JNU |
बात चाहे एमएमएस कांड की हो या फिर बलात्कार की, जेएनयू में अब इस तरह की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही हैं। आईसा के अध्यक्ष संदीपन ने बताया कि छात्रा के साथ बलात्कार हो या फिर एमएमएस कांड हो, जेएनयू कैंपस में इस तरह की घटनाएं प्रशासन की चुस्ती पर सवाल खड़े करती हैं। प्रशासन की चुस्ती अगर ज्यादा हो जाए तो इस तरह की घटनाओं पर समय रहते कमी की जा सकती है। वहीं, एनएसयूआई के शशिकांत ने बताया कि पिछले पांच सालों में जेएनयू कैंपस में इस तरह की बढ़ रही घटनाओं को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन की नाकामी है कि वे छात्रों को सही से काउंसलिंग नहीं दे पा रहे हैं। जेएनयू में बुधवार सुबह एक छात्र ने साथी छात्रा पर क्लास में ही कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया। फिर उसने सल्फास खाकर अपनी गर्दन काट ली। युवक की मौत हो गई है, जबकि छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें हमलावर ने छात्रा द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर गुस्सा जाहिर किया है। जेएनयू कैंपस स्थित ‘स्कूल ऑफ लैंग्वेज’ में बुधवार सुबह कमरा नंबर 213 में कोरियन भाषा (तृतीय वर्ष) की पहली क्लास लगी थी। करीब 11:30 बजे लंच चल रहा था। क्लास में 12-15 विद्यार्थी ही मौजूद थे। इस दौरान 23 वर्षीय आकाश अपनी दोस्त अर्चना (परिवर्तित नाम) से बात कर रहा था। दोनों में बहस हुई और अचानक आकाश ने देसी कट्टा हवा में लहराकर सभी छात्रों को क्लास से बाहर जाने को कहा। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले आकाश ने अर्चना पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। उसने पहला वार युवती के चेहरे पर किया, जिसमें उसका कान कट गया। इसके बाद आकाश ने सात वार किए। फिर खुद सल्फास खाया और चाकू से अपनी गर्दन काट ली। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने आकाश को एम्स, जबकि युवती को सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया। आकाश पटना निवासी था, जबकि रोशनी बिहार के गया की रहने वाली है। दोनों काफी समय से अच्छे दोस्ते थे। क्लास से मिले सुसाइड नोट में आकाश ने लिखा है कि हम दोनों दोस्त थे। अर्चना मुझे नजरअंदाज करने लगी है। इससे मेरी भावनाएं आहत हुई हैं। ऐसे में मैं अपनी दोस्ती के इस अध्याय को ही खत्म कर रहा हूं। दिल्ली पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि हत्या के प्रयास के पीछे वजह एक तरफा प्यार था। इतना ही नहीं जानकारी के अनुसार आरोपी आकाश पीड़ित लड़की के पिता से उसका हाथ भी मांग चुका था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि आकाश अर्चना (बदला हुआ नाम) से शादी करना चाहता था, लेकिन उसमें काफी अड़चनें आ रहीं थीं। सूत्रों की माने तो आकाश ने अर्चना के पिता को फोन कर उसका हाथ भी मांगा था। उसने अर्चना की शादी उससे करने की बात कही थी, लेकिन अर्चना के पिता ने बात टाल दी और पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी। एक छात्र ने बताया कि अर्चना ने जेएनयू प्रशासन से भी आकाश की शिकायत की थी कि वह उसे परेशान कर रहा है। अहम बात यह है कि आकाश को जानने वाले छात्रों की मानें, तो आकाश चुपचाप रहने वाले छात्रों में से नहीं था। वह जेएनयू में कई गतिविधियों में भी शामिल रहता था। वह अपने मेस में सचिव के पद पर भी तैनात था। झेलम हॉस्टल, जहां आकाश रहता था। वहां के छात्रों के अनुसार वह कुछ दिनों से कुछ परेशान चल रहा था और किसी से ज्यादा बात नहीं करता था, लेकिन कभी भी उसने अपने किसी दोस्त को अपनी परेशानी के बारे में नहीं बताया। जानकारी के अनुसार वारदात की जानकारी आकाश की मां को उसके दोस्तों ने दी। पहले तो उसकी मां ने ऐसा कुछ भी होने से इंकार कर दिया था। उसके बाद छात्रों ने उन्हें न्यूज चैनल देखने की बात कही।
No comments:
Post a Comment