भारतीय नागर‌िकों से आवेदन आमंत्रित क‌िए गए हैं।
Recruitment in Gramin Bank

इन पदों में ऑफिसर स्केल-III के 10 पद, ऑफिसर स्केल-II (जेनरल बैंकिंग ऑफिसर) के 57 पद, ऑफिसर स्केल-II (आईटी) के 10 पद, ऑफिसर स्केल-II (लॉ) के 2 पद, ऑफिसर स्केल-II (मार्केटिंग ऑफिसर) के 10 पद, ऑफिसर स्केल-I के 319 पद और ऑफिसर असिस्टैंट (बहुउद्देश्य) के 463 पद शामिल हैं।

वेतनमान के तौर पर स्केल-I के लिए 14500-25700 रुपये, स्केल-II के लिए 19400-28100 रुपये, स्केल-III के लिए 25700-31500 रुपये तथा ऑफिस असिस्‍टैंट (बहुउद्देश्य) के लिए 7200-19300 रुपये निर्धारित है।

इन पदों के लिए पंजीकरण ऑनलाइन कराना होगा। पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 6 जनवरी, 2014 निर्धारित है।

पदों के ‌अनुसार शैक्षिक अर्हताएं आईबीपीएस की वेबसाइट पर दी गई हैं। उम्‍मीदवार के पास संबंधित शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्‍त सितंबर-अक्तूबर 2013 में आईबीपीएस द्वारा आयोजित ऑनलाइन सम्म‌िलित ‌‌लिखित परीक्षा-सीडब्‍ल्यूई में निर्धारित अंक होने चाहिए।

ऑफिस असिस्‍टैंट (बहुउद्देश्य) के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 95 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 88 अंक, ऑफिसर स्केल-I के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 98 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 95 अंक होने चाहिए।

ऑफिसर स्केल-II (जीबीओ) के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के लिए 107 अंक तथा आरक्षित वर्ग के लिए 101 अंक, ऑफिसर स्केल-II के आईटी के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 107 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 101 अंक होने चाहिए।

ऑफिसर स्केल-II के लॉ पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 114 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 107 अंक निर्धारित हैं।

ऑफिसर स्केल-II (मार्केटिंग) के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 106 अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार के लिए 99 अंक तथा ऑफिसर स्केल-III के पद हेतु सामान्‍य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 109 तथा आरक्षित वर्ग के लिए 103 अंकों का कट ऑफ तय किया गया है।

मेरिट सूची के आधार पर ही आवेदकों को इंटरव्‍यू के लिए बुलाया जाएगा।

आवेदन करने के लिए उम्मीदवार http://www.aryavart-rrb.com/recruitment.html पर लॉग ऑन करें और योग्‍यता संबंधी जानकारी के लिए http://www.ibps.in/ पर लॉग करें।

बंपर भर्ती, 10वीं पास करें आवेदन

recruitment in railwaysउत्तर पश्चिम रेलवे में विभिन्न पदों पर कुल 917 रिक्तियों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है।

इन पदों में ट्रैकमैन के 423 पद, ट्रैफिक खलासी/प्वाइंट मैन के 117 पद, गेट मैन के 6 पद, हेल्पर/खलासी के 200 पद, हेल्पर/खलासी/सफाईवाला/एच.ए. के 171 पद शामिल हैं।

इन पदों के लिए शैक्षिक योग्यता के तहत उम्मीदवार ने 10वीं अथवा आईटीआई अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो। वेतनमान के तौर पर 5200-20200 रुपए तथा ग्रेड पे 1800
रुपए निर्धारित है।

आवेदक की न्यूनतम आयु कम से कम 18 वर्ष और अधिक से अध‌िक 33 वर्ष निर्धारित है। आयु की गणना 1 जनवरी, 2014 से की जाएगी। आयु में आरक्षित वर्ग के लिए न‌ियमानुसार छूट प्रदान की गई है।

आवेदकों को पंजीकरण शुल्क के तौर पर 100 रुपये जमा कराने होंगे। महिला समेत आरक्षित वर्ग को शुल्क से मुक्त रखा गया है।

आवेदन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों प्रकार से किया जा सकता है। आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 13 जनवरी, 2014 निर्धारित है।

ऑफलाइन आवेदक आवेदन को निश्चित प्रारूप में भरकर 'सहायक कार्मिक अधिकारी/भर्ती, रेलवे भर्ती सेल, दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन, जयपुर-302018' के पते पर भेजें।

ऑनलाइन आवेदन तथा अन्य आवश्यक जानकारी के लिए आवेदक http://www.iroams.com/V1/applicationIndex या http://www.nwr.indianrailways.gov.in/

सुजैन नहीं कहीं और फोकस करेंगे ऋतिक

पत्नी सुजैन द्वारा तलाक का फैसला लिए जाने के बाद ऋतिक रोशन अपना ध्यान सुजैन से हटा रहे हैं।
hrithik roshan start film shooting

ऋतिक रोशन जल्द ही अपनी फिल्म बैंग बैंग की शूटिंग शुरू कर देंगे। नए साल में वे एक गाने के साथ फ्लोर पर आएंगे। यह गाना कैटरीना के साथ फिल्माया जाएगा।

अमेरिका में चेकअप करवाने के बाद वे कुछ दिन पहले ही मुंबई लौटे हैं और पारिवारिक जीवन में झंझावात आने के बाद भी वे खुद पर पूरा नियंत्रण बनाए हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक फिल्म सिटी में उनका गाना शूट होगा।

इन दिनों रितिक अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करने से पूरी तरह बच रहे हैं, लेकिन अपनी फिल्म के बारे में जानकारी देने से उन्हें कोई गुरेज नहीं है। रितिक की ब्रेन सर्जरी की वजह से बैंग बैंग की शूटिंग काफी समय से अटकी पड़ी है।

अब उनकी कोशिश है कि जल्द यह फिल्म पूरी हो जाए। फिलहाल उन्हें अपनी हीरोइन कैटरीना कैफ के मुंबई लौटने का इंतजार है। वे अपनी क्रिसमस की छुट्टियां मनाने यूके गई हुई हैं, जहां से वे यूएस जाएंगी। कैट की मुंबई वापसी के बाद ही बैंग बैंग की शूटिंग सुचारु रूप से शुरू हो पाएगी।

AAP की सरकारः एक्सपर्ट करेंगे मंत्रियों की मदद

experts will help ministers of aapसियासत में कदम रखने वाली आम आदमी पार्टी ने नौकरशाहों के चंगुल से निकलने की रणनीति तैयार कर ली है। दिल्ली में सरकार बनाने जा रही पार्टी के नए मंत्रियों को विशेषज्ञों की विशेष टीम मदद देगी।

इसमें ऐसे लोगों को रखा जाएगा, जिन्हें एक तरफ पार्टी की प्रतिबद्धताएं पता होंगी, तो दूसरी तरफ प्रशासनिक कार्यों की भी गहरी समझ। सोमवार को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक का ज्यादातर समय इसी मसले पर चर्चा में बीता।

दरअसल, सामाजिक आंदोलनों के रास्ते सियासत में उतरी पार्टी के ज्यादातर नेताओं के लिए राजनीति पूरी तरह नई है। अरविंद केजरीवाल समेत ‘आप’ के सभी वरिष्ठ नेता व विधायक पहली बार चुनावी राजनीति में उतरकर विधान सभा पहुंचे हैं।

20 दिन में कमाल, सीएम की कुर्सी पर केजरीवाल

केजरीवाल व एकाध अन्य को छोड़ दें तो ज्यादातर को शासन-प्रशासन के कामकाज का तजुर्बा नहीं है। पार्टी के नेता भी इससे इत्तेफाक रखते हैं।

परेशानी इसलिए भी ज्यादा है कि जहां पार्टी अल्पमत की सरकार बना रही है। वहीं, आम लोगों को सरकार से उम्मीदें भी बहुत ज्यादा है। ऐसे में सरकार का एक भी गलत फैसला पार्टी की मुसीबत बन सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की पीएसी की बैठक में चर्चा का अहम मुद्दा यही रहा। इसमें पार्टी और सरकार के संबंधों पर चर्चा की गई। इसमें सभी नेताओं की राय रही कि यह उलझन विशेषज्ञों की एक टीम के साथ सुलझाई जाए।

टीम में शामिल लोग प्रशासन और पार्टी से नहीं आएंगे। इसकी जगह ऐसे लोगों को टीम में लाया जाए, जिन्हें प्रशासन के साथ राजनीति की भी समझ हो। पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। सरकार बनने के साथ इनका नाम तय कर लिया जाएगा। टीम मंत्रियों को तकनीकी सलाह देगी।

अधिकारियों की भी हटेगी बत्ती

मुख्यमंत्री समेत दिल्ली सरकार के साथ मंत्रियों और अधिकारियों के वाहनों की नीली-लाल बत्ती हटाने की तैयारी आम आदमी पार्टी ने पूरी कर ली है। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि सरकार बनने के बाद बत्ती हटाने का आदेश जारी किया जाएगा। इसमें न सिर्फ मुख्यमंत्री और मंत्री शामिल होंगे, बल्कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों को भी वाहनों से बत्ती हटानी होगी। यह आदेश सरकार बनने के बाद ही जारी कर दिया जाएगा।

IRCTC की ई-वॉलेट सर्विस आखिर है क्या?

हाल में आईआरसीटीसी ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग को आसान बनाने के लिए अपनी न
irctc e wallet service
ई सेवा ई-वॉलेट शुरू की है। सबसे पहले जहन में यह सवाल आता है कि आखिर इसका मतलब क्या है।

हजारों लोग इस वेबसाइट का इस्तेमाल हर रोज करते हैं और जाहिर है लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नई सर्विस से उन्हें‌ टिकट बुक कराने में आसानी होगी। आइए जानते हैं इस नई टेक्‍नोलॉजी के बारे में।

क्या है ई-वॉलेट

ई-वॉलेट एक तरह का ऑनलाइन प्रीपेड अकाउंट होता है, जिसमें आप अपने रुपए जमा कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

फटाफट रेल टिकट बुक करने की नई स्कीम

प्रीपेड मोबाइल की तरह इस प्रीपेड अकांउट में पहले आप रुपए जमा करते है और फिर उस रुपए का इस्तेमाल ऑनलाइन टिकट खरीदने के लिए कर सकते हैं।

इस तरह आपको ऑनलाइन टिकट और शॉपिंग के लिए अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड का विवरण देने की जरूरत नहीं रह जाएगी।

कैसे बनेगा ई-वॉलेट?
अगर आप आईआरसीटीसी पर टिकट बुक कराने के दौरान ई-वॉलेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ई-वॉलेट की मेंबरशिप लेनी होगी।

आईआरसीटीसी पर लॉगइन कर ई-वॉलेट के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यहां आपको अपने पैन कार्ड का नंबर और अपने नाम का पहला शब्द टाइप करना होता है।

मोबाइल यूजर्स फ्री (free) में पाएं टॉक टाइम


इसके बाद आपके सामने एक ऑनलाइन फॉर्म खुलेगा, जहां आप ई-वॉलेट के लिए रुपए ट्रांसफर कर पासवर्ड बना सकते हैं। इस तरह आप किसी अन्य प्रोडक्ट के लिए इसी वेबसाइट पर ई-वॉलेट की सुविधा ले सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?
ई-वॉलेट का इस्तेमाल ऑनलाइन ‌शॉपिंग और टिकट ‌बुकिंग के लिए होता है। इसलिए आपको किसी भी प्रोडेक्ट की खरीदारी के लिए लॉगइन करना होगा। इसके बाद आप ई-वॉलेट के ऑप्शन पर क्लिक करके उसके दिशा-निर्देश का पूरा करें।

ई-वॉलेट का फायदा
अभी तक आईआरसीटीसी से टिकट बुक कराने के लिए आपको अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या फिर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना होता था।

गूगल गुरु ने हिंदी में शुरू की इंटरनेट पाठशाला


पैसे ट्रांसफर करने के लिए आईआरसीटीसी वेबसाइट को उस संबंधित बैंक की वेबसाइट के सर्वर पर जाना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है और कई बार पेमेंट भी बीच में ही लटक जाती थी।

ई-वॉलेट आपको इस दिक्कत से बचाएगा। ई-वॉलेट सेवा में ग्राहक के पैसे से जुड़ी जानकारी आईआरसीटीसी के सर्वर में ही रहेंगी, जिसकी मदद से आसानी से भुगतान हो सकेगा।

बिना इंटरनेट के किसी भी फोन में चलाएं फेसबुक


आईआरसीटीसी ने यहां ई-वॉलेट सेवा में टिकट रद्द कराने के बाद आपका पैसा फिर से ई-वॉलेट में ट्रांसफर (मनी रिफंड) करने का विकल्प भी रखा है।

ई-वॉलेट की कमी

ई-वॉलेट का इस्तेमाल आप आईआरसीटीसी पर टिकट बनाने के लिए सुबह 8:00 से 12:00 बजे तक नहीं कर सकते हैं।

ई-बैंकिंग और ई-वॉलेट में फर्क
ई-बैंकिंग में जहां आप सिर्फ अपने बैंक खाते के जरिए लेन-देन कर सकते हैं, वहीं ई-वॉलेट सेवा के लिए आपको किसी बैंक खाते की जरूरत नहीं है। ई-वॉलेट में आप एक निश्चित राशि ही जमा कर सकते हैं।

इन खतरों से कैसे बचेगा आपका मोबाइल?


how can you safe your mobile ?

रात को सोने से पहले गूगल कीप पर अगले दिन का डे प्लान, ई-वॉलेट से मोबाइल रिचार्ज, यू-ट्यूब पर नई पिक्चर का ट्रेलर देखना, दोस्तों के व्हाट्स ऐप मैसेजेस का जवाब और रही-सही कसर पूरी करने के लिए फ़ेसबुक– एक स्मार्टफ़ोन यूज़र का दिन बहुत ‘व्यस्तता’ के साथ बीतता है।

लेकिन जैसे-जैसे आपकी स्मार्टफ़ोन से दोस्ती बढ़ती जाती है वैसे-वैसे ही ये आपका राज़दार होता चला जाता है।

फ़ेसबुक पासवर्ड से लेकर गैलरी में मौजूद पारिवारिक तस्वीरें और वीडियो, बैंकिंग जानकारी, फ़ोनबुक के नंबर समेत सभी संवेदनशील जानकारी आपके फ़ोन पर सुरक्षित रहे उसके लिए भी ऐहतियात बरतना ज़रूरी है।

एक अच्छा एंटीवायरस पैक आपको कई तरह के वायरस और डाटा चोरी करने वाले मालवेयर से बचा सकता है।

लेकिन अगर फ़ोन चोरी हो जाए या खो जाए, तो फ़ोन के जाने के अफ़सोस से ज़्यादा ख़तरा उसमें स्टोर जानकारी के किसी ग़लत आदमी के हाथों पड़ने से हो सकता है।

ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए गूगल ने खुद ही एंड्रॉएड फ़ोन्स के लिए एक सर्विस ‘एंड्रॉएड डिवाइस मैनेजर’ लॉन्च कर दी।

इस ऐप के ज़रिए आप अपने खोए हुए एंड्रॉएड फ़ोन का पता लगा सकते हैं और बुरी से बुरी स्थिति में फोन की गोपनीय जानकारियों को डिलीट कर सकते हैं ताकि वो किसी ग़लत हाथ में न चला जाए।

घर में कही भी फ़ोन रखकर भूल जाने वाले भुलक्कड़ों के लिए भी इस ऐप में एक खास फ़ीचर है। आपको बस अपने कंप्यूटर तक जाना है और वहां गूगल पर लॉग-इन करके ‘रिंग’ बटन दबाना है। सब ठीक रहा तो इतने में आपका फ़ोन बज उठेगा।

ऐसे फ़ीचर आई-फ़ोन में पहले ही उपलब्ध हैं, लेकिन एंड्रॉएड में अब तक इसकी कमी खलती थी।

कुछ एंटीवायरस ऐप, जैसे ‘मैकअफ़े’ और ‘क्विक हील’ भी फ़ोन फ़ाइंडर और रिमोट डाटा इरेज़र जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं, लेकिन सभी फ़ीचरों से युक्त ऐसे ज़्यादातर ऐप पेड होते हैं।

स्मार्टफ़ोन एक तरफ जहां बहुत से काम चुटकियों में कर देता है, जैसे कि ट्रेन और फिल्मों की टिकट बुक करना, पैसा ट्रांसफ़र करना, वहीं ये आपको अनचाहे कॉल और मैसेज से भी बचा सकता है। आइए नज़र डालते हैं ऐसे ही कुछ मोबाइल टूल्स पर।

आपको कॉल या मैसेज जिन नंबरों से आ रहे हैं उन्हें ये ऐप अपने 30 करोड़ नंबरों के डेटाबेस से मैच करता है और उनके बारे में जो भी जानकारियां हैं, उसे वो आपके फ़ोन स्क्रीन पर उपलब्ध कराता है।

इस तरह से आप किसी भी नए नंबर से कॉल करने वाले का नाम जान सकते हैं और अगर किसी व्यक्ति का कॉल नहीं लेना चाहते हैं, तो बस ब्लॉक बटन दबा दें। बाक़ी काम ऐप कर लेता है।

कई बार लोग किसी बैंक, रेस्त्रां, रिटेल स्टोर का फीडबैक फॉर्म या डिजिटल फॉर्म भरते समय ठीक से नहीं पढ़ते और मोबाइल पर सूचना पाने का ऑप्शन टिक कर देते हैं। ऐसे में ‘डीएनडी’ यानी डू नॉट डिस्टर्ब स्थिति में भी कुछ मार्केटिंग कॉलर्स को छूट मिल जाती है और आप चाहे-अनचाहे मार्केंटिंग कॉल्स को न्यौता दे देते हैं।

इस तरह के कॉलर से भी निपटने के लिए फ़ोन वॉरियर में एक स्पैम फ़िल्टर ऑप्शन मौजूद है, जो अपने रिसर्च के आधार पर कोई कॉल आते ही बता देता है कि कॉल स्पैमर का है या साधारण है।

ये ऐप काफ़ी समय से बाज़ार में है और बीते कुछ हफ्तों में इसमें कई नए प्रयोग भी किए गए हैं।

ट्रू कॉलर अपने तमाम यूज़र के फ़ोनबुक से ली गई जानकारी के आधार पर बता सकता है कि जिस अनजान नंबर से यूज़र को कॉल आ रही है, वो किसका है।

इस ऐप पर लोग अपना प्रोफ़ाइल भी बना सकते हैं और तस्वीर भी लगा सकते हैं।

ट्रू कॉलर फ़ोन पर इंस्टॉल होने के साथ ही फ़ेसबुक, लिंक्ड-इन और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया टूल्स से भी जुड़ जाता है। ऐसे में अगर फ़ोन करने वाले का नंबर आपके मोबाइल पर सेव नहीं है, लेकिन उस व्यक्ति से आप फ़ेसबुक पर जुड़े हैं तो उनका नाम, विवरण और उनकी बड़ी तस्वीर आपके फ़ोन की स्क्रीन पर छा जाएगी।

ये ऐप काफ़ी सरल, साधारण लेकिन प्रभावशाली है। इसमें यूज़र को किसी नंबर को ब्लॉक या अनब्लॉक का ऑप्शन मिलता है।

नंबर ब्लॉक करने के लिए उसे ऐप में सीधे दर्ज भी किया जा सकता है और फ़ोनबुक से चुना भी जा सकता है।

स्मार्टफ़ोन जैसे-जैसे हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे इनकी सुरक्षा भी ज़रूरी होती जा रही है, क्योंकि अगर ये ग़लत हाथों में पड़ जाए तो जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है।

Monday 23 December 2013

हफ्ते के 12 घंटे रूप पर खर्च करती हैं महिलाएं

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महिलाएं अपने रंग-रूप के प्रति कितनी सजग होती हैं यह बात सभी जानते हैं। लेकिन कम लोगों को ही यह अंदाजा होगा कि महिलाएं हफ्ते के 12 घंटे इसी चिंता में बिता देती हैं। एक अध्ययन की मानें तो महिलाएं अपने लिए पहनावा चुनने में हर हफ्ते 50 मिनट खर्च कर देती हैं।
शोधकर्ताओं ने क्रिसमस और अन्य मौकों पर वजन, रंग-रूप और पहनावे को लेकर महिलाओं की चिंता का आकलन किया। उन्होंने देखा कि इसके लिए वे साल के 627 घंटे और 27 मिनट बर्बाद कर देती हैं। अध्ययन दर्शाता है कि पहनावा चुनने के लिए 50 मिनट खर्च करने के बाद वह अगले एक घंटे और 32 मिनट इस बात की चिंता में खर्च कर देती हैं कि पहना हुआ ठीक लग रहा है या नहीं। इसके अलावा वह एक घंटे और 46 मिनट अपने वजन के बारे में सोचते हुए बिताती हैं। लाइक्रा ब्यूटी नामक संस्था ने 2000 महिलाओं पर सर्वे कर ये निष्कर्ष निकाले हैं।

भारत के नए राजदूत एस जयशंकर कल पहुंचेंगे अमेरिका

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वीजा धोखाधड़ी के आरोपों के चलते भारत की वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और कपड़े उतरवाकर तलाशी लिए जाने के कारण व्याप्त रोष के बीच अमेरिका में भारत के नए राजदू त एस़ जयशंकर कल यहां पदभार संभालने पहुंचेंगे।
   
अभी तक जयशंकर चीन में भारत के राजदूत थे। जयशंकर ऐसे समय में अमेरिका आ रहे हैं, जब खोबरागड़े की गिरफ्तारी की वजह से द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट पिछले एक दशक से ज्यादा समय में सबसे निम्नतम स्तर पर जाने की आशंका है।
   
खोबरागड़े की गिरफ्तारी और अमेरिकी मार्शलों द्वारा खराब व्यवहार के खिलाफ भारत ने सार्वजनिक माफी और 39 वर्षीय उप महावाणिज्यदूत के खिलाफ आरोपों को वापस लेने की मांग उठाई।
   
अपनी पीढ़ी में भारतीय विदेश सेवा के सबसे उज्ज्वल अधिकारियों में गिने जाने वाले जयशंकर भारतीय-अमेरिकी असैन्य परमाणु संधि में एक अहम भूमिका निभा चुके हैं। जयशंकर का पहला काम होगा कि वह दोनों देश के संबंधों को पटरी न उतरने दें।
  
वाशिंगटन पहुंचने के बाद व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने अपने राजनयिक परिचय पत्र को औपचारिक रूप से पेश करने से पहले उन्हें कुछ सप्ताह तक इंतजार करना होगा। फिलहाल ओबामा अपने परिवार के साथ हवाई में साल के अंत की छुट्टियां मना रहे हैं और वे 5 जनवरी को ही लौटेंगे।
 
व्हाइट हाउस की ओर से ऐसा कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है, जिसमें राष्ट्रपति विदेशी राजनयिकों को प्रमाणित करेंगे। ऐसा सामान्यत: सामूहिक रूप से किया जाता है। जयशंकर को रूसी, जापानी और हंगरी की भाषा का ज्ञान है और वे निरूपमा राव के बाद यह पद संभाल रहे हैं।
  
वर्ष 1955 में नई दिल्ली में जन्मे जयशंकर प्रतिष्ठित भारतीय रणनीतिक कार्यों के विश्लेषक, टिप्पणीकार और जनसेवक के सुब्रमण्यम के बेटे और इतिहासकार संजय सुब्रमण्यम के भाई हैं।

गुंडई से बाज आओ, वरना पार्टी से निकाल दूंगा: मुलायम

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समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं को गुंडई से बाज आने की सख्त हिदायत देते हुए ऐसा करने वालों को पार्टी से निकालने की चेतावनी दी और इसी सन्दर्भ में भारतीय जनता पार्टी की तारीफ भी कर डाली।
   
यादव ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 111वीं जयन्ती पर सपा राज्य मुख्यालय में आयोजित समारोह में राज्य के औद्यानिकी मंत्री पारसनाथ यादव के बेटे द्वारा हाल में जौनपुर में कथित तौर पर गुंडागर्दी किये जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा सपा कार्यकर्ता कई जगह पर गुंडई करते हैं। अगर मंत्री के परिवार का लड़का गुंडई करेगा तो हमारी छवि खराब होगी। अगर कहीं खबर मिली कि फलां जगह गुंडई हुई है तो मैं पार्टी से निकाल दूंगा।
   
यादव ने भाजपा की तारीफ करते हुए कहा भाजपा के कार्यकर्ता गुंडई नहीं करते हैं। इसी वजह से कई राज्यों में पिछले दिनों उनकी सरकार बनी। सरकार में होने पर आपका आचरण, आपकी वाणी और बोली ऐसी होनी चाहिये जो लोगों को प्रभावित करे।
   
गौरतलब है कि जौनपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव ने पूर्व में घोषित प्रत्याशी क़े पी़ यादव के समर्थकों के साथ परसों कथित रूप से धक्का-मुक्की की थी।
   
सपा मुखिया ने कहा कि गुंडागर्दी करने वाले लोग पार्टी का नुकसान कर रहे हैं। इस तरह से पार्टी नहीं चल पाएगी। ऐसी गुंडई नहीं चल पाएगी। किसी का बाप अगर मंत्री है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह गुंडई करेगा।
   
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने इस मौके पर चौधरी चरण सिंह की शख्सियत के विभिन्न पहलुओं का भी विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सिंह के पूरे जीवन से बहुत लोगों को प्रेरणा मिल सकती है। साधारण किसान के घर में पैदा हुए सिंह वकालत छोड़कर आजादी के संग्राम में शामिल हो गये और देश की आजादी में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
   
यादव ने कहा कि सिंह हमेशा गरीबों के बीच रहकर गरीबों की बात सुनते और समाज तथा देश के स्तर पर रखते थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक बार सहकारी खेती का प्रस्ताव रखा था। उस वक्त उस प्रस्ताव का विरोध करने की किसी की हिम्मत नहीं थी। उस वक्त चरण सिंह ने अपने ऐतिहासिक भाषण में सहकारी खेती के दुष्परिणामों के बारे में बताया।
   
यादव ने कहा कि चरण सिंह ने उस भाषण में कहा था कि सहकारी खेती से पैदावार कम होगी। किसानों के हाथ से खेती छिन जाएगी। किसान की सम्पत्ति खेती है और वह सोचेगा कि हमारी खेती नहीं रहेगी तो क्या होगा। चरण सिंह के भाषण से वह प्रस्ताव गिर गया था और नेहरू को पीछे हटना पड़ा।

http://www.youtube.com/watch?v=KrHLNSBaT98&feature=em-hot

http://www.youtube.com/watch?v=KrHLNSBaT98&feature=em-hot

हरकतों से बाज नहीं आया चीन, लद्दाख में गाड़े तंबू

Image Loadingचीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पिछले हफ्ते चीन के करीब 22 सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय क्षेत्र में घुस आए। यही नहीं, उन्होंने लद्दाख के पश्चिमी चेपजी क्षेत्र में अपने तंबू भी गाड़ लिए।
सूत्रों ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने करीब 8-10 टेंट लगाए हैं। अभी यह पता नहीं चल सका है कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में बने हुए हैं या वहां से चले गए हैं। हालांकि सैन्य मुख्यालय का कहना है कि क्षेत्र में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। भारतीय सेना ने शनिवार को चीन के साथ एक फ्लैग मीटिंग की थी। चुमार के करीब है चेपजी
चेपजी चुमार क्षेत्र के नजदीक है जहां पर गत एक वर्ष के दौरान चीन की ओर से बड़ी संख्या में घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं। चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ के मामले में चुमार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सबसे सक्रिय क्षेत्र है। चुमार लेह से 300 किलोमीटर दूर स्थित है। चीन-भारत सीमा पर यही एक स्थान है जहां चीन की सीधी पहुंच नहीं है। गत अप्रैल में चीनी सैनिक भारत के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 19 किलोमीटर अंदर घुस आए थे और वे वहां से दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत और एक श्रंखलाबद्ध फ्लैग मीटिंग के बाद ही हटे थे। क्षेत्र में चीन के शिविर की जानकारी उस घटना के कुछ ही समय बाद आई है जिसमें पीएलए सैनिक चुमार क्षेत्र में घुस आये थे और वहां से पांच भारतीय नागरिकों को पकड़कर उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपनी ओर ले गए थे। चीन के सैनिकों ने ऐसा संभवत: क्षेत्र पर अपना दावा करने के लिए किया था। बीजिंग में दोनों देशों द्वारा सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों देशों ने अपने मुद्दों को इस नए समझौते के तहत सुलझाने पर सहमति जताई थी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव रोकना था। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने हाल में चेतावनी दी थी कि नया सीमा समझौता इस बात की गारंटी नहीं देता कि भविष्य इन क्षेत्र में कुछ नहीं होगा। चीनी सैनिकों द्वारा अतिक्रमणों के मामले में चुमार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सबसे सक्रिय क्षेत्र है। चुमार लेह से 300 किलोमीटर दूर स्थित है। चीन-भारत सीमा केवल यही एक स्थान है जहां पर चीनी सैनिकों की कोई सीधी पहुंच नहीं है।

सोशल साइट्स पर क्या लिखें, क्या ना लिखें

NeetuSolankisirsa
पिछले दिनों बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के खिलाफ लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने के मामले में यूपी में आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर सोशल साइट या फिर नेट के जरिये क्या कॉन्टेंट डाला जा सकता है और क्या नहीं। आईटी ऐक्ट के तहत कानून में क्या प्रावधान है, यह जानना जरूरी है।

- अगर कोई शख्स सोशल मीडिया या दूसरे ऑनलाइन मीडियम से किसी और की भावनाओं को भड़काता है, अफवाह फैलाता है या फिर किसी और की छवि खराब करता है, या फिर कोई भी ऐसी हरकत करता है जिससे दूसरे की इमेज खराब हो रही हो या फिर मान-हानि हो रही हो, तो ऐसे में आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है।

- ऐसी कोई भी जानकारी जो झूठी हो, जिससे व्यक्ति विशेष को मानसिक आघात पहुंचा हो या फिर मान-हानि हुई हो या फिर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती हो, तो आईटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज हो सकता है।

- साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए का दायरा काफी व्यापक है। कोई भी ऐसा कॉन्टेंट जो कानून के नजर में गलत है, वह अगर सोशल साइट या फिर नेट के जरिये डाला जाता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए के तहत केस दर्ज हो सकता है।

- वैसे सरकार ने आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए के तहत होने वाली गिरफ्तारी के मामले में गाइड लाइंस जारी कर रखी है। इसके तहत प्रावधान है कि किसी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीनियर पुलिस अधिकारी की मंजूरी लेनी जरूरी है।

- सेक्शन 66 ए के तहत शिकायत दर्ज करने से पहले ग्रामीण इलाके में डीएसपी लेवल, जबकि शहरी इलाकों में आईजी लेवल के अधिकारी से मंजूरी लेना जरूरी है। उनकी अनुमति के बिना कार्रवाई नहीं होगी।

- आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए के तहत केस दर्ज होने के बाद अगर केस साबित हो जाए, तो इसमें 3 साल तक कैद की सजा हो सकती है और जुर्माने का भी प्रावधान है। वैसे इस अपराध को जमानती अपराध माना गया है।

- अगर कोई शख्स फर्जी आईडी के जरिये इंटरनेट पर अकाउंट खोलता है या फिर किसी और के पहचान का इस्तेमाल कर अकाउंट खोलता है या फिर फर्जी आईडी क्रिएट करता है, तो वह आईटी ऐक्ट की धारा-66 सी के तहत अपराध है और इसमें दोषी पाए जाने पर 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।

- अगर कोई शख्स इंटरनेट के जरिये या फिर मोबाइल आदि के जरिये इलेक्ट्रानिक माध्यम से अश्लील सामग्री सर्कुलेट करता है, तो ऐसे मामले में आईटी ऐक्ट की धारा-67 के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है और ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक कैद और 5 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान है।

- अगर कोई शख्स सेक्सुअल ऐक्ट को इलेक्ट्रानिक माध्यम से सर्कुलेट करता है, तो ऐसे में आईटी एक्ट की धारा-67 ए के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है और उसमें दोषी पाए जाने पर 5 साल तक कैद की सजा हो सकती है और 5 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। ये मामला गैर जमानती श्रेणी में रखा गया है।

-अगर कोई शख्स चाइल्ड पॉरनॉग्रफी को सर्कुलेट करता है या फिर ब्राउज भी करता है, तो उसमें आईटी एक्ट की धारा-67 बी ए के तहत केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है और दोषी पाए जाने पर 5 साल तक कैद और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी हो सकता है।"

अरविंद केजरीवाल: इनकम टैक्स कमिश्नर से मुख्यमंत्री तक का सफर

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पैंट के साथ बाहर करके पहनी गई आधी बाजू की ढीली ढाली शर्ट, काली मूंछों वाला ए क नाटे कद का साधारण सा दिखने वाला आदमी। जो कभी ट्रेन का इंतजार करता प्लेटफॉर्म पर जमीन पर सोते नजर आता, तो कभी ऑटो के लिए सड़क पर इंतजार करता।
एक ऐसी शख्सियत, जिसकी भीड़ में कोई पहचान नहीं है। लोग 45 साल के इस शख्स को अरविंद केजरीवाल के नाम से जानते हैं। जो कभी इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी हुआ करता था, लेकिन साधारण सी कद काठी वाला यह शख्स कब दिल्ली की सबसे ताकतवर कुर्सी का दावेदार बन गया, यह बाकी पार्टियों को भी पता नहीं चला। हरियाणा के भिवानी जिले के सीवानी मंडी में 16 जून 1968 को गोविंद राम केजरीवाल और गीता देवी के घर जन्माष्टमी के दिन अरविंद का जन्म हुआ और इसीलिए घरवाले प्यार से उन्हें किशन भी बुलाते हैं। हिसार से ही अरविंद ने अपनी हाईस्कूल तक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। यूपीएससी में इंटरव्यू देने से पहले अरविंद केजरीवाल कोलकाता गए थे। कोलकाता में उनकी मुलाकात मदर टेरेसा से हुई। अरविंद ने कालीघाट पर काम किया और शायद यहीं से उन्हें दूसरों के लिए जीने का नजरिया मिला। 1995 में अरविंद इंडियन रेवेन्यू सर्विस के लिये चुने गये थे। ट्रेनिंग के बाद दिल्ली में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अस्सिटेंट कमिश्नर बने। लेकिन यहां भी अपने लिये उन्होंने खुद नियम बनाये। वो नियम थे, अपनी टेबल को खुद साफ करना, डस्टबिन की गंदगी को खुद हटाना, किसी काम के लिये चपरासी का इस्तेमाल नहीं करना। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी करते हुये ही केजरीवाल ने डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार कम करने की मुहिम शुरु कर दी थी। साल 2000 में केजरीवाल ने परिवर्तन नाम के एक एनजीओ की शुरुआत की। बैनर पोस्टर छपवाये। जिन पर लिखा था रिश्वत मत दीजिये, काम न हो तो हमसे संपर्क कीजिये। परिवर्तन के जरिए उन्होंने देश भर में सूचना के अधिकार का अभियान चलाया। बिल बेशक केंद्र सरकार ने पारित किया हो, लेकिन जनता के बीच जाकर उन्हें जागृत करने का जिम्मा अरविंद और उनके परिवर्तन ने उठाया। अरविंद को 'राइट टू इन्फॉरमेशन' पर काम के लिये एशिया का नोबल पुरस्कार कहा जाने वाला मैग्सेसे अवार्ड मिला। परिवर्तन की लड़ाई का ही अगला चरण था जनलोकपाल। यह सिलसिला बढ़ता गया और केजरीवाल ने फरवरी 2006 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे समय के लिए सिर्फ परिवर्तन में ही काम करने लगे। इसके बाद देश में शुरू हुआ भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन। आंदोलन को जनसमर्थन तो पूरा मिला, लेकिन जनलोकपाल बिल नहीं बन पाया। केजरीवाल ने राजनीति में आने का फैसला किया। यहीं से अन्ना हजारे और केजरीवाल के रास्ते अलग हो गए, लेकिन केजरीवाल अन्ना के बिना भी आगे बढ़ते गए। 26 नवंबर 2012 में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई। महज एक साल पहले पैदा हुई आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में काबिज कांग्रेस और बीजेपी को कड़ी टक्कर दी और 28 सीटों पर जीत हासिल की।

Sunday 22 December 2013

Nokia मोबाइल से ली गई फोटो नहीं होगी धुंधली, आया Refocus App

बीते दिनों सिड के मम्‍मी-पापा की 25वीं सालगिरह थी. सिड ने अपने मोबाइल कैमरे से इस यादगार पल की कई तस्‍वीरें लीं, लेकिन अब समस्‍या यह है कि उन तस्‍वीरों में वह कई खास लोगों को फोकस नहीं कर पाया. इस वजह से तस्‍वीर में कई चेहरे धुंधले आ गए.
आम तौर पर मोबाइल फोटोग्राफी में इस तरह की समस्‍या का आना आम है. लेकिन अब नहीं, क्‍योंकि नोकिया Refocus App आपको खिंची हुई फोटो पर फिर से अलग-अलग एंगल पर फोकस करने की सुविधा देता है. यानी एक बार तस्‍वीर लेने बाद आप इस App की मदद से फोटो के किसी भी पार्ट पर फिर से फोकस कर सकते हैं.
नोकिया का यह ताजा App हाल ही में विंडोज फोन स्‍टोर पर लाइव किया गया है. यह विशेष तौर पर नोकिया लूमिया प्‍योर व्‍यू विंडोज फोन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है और इसके लिए लूमिया एम्‍बर सॉफ्टवेयर अपडेट की जरूरत होती है.
दरअसल, यह App फोटो लेने के दौरान एक सीन के कई फोटोज लेता है. यानी जब आप शटर बटन दबाते हैं तो एक साथ कई तस्‍वीरें खिंची चली जाती हैं. जिसके बाद App आपको तस्‍वीर में अलग-अलग जगहों पर फिर से फोकस करने की सुविधा देता है.
इस App में 'कलर पॉप' फीचर भी है, जिसके तहत अगर यूजर चाहे तो अपने फोकस प्‍वॉइंट के अलावा फोटो में अन्‍य सभी पार्ट को ब्‍लैक एंड व्‍हाईट शेड दे सकता है. खास बात यह है कि यह App मुफ्त है.

'महागर्जना' रैली में मोदी ने दिया 'वोट फॉर इंडिया' का नारा, कांग्रेस को पानी पी-पी कर कोसा

मुंबई. भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी ने 'महा'महागर्जना' रैली में मोदी ने दिया 'वोट फॉर इंडिया' का नारा, कांग्रेस को पानी पी-पी कर कोसा गर्जना रैली' में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने मराठी में भाषण की शुरुआत की और छत्रपति शिवाजी व बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेने के बाद मराठी में ही देश को 'कांग्रेस मुक्‍त' बनाने की अपील की। मोदी ने कुशासन को डायबिटीज जैसी बीमारी बताया और 'श्रम एव जयते' व 'वोट फॉर इंडिया' का नारा दिया। उन्‍होंने लोगों से अपील करते हुए कहा- देश, दल से बड़ा होता है और मैं आपसे अपील करता हूं कि 2014 चुनाव में आप किसी दल के नहीं बल्कि देश के लिए मतदान करें। उन्‍न्‍होंने कहा कि 'वोट फॉर इंडिया' के ही जरिए देश को वंशवाद, गरीबी, भूख जैसी समस्‍याओं से निजात मिल सकेगी।  
 
मोदी ने आईएनएस विक्रांत की नीलामी पर कहा कि दिल्‍ली की सरकार धरोहरों को बेच रही है, जबकि हम गांव-गांव से लोहा मंगाकर धरोहर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा- शनिवार को मैंने कांग्रेस के एक बड़े नेता का भाषण सुना। इनकी हिम्‍मत तो देखो, एक तरफ तो भ्रष्‍टाचारी नेताओं को महाराष्‍ट्र सरकार बचाती है और दूसरी ओर दिल्‍ली में उनके नेता भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। शनिवार को राहुल गांधी ने फिक्‍की के कार्यक्रम में भ्रष्‍टाचार को देश की सबसे बड़ी समस्‍या बताया था। 
 
मोदी ने 'महागर्जना' रैली में चायवालों को वीआईपी पास दिए जाने की बात करते हुए कहा कि आने वाले वक्‍त में देश का हर गरीब वीआईपी होगा। मुंबई रैली में मोदी ने मोदी रैली में आई भीड़ का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा दृश्‍य पहले कभी देखने को नहीं मिला। उन्‍होंने कहा कि जहां तक नजर पहुंच रही है, माथे ही माथे नजर आ रहे हैं। भाजपा 'महागर्जना रैली' में करीब 10 लाख लोगों के जुटने की बात कही है।
 
दूसरी ओर मोदी की रैली ने कांग्रेस में हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी जल्‍द से जल्‍द मुंबई में सोनिया गांधी की रैली आयोजित करने जा रही है। पार्टी के स्‍थानीय नेताओं का कहना है कि सोनिया गांधी की रैली जनवरी में हो सकती है। कांग्रेस कार्यकर्ता इस रैली की तैयारियों में अभी से जुट गए हैं।

'धूम 3' ने तोड़े बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड्स, दो दिन में कमा डाले 109 करोड़

'धूम 3' ने तोड़े बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड्स, दो दिन में कमा डाले 109 करोड़
dhoom-3 on fire
यशराज बैनर के तले बनी इस साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक 'धूम 3' ने महज दो दिनों में ही अपने तेवर दिखा दिए हैं। इस फिल्म की रिलीज होने के 3 महीने पहले से ही चर्चा होनी शुरू हो गई थी। ट्रेड एनालिस्ट कयास लगा रहे थे कि ये इस साल की सबसे बड़ी फिल्म साबित होगी और
फिल्म ने वैसा ही प्रदर्शन किया भी।
 
'धूम 3' के ताजातरीन बॉक्स ऑफिस आंकड़ो पर नजर डालें तो ये फिल्म रिलीज होने के महज दो दिन के अंदर ही 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। ये फिल्म पूरी दुनिया में शुक्रवार को ही रिलीज हुई थी और अब तक इस फिल्म का वर्ल्ड वाइड कलेक्शन 109 करोड़ के पार हो गया है।
 
'धूम 3' ने शुक्रवार के दिन ही भारत में 36 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी जो बॉलीवुड में अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग है। 'धूम 3' ने 'चेन्नई एक्सप्रेस' का रिकॉर्ड तोड़ दिया था जिसका फर्स्ट डे कलेक्शन लगभग 34 करोड़ था। अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि सप्ताह खत्म होते-होते 'धूम 3' पूरी दुनिया से 190 करोड़ तक का कारोबार कर लेगी।

मुझमें हमेशा असुरक्षा की भावना रहती है : करीना कपूर

Always feel insecure in Mumbai: Kareena Kapoorमुंबई: अभिनेत्री करीना कपूर कहती हैं कि अब वह मुंबई में सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। उनमें हमेशा असुरक्षा की भावना रहती है।

करीना महिलाओं की सुरक्षा के लिए चैनल वी की 'विद यू' एप्लीकेशन के लांच के मौके पर मौजूद थीं।

क्या वह मुंबई में सुरक्षित महसूस करती हैं? इस सवाल पर करीना ने कहा, "मैं दो साल पहले सुरक्षित महसूस करती थी। लेकिन पिछले दो वर्षों में मुंबई शहर में असुरक्षा का माहौल बन गया है।"

उन्होंने कहा, "महिलाओं के खिलाफ हाल में हुई वारदातों ने सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि हमारे शहर में भी खौफ का माहौल बना दिया है। इसलिए मुझमें हमेशा असुरक्षा की भावना रहती है।

इस अभिनेत्री ने देश में दुष्कर्मों की संख्या में हुई वृद्धि पर भी हैरानी जताई।

अभिनेता सैफ अली खान की पत्नी करीना ने कहा, "अगर मैं रात में शूटिंग पर हूं तो मां को मेरी चिंता होती है। जब मैं देर रात या तड़के शूटिंग पर होती हूं तो वह जितना संभव हो जागती रहती हैं।"

उन्होंने कहा, "मुझे रोजाना घर पहुंचकर उन्हें मैसेज करना पड़ता है।"

फीफा वर्ल्ड कप-2022 में खेल सकता है भारत: सचिन


कोलकाता। फीफा यू-17 विश्वकप की मेजबानी भारत को मिलने से अति प्रसन्न महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने रविवार को कहा कि देश के पास फीफा विश्वकप-2022 में पहुंचने का सुनहरा अवसर है। सचिन ने आगे कहा कि हालांकि इसके लिए लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सही दिशा में लगातार कार्य करने की जरूरत है।
यहां एक पांच सितारा होटल में फीफा विश्वकप ट्रॉफी के अनावरण समारोह पर सचिन ने कहा कि हमें जमीनी हकीकत को पहचानना होगा, और इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें लगातार इस दिशा में कदम बढ़ाने की जरूरत है। हम जितना अधिक इस दिशा में बढ़ेंगे और अपना ध्यान केंद्रित रख पाएंगे, हमें उसका परिणाम मिलेगा।
सचिन ने आगे कहा कि आप एक छलांग में 100वीं मंजिल पर नहीं पहुंच सकते। इसके लिए आपको भूतल से जाना ही होगा। विश्व के सार्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन ने पिछले महीने क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
सचिन ने फीफा विश्वकप ट्रॉफी के अनावरण के अवसर पर कहा कि भारत के पास फीफा विश्वकप-2022 में पहुंचने का सुनहरा अवसर है।
उन्होंने आगे कहा कि अंडर-17 विश्वकप बहुत ही शानदार अवसर है, और फीफा विश्वकप में प्रवेश करने के लिए हमें बहुत अधिक योजनाबद्ध तरीके से कठिन मेहनत करने की जरूरत है। साथ ही इसके लिए हमें सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी तथा अवसंरचना का निर्माण करना होगा।
इस अवसर पर सचिन के अलावा कोका कोला हैप्पिनेस के एंबेसडर एवं पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सौरभ गांगुली और चुनी गोस्वामी और गुरबख्श सिंह जैसी खेल हस्तियां भी मौजूद थीं।

भारत को राजनयिक गतिरोध के जल्द समाधान की उम्मीद

Image Loadingअमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी के बाद बनी गतिरोध की स्थिति के जल्दी समाधान की संभावनाओं पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि कुछ होगा। भारत और अमेरिका इस मुद्दे का हल निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं वहीं खोबरागड़े ने मुकदमा पूर्व प्रक्रिया में शामिल होने से छूट मांगी है। उनकी अर्जी पर फैसला कल पता चलेगा। देवयानी का तबादला संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में किया जा चुका है।
इस मुद्दे के जल्दी समाधान को लेकर खुर्शीद कितने आशान्वित हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि दुनिया आगे बढ़ती रहती है, दुनिया कभी मरती नहीं, दुनिया कभी रकती नहीं। कुछ होगा। भारत-अमेरिका संबंधों पर अपने बयानों का अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा स्वागत किए जाने पर खुर्शीद ने कहा, उन्हें (अमेरिका को) कुछ करना चाहिए। स्वागत करना ही काफी नहीं है। खुर्शीद ने अमेरिका को मूल्यवान साझेदार करार देते हुए कहा था कि दोनों पक्षों को अत्यधिक असाधारण मूल्यवान रिश्तों को बचाकर रखने की जरूरत है। न्यूयॉर्क में उप महावाणिज्यदूत के तौर पर कार्यरत 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी 39 वर्षीय देवयानी को वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें 2,50,000 डालर का मुचलका जमा करने पर छोड़ा गया।

सरकार बनाने के बारे में फैसला सोमवार सुबह तक: केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को संकेत दिया कि दिल् ली में नयी सरकार बनाने के बारे में फैसला रविवार की रात या सोमवार की सुबह तक कर लिया जाएगा।
केजरीवाल ने पार्टी को सरकार बनाने के मुद्दे पर मिल रहे जनता के जवाब के बारे में एक सवाल पर यहां संवाददाताओं से कहा कि संभवत: आज रात या कल सुबह तक। यह पूछे जाने पर कि क्या वह घोषणापत्र पर अमल करने में कामयाब होंगे, केजरीवाल ने कहा कि पार्टी घोषणापत्र के वायदों को पूरा करेगी जो विशेषज्ञों से सलाह मशविरे के बाद तैयार किया गया था। अब तक मिले विभिन्न सर्वेक्षणों में भी सामने आया है कि ‘आप’ को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के सहयोग से सरकार बनानी चाहिए। केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता रविवार को भी दिनभर विभिन्न सभाओं में हिस्सा ले रहे हैं और लोगों से इसी सवाल का जवाब मांग रहे हैं कि क्या उन्हें सरकार बनानी चाहिए। अभी तक मिली जानकारियों के अनुसार भारी संख्या में लोग चाहते हैं कि आप सरकार बनाए और दिल्ली की जनता के समक्ष उपस्थित समस्याओं का निदान निकालें। ‘आप’ नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सरकार बनाने की चुनौती स्वीकारते हुए कहा था कि सरकार चलाना कोई चांद-तारे तोड़ने जैसा काम नहीं है। वे सरकार बनाने से भागने वाले नहीं है। केजरीवाल ने पूरे विश्वास से कहा कि सरकार चलाकर दिखाएंगे। सरकार बनने पर जन लोकपाल विधेयक और बिजली कंपनियों के खातों की जांच उनकी प्राथमिकता में होंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया ने भी जनमत सर्वेक्षणों के आधार पर संकेत दिया है कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली में सरकार के गठन पर कोई गुरेज नहीं होगा। उन्हें सिर्फ सर्वेक्षणों के अंतिम नतीजे मिलने का इंतजार है। इस बीच शनिवार को जनसभाओं का परिणाम भी सरकार बनाने की तरफ इशारा कर रहा है। ‘आप’ के नेता कुमार विश्वास और पंकज गुप्ता का भी कहना है कि दिल्ली में सरकार बनाने के मामले में लोगों का बेहद सकारात्मक रूझान मिल रहे हैं।

जोर का झटका लगा जैकपॉट को

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जैकपॉट’ की अभिनेत्री सनी लियोनी अपनी अगली फिल्म ‘टीना एंड लोलो’ के लिए बॉक्सिंग सीख रही हैं। लोग कुछ और देखने जाएं न जाएं, सनी का बॉक्सिंग टैलेंट जरूर देखने चले जाएंगे, क्योंकि जि स ‘हॉट’ टैलेंट के लिए सनी जानी जाती हैं, वो तो उनकी फिल्मों से गायब नजर आ रहा है। ‘जैकपॉट’ के कलेक्शन को देख तो यही लगता है कि इस फिल्म को दर्शकों ने सिरे से नकार दिया। एक सप्ताह में इस फिल्म ने करीब 3 करोड़ बटोरे, जो सनी की पिछली फिल्म ‘जिस्म 2’ के मुकाबले बेहद कम है। उधर, कॉमेडी नाइट्स शो के कपिल शर्मा ने भी सनी लियोनी को अपने शो में फिल्म का प्रमोशन नहीं करने दिया। वजह थी सनी की पॉर्न स्टार इमेज, जिसके चलते कपिल को लगता है कि इससे उनके फैमिली शो पर असर पड़ता। अब तो सनी को समझ लेना चाहिये कि यहां बॉलीवुड में केवल अंग से ही सब कुछ हासिल नहीं होता। एक्टिंग टैलेंट होना भी जरूरी है। सनी को बॉक्सिंग सीखने से पहले अभिनय की कक्षा भी लेनी चाहिये।

आज भी हैं माधुरी के लाखों दीवाने

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अपनी खूबसूरती और डांस के लिए मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित नेने बहुत जल्दी विशाल भारद्वाज निर्मित और अभिषेक चौबे निर्देशित फिल्म ‘डेढ़ इश्किया’ में महमूदाबाद की बेगम पा रा के किरदार में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में जहां उन्होंने कथक डांस किया है, वहीं लखनऊ के मशहूर पान भी खूब चबाए हैं।
आपने कभी सोचा था कि एक दिन आप लोगों को अपने डांस से दीवाना बना देंगी?
उस वक्त इस तरह की बात सोचने की मेरी उम्र ही नहीं थी। मेरी दादी को तो मेरा डांस सीखना भी पसंद नहीं था। मेरी मां ने हम बहनों को डांस सिखवाना शुरू किया था। धीरे-धीरे मेरी रुचि डांस के साथ-साथ फिल्मों की तरफ भी बढ़ती गयी। हालांकिमैं तो साइंस विषय के साथ पढ़ाई करते हुए डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी। जब मैं 12वीं क्लास में थी, तभी मेरे डांसर होने की बात मेरी बहन की सहेली के माध्यम से ‘राजश्री प्रोडक्शन’ तक पहुंच गयी। ‘राजश्री प्रोडक्शन’ वालों ने मुझे फिल्म ‘अबोध’ में अभिनय करने का मौका दे दिया। ‘घाघरा’ गीत से किस तरह की प्रतिक्रियाएं मिलीं?
गाने और डांस नंबर की बहुत तारीफ हुई। लोगों ने कहा कि उन्हें रणबीर के साथ मेरी छेड़खानी पसंद आई। ‘डेढ़ इश्किया’ के प्रोमो आ रहे हैं, इन्हें देख कर आपके बच्चों ने क्या कहा?
बच्चे अभी इतने बड़े नहीं हुए हैं कि ज्यादा कुछ कह सकें। दूसरी बात हमारे बच्चे फिल्म और टीवी बहुत कम देखते हैं। एक दिन टीवी पर ‘डेढ़ इश्किया’ का प्रोमो आ रहा था, उसी वक्त मेरे बच्चे बाहर से खेलते हुए घर के अंदर घुसे और प्रोमो में मुझे देख कर आश्चर्य से कहा- ‘मम्मी यह आप हैं? आप तो बहुत सुंदर लग रही हैं।’ आपके बच्चे क्या ज्यादा पसंद करते हैं?
वे तो हमेशा खेल में ही बिजी रहते हैं। सुना है बेगम पारा को पान खाने का बड़ा शौक है। लखनऊ में पान लगाने का अनोखा तरीका होता है.. तो क्या वह सब भी सीखने की जरूरत पड़ी?
हम बहुत विस्तार में तो इस पर नहीं गए, पर बेगम को पान खाने का शौक है। वह सीन में भी पान बनाते हुए नजर आती है। पान खाने में मजा आया, पर शूटिंग के दौरान यह भी एहसास हुआ कि हम हर सीन में पान नहीं खा सकते।  निर्देशक अभिषेक चौबे के साथ कैसा अनुभव रहा?
मैं तो ‘इश्किया’ देख कर ही उनके काम से प्रभावित हो गयी थी। ‘डेढ़ इश्किया’ में उनके साथ काम करते हुए मैंने काफी एंज्वॉय किया। वह सेट पर बहुत बारीकी से देखते हैं कि चरित्र किस तरह का है और कलाकार उसे कैसे पेश कर रहा है? और जब सेट पर निर्देशक की सलाह बार-बार मिले तो परफॉरमेंस निखर कर आती है।  विशाल भारद्वाज से सेट पर कब और क्या बातचीत हुई?
वह सेट पर कभी आते ही नहीं थे। एक दिन यूं ही दो-तीन मिनट के लिए आए थे। पूछा- सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है? और चले गए। लंबे अर्से बाद आपने ‘गुलाब गैंग’ में एक्शन किया है?
मैंने ‘गुलाब गैंग’ में रज्जो का चरित्र निभाया है, जो औरतों के प्रति हो रही हिंसा के खिलाफ लड़ती है। दूसरी हिंदी फिल्मों में हीरो एक्शन करता रहता है और हीरोइन देखती रहती है, पर इसमें हीरोइन ही एक्शन करती है। आपके लिए एक्शन करना कितना कठिन रहा?
मेर लिए डांस और एक्शन में सिर्फ इतना फर्क है कि एक्शन करते समय इस बात का ख्याल रखना पड़ता है कि चोट न लगे। एक्शन करते समय ‘टाइमिंग’ बहुत सही होनी चाहिए। सिनेमा में जो बदलाव आया है, उसे आप कितना सही मानती हैं?
मुझे बहुत ज्यादा बदलाव नजर नहीं आता। आज भी टिपिकल हीरो-हीरोइन वाली फिल्में बन रही हैं। नॉन टिपिकल हीरो-हीरोइन वाली फिल्में भी बन रही हैं। भविष्य की योजना?
प्रोडक्शन हाउस खोल लिया है। कुछ रचनात्मक काम करना है। कुछ प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। कुछ ठोस होगा तो उस पर चर्चा करेंगे।

भारत ने यूएन से देवयानी को राजनयिक छूट देने कहा

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि यहां के भारतीय मिशन में बतौर महावाणिज्य दूत के तौर पर स्थानांतरित देवयानी खोबरागड़े को राजनयिक छूट एवं कूटनीतिज्ञ के सभी विशेषाधिकार प्रदान किए जाएं।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी ने 18-19 दिसंबर के आसपास मून को पत्र लिखा। पत्र के साथ उन्होंने दूसरे दस्तावेज भी भेजे। मुखर्जी ने बताया कि हमने मून को सूचित किया कि अब यहां हमारी एक नयी राजनयिक हैं जिन्हें महावाणिज्य दूत बनाया गया है। हमने यह भी लिखा है कि हम चाहेंगे कि उन्हें एक राजनयिक के तौर पर विशेषाधिकार और छूट मिले। हमने यह भी इंगित किया कि हमारे प्रतिनिधिमंडल की सूची में देवयानी का नाम कहां मुद्रित होगा। संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि कर दी कि उसे देवयानी के बारे में भारत से आधिकारिक अधिसूचना हासिल हुई है। देवयानी को संयुक्त राष्ट्र स्थित भारतीय स्थायी मिशन में महावाणिज्य दूत बनाया गया है। अमेरिका में वीजा संबंधी जालसाजी के मामले में गिरफ्तार की गई देवयानी इससे पहले न्यूयॉर्क में भारत की उप महावाणिज्य दूत थीं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत की ओर से देवयानी के संदर्भ में किए गए आग्रह पर मानक प्रक्रियाओं के अनुसार पर कार्रवाई की जाएगी। मुखर्जी ने कि कागजातों को लेकर प्रक्रिया चल रही है और संयुक्त राष्ट्र को दस्तावेज अमेरिकी विदेश मिशन कार्यालय भेजने हैं। यह कार्यालय अमेरिकी विदेश विभाग के अंतर्गत आता है। मुखर्जी ने यहां संयुक्त राष्ट्र उन महासचिव जेन एनिसल से मुलाकात की और उन्हें बताया कि भारत ने देवयानी को लेकर आग्रह किया है। भारतीय राजदूत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र इससे पूरी तरह अवगत है। हमारी ओर से सभी दस्तावेज भेज दिए गए हैं। अब अमेरिकी विदेश विभाग को संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेजों पर जवाब देना है। अब मामला संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी विदेश विभाग के बीच का है। उन्होंने कहा कि देवयानी महावाणिज्य दूत के स्तर की राजनयिक हैं, ऐसे में अमेरिकी विदेश विभाग से राजनयिक पहचान पत्र जारी करने की उम्मीद की जाती है। देवयानी को बीते 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया और बाद में ढाई लाख डॉलर के मुचलके पर जमानत दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि राजनयिक छूट देने में संयुक्त राष्ट्र की कोई भूमिका नहीं है क्योंकि मुख्यालय से जुड़े समझौते के तहत यह छूट अमेरिका प्रदान करता है। यह समझौता उस वक्त किया गया था, जब अमेरिका ने प्रस्ताव दिया था कि संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय न्यूयॉर्क में हो।

मुंबई को अब देना होगा कांग्रेस मुक्त इंडिया का नारा:मोदी

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नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आयोजित विशाल रैली में कहा कि 1960 से पहले गुजरात और महाराष्ट्र एक ही थे। गुजरात वृहद महाराष्ट्र का हिस्सा था। अलग होने के बाद गुजरात के पास कुछ नहीं था, लेकिन आज उसके पास सबकुछ है।
मोदी ने कहा कि देश के सामने मौजूद समस्याओं का कारण हमारा इतिहास अथवा भूगोल नहीं, बल्कि कांग्रेस नीत सरकारें हैं। मोदी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने विकास को बढ़ावा देकर बीमारू राज्य के तमगे को हटाने में राज्य की मदद की। गुजरात ने साबित कर दिया कि अगर दिल में कुछ करने का जुनून हो तो किसी भी उपलब्धि को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सभी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, इसलिए राज्य में अभी तक 26 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। मोदी ने कहा कि मुंबई की धरती जहां से क्विट इंडिया का नारा दिया गया था, वहीं से कांग्रेस मुक्त इंडिया का नारा दिया जाना चाहिए। की मुंबई में जारी रैली में भाड़ी संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं। इसे सफल बनाने के लिए भाजपा ने पूरी शक्ति झोंक दी है। भाजपा का मकसद महाराष्ट्र की 48 सीटों में से अधिकांश जीतना है। गौरतलब है कि पिछले 15 सालों से महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की सत्ता है। चंद दिनों पहले आदर्श सोसायटी से जुड़ी रिपोर्ट को महाराष्ट्र सरकार द्वारा खारिज करने के बाद भाजपा और शिवसेना इसे चुनावी मुद्दा बना बनाती जा रही है। संभव है कि आज की रैली में मोदी भी इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार, खासकर कांग्रेस पर हमले कर सकते हैं। खास बात यह है कि रैली में बीजेपी ने 10 हजार चाय वालों को न्योता दिया है। मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में होने वाली इस रैली में लाखों के आने का दावा किया गया है। मुंबई में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को सात-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जाएमगी। खतरे की सर्वाधिक ऊंची श्रेणी में रहने के कारण मोदी को सात-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी। आतंकवाद निरोधक इकाई भी सक्रिय है। रैली को मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, पार्टी महासचिव और महाराष्ट्र के भाजपा मामलों के प्रभारी राजीव प्रताप रूडी, वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी संबोधित करेंगे।

मुजफ्फरनगर के दंगा शिविरों में अचानक पहुंचे राहुल गांधी

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कांग्रेस के राष्टीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को हरियाणा के रास्ते पानीपत होते हुए मलक पुरा में मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के कैंपों में शरणार्थियों का हाल जानने के लिए पहुंचे। उनके साथ यूपी के प्रभारी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री और केंद्रीय गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह भी थे।
बरनावी में राहुल गांधी की कार के साथ बैठकर शरणार्थी परिवारों की महिलाओं ने काफी देर तक हंगामा किया और मकान बनाकर देने की मांग की। मलकपुरा कैंप में अचानक पहुंचे राहुल गांधी ने शरणार्थी परिवारों से पूछा कि वह अपने घर वापस क्यों नहीं जाना चाहते? इस पर लोगों ने विरोध करते हुए कहा कि वह अपने घर नहीं लौटेंगे। उन्हें मकान बनाकर दो। राहुल गांधी ने उनसे पूछा आपलोग ठंड में क्यों रह रहे हो? ठंड से बचाव के यहां क्या प्रबंध हैं? इसके बाद राहुल लोगों को साथ लेकर मलकपुरा में लगे कैंपों के तंबुओं में घूमे और झोंपड़ियों में अंदर झंककर वहां पड़े सामान और कंबल आदि को देखा। करीब बीस मिनट शरणार्थियों से यहां बात करने के बाद राहुल गांधी काफिले के साथ खुरगान में काठा नदी पुल पर लगे शरणार्थी कैंप में पहुंचे। वहां के शरणार्थियों से राहुल ने पूछा कि दंगे में उनके गांवों में क्या हुआ था, जो वह यहां रहने पर मजबूर हैं? इसके बाद जब वह चलने लगे तो कैंप से निकलकर दर्जर्नों महिलाएं उनकी कार के सामने आ गईं और घेरकर बैठ गईं। महिलाओं की मांग थी कि सरकार उनकी सुध ले और उन्हें मकान बनाकर दिए जाएं। पुलिस और एसपीजी के जवानों ने बमुश्किल राहुल गांधी के काफिले के लिए रास्ता बनाया और उन्हें निकाला। यहां से राहुल गांधी बरनावी के राहत शिविर में पहुंचे और वहां बच्चों के साथ रह रहे शरणार्थियों से पूछा कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं। उन्होंने पूछा कि छोटे बच्चे ठंड में कैसे रहते हैं। वहां से लौटने के बाद राहुल गांधी ने अकबरपुर सुनेठी के राहत शिविर का दौरा किया। इस कैंप में भी वह गाड़ी से उतरे और वहां लगे अस्थाई तंबुओं के बीच गए। राहुल गांधी के दौरे को लेकर मुजफ्फरनगर का जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और लोई के राहत शिविर में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राहुल गांधी जिस समय करीब साढे 12 बजे मलकपुरा गांव पहुंचे तो उस समय तक शामली के जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। केवल कैराना के कोतवाल और सीओ ही मलकपुरा पहुंच पाए थे। एसडीएम राहुल के वहां पहुंचने के बाद वहां पहुंचे।

Saturday 21 December 2013

ब्लैकबेरी खो जाए तो उड़ा दें सारा डाटा

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स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी को काफी आसान बना दिया है। एक साथी की तरह साथ देने वाली यह डिवाइस जब खो जाती है तो हम परेशान हो जाते हैं। मुख्य चिंता डाटा और कॉन्टेक्ट की होती है। डाटा बैकअप की सुविधा सभी स्मार्टफोन में उपलब्ध है। अगर आप ब्लैकबेरी यूजर हैं तो डिवाइस के गुम होने की स्थिति में आप ऑनलाइन जाकर डिवाइस से डाटा डिलीट कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि यूजर ने ब्लैकबेरी प्रोटेक्ट को सक्रिय कर रखा हो।
ब्लैकबेरी प्रोटेक्ट को करें लॉगइन
भीड़ में फोन गुम हो जाने या फिर खोने की स्थिति में ब्लैकबेरी की प्रोटेक्ट सेवा अपने डाटा को रिकवर करने और डिवाइस से डाटा डिलीट करने और उस पर संदेश छोड़ने की सुविधा देती है। इतना ही नहीं, अगर यूजर को उसका फोन नहीं मिल रहा है और उसे लग रहा है कि किसी ने फोन चोरी कर लिया है, तो यूजर ऑनलाइन ब्लैकबेरी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी ब्लैकबेरी आईडी से लॉग इन करके डिवाइस पर रिंग कर सकता है और मैसेज भेज सकता है। इतना ही नहीं डिवाइस का पासवर्ड भी बदल सकता है। पासवर्ड बदल जाने की स्थिति में कोई भी फोन के डाटा का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा। ऐप खोजेगा खोया हुआ स्मार्टफोन
अगर महंगा स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं और उसमें ट्रैक लॉस्ट/ स्टोलेन ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। इन ऐप की मदद से आप न सिर्फ अपने स्मार्टफोन को ट्रैक कर सकेंगे बल्कि वापस भी पा सकेगें। गूगल प्ले से लेकर दूसरे ऐप स्टोर पर ऐसे ऐप मौजूद हैं जो स्मार्टफोन के खो जाने की स्थिति में काफी कारगर हैं। इसमें गूगल प्ले पर मौजूद फोन लोकेटर, सेल ट्रैकर और फाइंड माई फोन जैसे ऐप प्रमुख हैं। कैसे डिलीट करें डाटा?
1. ब्लैकबेरी की वेबसाइट पर जाकर डिवाइस मेन्यू में जाएं। वहां पर ब्लैकबेरी प्रोटेक्ट का ऑप्शन मिलेगा।
2. विंडो में ब्लैकबेरी प्रोटेक्ट के साथ-साथ प्रोटेक्ट योर इंफॉरमेशन और फाइंड योर स्मार्टफोन के ऑप्शन मिलेंगे।
3. दोनों में जरूरत के हिसाब से क्लिक करके आगे के स्टेप में जाने पर ब्लैकबेरी की आईडी से लॉग इन करना होगा।
4. इसके बाद वहां पर मैसेज भेजने से लेकर डिवाइस से डाटा डिलीट करने पर उसे लॉग करने के ऑप्शन मिलेंगे। इनके जरिए डाटा को डिलीट कर सकते हैं। ऑनलाइन डिवाइस का पासवर्ड बदल सकते हैं। ऐसा करने पर डिवाइस सेफ और सिक्योर रहेगी। कोई सूचनाओं का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा।

फिल्म रिव्यू : जैकपॉट

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निर्देशक कैजाद गुस्ताद का फिल्म रिलीज होने से कुछ दिनों पहले बयान आया कि अगर उनकी पिछली फिल्म ‘बूम’ (2003) मौजूदा समय में आई होती तो चल जाती या हिट भी हो सकती थी। दस साल पहले आई फिल्म ‘बूम’ के बारे में जो लोग नहीं जानते, उन्हें बता दें कि अमिताभ बच्चन, जैकी श्रॉफ, जीनत अमान, गुलशन ग्रोवर, कैटरीना कैफ, मधु सप्रे और जावेद जाफरी जैसे सितारों संग ये फि ल्म न केवल गुणवत्ता के लिहाज से, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी कलंक साबित हुई थी।
‘बूम’ के मामले में मेरा अनुभव ये था कि इंटरवल में ही फिल्म छोड़ चला आया था। बेशक इस फिल्म का गीत-संगीत बेहतरीन था, पर फिल्म में ऐसी उकताहट थी, मानो सीट में अचानक खटमल पैदा हो गये हों। जाहिर है कि यहां ‘बूम’ का नहीं, बल्कि फिल्म ‘जैकपॉट’ का रिव्यू लिखा जा रहा है। ‘बूम’ का जिक्र इसलिए किया गया है, क्योंकि ‘जैकपॉट’ में कैजाद ने क्या गुल खिलाए हैं, बताने में आसानी रहे। तो साहब कैजाद की ये फिल्म ‘बूम’ की बाप है और उससे भी ज्यादा बुरी है। इस फिल्म के लेखक भी कैजाद खुद ही हैं। ये कहानी उन्होंने कैसे लिखी, इसके लिए उन्हें कोई अवॉर्ड मिलना चाहिए, क्योंकि जिस तरह से उन्होंने कहानी को पिरोया है, उसे देख लगता है कि पहला पन्ना कहीं बीच में और अंतिम पन्ना कहानी के शुरू में आ गया है, जिससे न केवल सीन्स, बल्कि पूरी की पूरी कहानी का ढर्रा ही ढह गया है।

बेशक इसे कैजाद की भाषा में ‘डिफरेंट काइंड ऑफ फिल्म मेकिंग’ (एक अलग तरह का सिनेमा) कहेंगे, लेकिन सच ये है कि ये किसी फिल्म की कहानी तो कतई नहीं लगती। नसीरुद्दीन शाह एक कैसीनो चलाते हैं, जिसका नाम है जैकपॉट। उनके किरदार का नाम है बॉस। कोई-कोई उन्हें सरजी भी कहता है। बॉस के सामने फ्रांसिस (सचिन जोशी) और माया (सनी लियोन) करोड़ों रुपये का एक प्रोजेक्ट लाते हैं, जिसके तहत बॉस को एक फन पार्क में 10 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करने हैं। इस प्रोजेक्ट की आड़ में फ्रांसिस और माया बॉस के कसीनो में सेंध लगाते हैं और अपने एक साथी द्वारा जीते गये पांच करोड़ के जैकपॉट पर हाथ साफ कर देते हैं। अब बॉस को हर हालत में अपने पांच करोड़ के जैकपॉट को वापस पाना है। इसके लिए वह माया और फ्रांसिस पर नजर रखने लगता है। दोस्तों, इससे ज्यादा कहानी में कहने लायक कुछ नहीं है।

इस फिल्म को सुर्खियों में लाने वाला एकमात्र फैक्टर है सनी लियोन। जी हां, ‘जिस्म 2’ के बाद सनी के बहुतेरे फैन्स को उम्मीद होगी कि इस फिल्म में उन्हें सनी के हॉट सीन देखने को मिलेंगे। जो लोग इस उम्मीद से फिल्म देखने जा रहे हैं, उनके लिए एक टिप है। फिल्म में सनी हॉट जरूर लगी हैं, लेकिन पूनम पांडे से कम। फिल्म में एकमात्र चीज जो अच्छी है, वो है इसका एक गीत। कभी जो बादल बरसे.. गीत का फिल्मांकन और धुन बेहद अच्छी है। ये गीत सनी के लिए सौगात की तरह है, जिसे देख लगता है कि उन्हें फिल्म में किसी ने हीरोइन भी समझा है। अब चूंकि फिल्म के निर्माता सचिन जोशी ही हैं तो उन्होंने सनी के पति डेनियल वेबर को भी एक छोटा-सा रोल दे डाला है।

कुल मिला कर ये ‘जैकपॉट’ नहीं, बल्कि क्रैकपॉट है, जिसके एक सीन में सनी लियोन संवाद बोलती हैं, ‘अंडरवर्ल्ड और सरकार में आखिर फर्क ही क्या है।’ सही है बॉस, जो आता है, सरकार को गाली देकर जाता है। अब सोचिए  कि सनी लियोन के मुख से लास वेगास अंदाज में ये संवाद सुन कर कैसा लगेगा। इसलिए पैसे बचाओ दोस्तों, नया साल मनाने के काम आएंगे।

सितारे: सचिन जोशी, सनी लियोन, नसीरुद्दीन शाह
निर्देशक-लेखक: कैजाद गुस्ताद
निर्माता: रैना सचिन जोशी
बैनर: वाइकिंग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्रा. लि.
संगीत: शारिब-तोशी, रेमो फर्नाडिज, मिका सिंह, राहुल भट्ट, ऋषि रिचा
संवाद: अमोल पाराशर, कैजाद गुस्ताद
गीत: तुराज, अजीम शिराजी, रेमो फर्नाडिज, कैजाद गुस्ताद, श्रीदेवी केशवान

दिल्ली की जनता ने कहा, आम आदमी पार्टी बनाए सरकार

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दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने का ‘जनादेश’ दे रही है। राजधानी में शुक्रवार को पहले दिन हुई 15 जनसभाओं में 90 फीसदी लोगों का कहना था कि ‘आप ’ ही सरकार बनाए।
अब तक मैसेज, वेबसाइट, आईवीआर के तहत आए मतों में भी 80 फीसदी जनता ने अरविंद  केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री देखने की इच्छा जाहिर की है। खुद ‘आप’ ने भी दिल्ली में सरकार बनाने का संकेत दिया है। पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया ने कहा कि हमें ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दिल्ली की जनता चाहती है आम आदमी पार्टी सरकार बनाए। उन्होंने कहा अंतिम निर्णय जनादेश के बाद ही लिया जाएगा। ‘आप’ दिल्ली में 25 लाख पर्चे बांटकर लोगों से सरकार बनाने को लेकर रायशुमारी कर रही है। अब तक लाखों लोग विभिन्न माध्यमों से ‘आप’ को अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। देर रात तक आईवीआर, वेबसाइट और एसएमएस के जरिए सवा छह लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसमें से भी करीब 80 फीसदी लोग सरकार बनाने के पक्ष में हैं। सोशल मीडिया में भी दिल्ली वासियों ने अरविंद केजरीवाल को सरकार बनाने को कहा। शुक्रवार को छह विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं आयोजित की गईं। शनिवार को भी छह विधानसभा क्षेत्रों 16 जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। नौटंकी कर रही ‘आप’
‘आप’ नौटंकी कर रही है। वे शहर को लेकर गंभीर नहीं है जिस वजह से हर मामला जनता पर छोड़ रहे हैं। उन्होंने आज तक स्पष्ट नहीं किया कि वे कांग्रेस के साथ सरकार बनाएंगे या नहीं। कांग्रेस नहीं चाहती कि दोबारा मतदान हो। इसका बोझ भी आम जनता पर पड़ेगा, इसलिए हम चाहते हैं कि ‘आप’ सरकार बनाए।
- अरविंदर सिंह लवली, दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

कैंसर के बाद भी धूम्रपान बढ़ाता है जोखिम

Image Loadingअमेरिकी शोधकर्ताओं ने कहा कि कैंसर का पता लगने के बाद भी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति में मौत का जोखिम धूम्रपान छोड़ चुके व्यक्ति की अपेक्षा कहीं अधिक होता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, कैंसर शोध के लिए अमेरिकी एसोसिएशन की पत्रिका 'कैंसर एपीडेमीओलॉजी, बियोमार्कर्स एंड प्रीवेशन' में शुक्रवार को प्रकाशित नये शोध में दिखाया गया कि कैंसर का पता लगने के बाद भी धूम्रपान छोड़ने का समय है। उन्होंने शंघाई और चीन में जीवनशैली की विशेषताओं और कैंसर के खतरे के बीच संबंध की जांच के लिए मध्यम आयुवर्ग और बुजुर्ग पुरुषों के एक अध्ययन आंकड़े का प्रयोग किया। इस अध्ययन में 1986 और 1989 के बीच 45 से 64 आयुवर्ग के 18,000 से अधिक पुरुष नामांकित हुए थे। उन्होंने बताया कि 1,600 प्रतिभागी वर्ष 2010 तक कैंसर से ग्रस्त हुए। इन प्रतिभागियों में से 340 धूम्रपान नहीं करते थे, 545 ने कैंसर इलाज से पूर्व धूम्रपान छोड़ दिया था और 747 इलाज के समय भी धूम्रपान करते थे। कैंसर का उपचार कराने वाले 747 लोगों में से 214 ने इसका पता लगने के बाद धूम्रपान छोड़ दिया था, जबकि 197 ने धूम्रपान जारी रखा। बाकी बचे 336 लोग भी बीच-बीच में धूम्रपान करते रहे। कहा गया कि कैंसर का पता लगने के बाद धूम्रपान करने वाले पुरुषों में ऐसा न करने वाले पुरुषों की तुलना में मौत का जोखिम 59 प्रतिशत तक बढ़ गया था। फ्रेमोंट में कैंसर प्रीवेंशन इंस्टीटय़ूट ऑफ कैलीफोर्निया में एपीडेमीओलॉजिस्ट एवं अध्ययन की लेखिका ली थाओ ने कहा, ''हमारा अध्ययन कैंसर का पता लगने के पश्चात धूम्रपान के प्रभाव का सबूत उपलब्ध कराता है और कैंसर उत्तरजीविता में तंबाकू नियंत्रण के महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान में मदद करता है।''

..इसलिए ओबामा ने लड़ा दोबारा राष्ट्रपति चुनाव!


वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अपनी दोनों बेटियों की डेटिंग के चक्कर से बचाने के लिए ही उन्होंने दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ा ताकि सशस्त्र सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटों उन पर निगरानी रखें।
ओबामा ने स्टीव हार्वी के कामेडी शो में कहा कि मालिया और साशा अगर डेटिंग करना शुरू भी कर देती हैं तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि आखिरकार हमारे पास उन पर नजर रखने वाले लोग है। मेरे पास बंदूकधारी हैं जो हमेशा उनके पास रहते हैं। मेरा दोबारा चुनाव लड़ने का यह एक और कारण था।
राष्ट्रपति का यह साक्षात्कार व्हाइट हाउस में ही रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने कहा कि आपको जानकारी होगी कि मेरा कार्यकाल लगभग उनके हाईस्कूल तक जारी रहेगा। मेरे दोनों बच्चे अच्छा कर रहे हैं, लेकिन वे तेजी से परिपक्व हो रही हैं।
ओबामा ने कहा कि मुझे इस बात की चिंता भी होती है कि मैं अपनी बेटियों के सामान्य जीवन में बाधा हूं। मैंने उन्हें रिश्तों के संबंध में अच्छा निर्णय लेना सिखाया है।
उन्होंने कहा कि दरअसल मैं सोचता हूं कि अगर मुझे शामिल न भी किया जाए तो भी राष्ट्रपति की बेटी को डेटिंग के लिए पूछना ही अपने आप में डर पैदा करने वाला है। साक्षात्कार के बाद राष्ट्रपति अपने पूरे परिवार के साथ दो सप्ताह की छुट्टी के लिए हवाई द्वीप रवाना हो गए।

गीतांश की टीशर्ट

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गीतूऽऽऽ..ओ गीतूऽऽऽ..। उठता क्यों नहीं? क्या आज फिर स्कूल के लिए लेट होना है? मां ने उसकी रजाई हटाते हुए कहा। उसने मां के गले में बाहें डालते हुए कहा, ‘प्लीज मां मुझे थोड़ी देर और सोने दो। देखो न कितनी ठंड है।’ ‘देखो गीतू, अब ज्यादा नखरे दिखाए तो तुम मुझसे मार खाओगे। क्या तुम्हें आज फिर स्कूल के लिए लेट होना है।’ मां ने आंखें तरेरते हुए कहा। मां की डांट खाकर गीतू पलंग से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा। अचानक वह रुका और मां की ओर देखते हुए बोला, ‘क्या मां आप मुझे गीतू-गीतू बुलाती हैं। यह तो लड़कियों वाला नाम है। आप मेरे पूरे नाम गीतांश से क्यों नहीं बुलातीं। मुझे गीतू नाम अच्छा नहीं लगता।’ मां ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘मैं तुझे प्यार से गीतू कहती हूं और मुझे गीतू कहना ही अच्छा लगता है, समझे। एक बात और, अब ज्यादा बहाने मत बनाओ, जल्दी से तैयार हो जाओ और नाश्ता करके स्कूल जाओ।’ इतना कहकर मां रसोई की ओर चल दीं। गीतू भी जल्दी से बाथरूम में घुस गया।
नाश्ते की मेज पर आते ही गीतू ने जल्दी-जल्दी नाश्ता किया और स्कूल के लिए चल दिया। छठी क्लास में पढ़ने वाला गीतू यानी गीतांश सबका लाडला था। घर पर मम्मी-पापा, तो स्कूल में दोस्त और टीचर्स भी उसे बेहद पसंद करते थे। गीतांश पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलकूद में भी होशियार था। बस उसमें एक कमी थी कि वह जिद्दी था। जब वह किसी बात पर अड़ जाता तो किसी की एक नहीं सुनता। अपनी इस आदत के कारण उसे कई बार नुकसान भी हुआ था और कई बार बड़ों से डांट भी खानी पड़ी थी। लेकिन इसके बावजूद वह अपनी इस गंदी आदत को नहीं छोड़ रहा था।  रोज की तरह आज भी खेल के पीरियड में गीतांश अपने दोस्तों के साथ फुटबाल खेल रहा था। आज काफी समय बीत जाने के बाद भी उससे गोल नहीं हो पा रहा था। इससे उसे अपने पर गुस्सा आ रहा था। और इसी गुस्से में उसने खेलते-खेलते रोहित को टांग मार कर गिरा दिया। रोहित गिरा तो उसका घुटना छिल गया। मोहित ने रोहित को उठाते हुए गीतांश से कहा, ‘तुमने रोहित को जानबूझ कर टांग मारकर क्यों गिराया?’ इस पर गीतांश ने कहा, ‘मैंने कहां जान बूझकर गिराया। वह तो रोहित ही अचानक मेरे सामने आ गया था, जिससे वह गिर गया। इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।’ लेकिन गीतांश की बात मानने को कोई तैयार नहीं था, क्योंकि सबने देखा था कि गीतांश ने जानबूझ कर रोहित को गिराया है। फिर भी गीतांश अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं था। जब बात ज्यादा बढ़ गई तो सबने मिलकर गीतांश की शिकायत स्पोर्ट्स टीचर से कर दी। इसका नतीजा यह निकला कि टीचर ने गीतांश को जमकर डांट पिलाते हुए सुधरने की नसीहत दी। इसके बाद सब बच्चे अपनी क्लास में चले गए। क्लास में आने के बाद गीतांश उदास था। इस वजह से बाद के पीरियड में भी उसका मन पढ़ाई में नहीं लगा। स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर लौटते हुए भी वह सारे रास्ते उदास ही रहा। घर पहुंचते ही उसने अनमने ढंग से दरवाजे की बेल बजाई तो सामने पुष्कर मामा को खड़े देखकर उसके आश्चर्य और खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह खुशी के मारे उनसे लिपट गया। उसके पुष्कर मामा आस्ट्रेलिया रहते हैं। वह आज दोपहर ही दिल्ली पहुंचे थे। गीतांश को मामाजी ने बताया कि वे केवल एक दिन के लिए ही आए हैं। उन्हें ऑफिस का कुछ काम है। उन्हें कल सुबह ही वापस भी जाना है। गीतांश को यह सुनकर अच्छा नहीं लगा कि मामाजी सिर्फ एक दिन के लिए ही आए हैं। मामाजी गीतांश के लिए कई गिफ्ट भी लेकर आए थे, लेकिन गीतांश को उनमें से टीशर्ट सबसे अच्छी लगी थी, क्योंकि उसमें उसके फेवरेट गेम फुटबाल ग्राउंड का प्रिंट छपा हुआ था। वह मामाजी के हाथ से टीशर्ट लगभग छीनते हुए दूसरे कमरे में भागा। वहां पहुंच उसने टीशर्ट को पहना और खूब खुश हुआ। कमरे से बाहर आकर उसने सबको टीशर्ट दिखाई। सबने टीशर्ट की खूब तारीफ की। लेकिन गीतांश को चैन कहा। वह तो अपने दोस्तों को भी मामाजी का यह खूबसूरत गिफ्ट दिखाना चाहता था। बस, वह बाहर की ओर भागा अपने दोस्तों से मिलने के लिए। उसके दोस्तों ने भी उसकी टीशर्ट की खूब तारीफ की। कुछ देर खेलने के बाद सब अपने-अपने घर चले गए। खेलने के बाद जब गीतांश घर लौटा तो मां ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, ‘गीतू, क्या तुम इतनी ठंड में स्वेटर के बिना बाहर गए थे।’ ‘हां मां,’ गीतू ने जबाव दिया। ‘तुमने ऐसा क्यों किया? ऐसे तो तुम्हें ठंड लग जाएगी और तुम बीमार पड़ जाओगे,’ मां ने गीतू को समझाते हुए कहा। ‘मां अगर मैं स्वेटर पहनकर जाता तो मेरे दोस्त मेरी नई टीशर्ट कैसे देखते।’ गीतांश ने कहा। मां ने गुस्से से कहा, ‘यह टीशर्ट पहनने का मौसम नहीं है। अगर पहननी है तो इसके ऊपर स्वेटर भी पहनो, वरना मत पहनो।’ मां की बात सुनकर गीतांश पैर पटकते हुए दूसरे कमरे में चला गया। अगले दिन स्कूल से लौटने के बाद गीतांश जब दोस्तों के साथ खेलने के लिए गया तो अपनी नई टीशर्ट पहन कर ही गया, जिसके लिए उसे मां से डांट भी खानी पड़ी थी। मां ने उसे जब देखा तो कुछ कहा नहीं, बस चुप रही। गीतांश की तो जैसे मौज हो गई। उसे लगा मां तो अब उसे कुछ कह नहीं रही हैं। अब वह बिना डर के इस नई टीशर्ट को पहन सकता है। इसके बाद तीन-चार दिन तक गीतांश का यही रुटीन बना रहा। आज सुबह मास्टरजी ने बताया कि कल से स्कूल में एक सप्ताह की सर्दियों की छुट्टी है। यह सुन सब बच्चे खुशी से उछल पड़े। सबसे ज्यादा खुश गीतांश था। उसने सोचा कि अब तो वह पूरे दिन अपनी नई टीशर्ट पहनकर खेलेगा। घर आते ही गीतांश खेलने के लिए चला गया। देर शाम को जब वह घर लौटा तो उसे सिर और पेट में दर्द हो रहा था। वह अपने कमरे में चला गया। उसने रात को ठीक से खाना भी नहीं खाया। अगले दिन जब सुबह सोकर उठा तो उसका बदन तप रहा था और सिर में दर्द भी था। मां उसे डॉक्टर के पास लेकर गईं। डॉक्टर ने बताया कि गीतांश को ठंड लग गई है, इसलिए बुखार और सिर दर्द है। उन्होंने दवाई देते हुए उसे आराम करने को कहा और साथ ही गर्म कपड़े पहनने की सलाह भी दी। यह सुनकर गीतांश उदास हो गया। उसे मां की डांट अब समझ आ रही थी। वह मन में बार-बार यही सोच रहा था कि काश, उसने मां का कहना मान लिया होता तो वह आज न तो बीमार पड़ता और न ही छुट्टियों का मजा किरकिरा होता।