Saturday, 13 July 2013

"अफेयर के दौरान हुआ सेक्स रेप नहीं"

 
मुंबई। बोम्बे हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा है कि प्रेम संबंध टूटने के कारण कोई महिला अपने उस पूर्व प्रेमी पर बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकती जिसके साथ उसने सेक्स किया और इस कारण वह प्रेगनेंट हो गई हो। न्यायाधीश साधना जाधव ने बोरीवली में रहने वाले मनेष कोटियान को गिरफ्तारी और दोषी ठहराने के तीन साल बाद बरी कर दिया।

न्यायाधीश साधना जाधव ने कहा कि यह तथ्य है कि क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान अभियोजन पक्ष ने यह कबूल किया था कि महिला का आरोपी से प्रेम प्रसंग चल रहा था और वह उससे शादी करना चाहती थी। इन परिस्थितियों में आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध आवश्यक रूप से असफल हो जाता है। आरोपी ने लड़की को प्रपोज किया था। शिकायतकर्ता शिक्षित वयस्क लड़की है। उसे इस बात का पता था कि कोटियान उसके प्रति आकर्षित था।

बावजूद इसके वह उसका जन्मदिन मनाने के लिए गोराई गई और होटल में रूकी। उसे परिणामों के बारे में पता था। वह मदद के लिए नहीं चिल्लाई। वह अपने प्रतिरोध को तार्कित अंत तक नहीं ले गई। ऎसे में यह न्यायोचित नहीं है कि कि सहमति धमका कर ली गई थी। हालांकि कोर्ट ने कोटियान को धोखाधड़ी का दोषी पाया क्योंकि उसने महिला को यह नहीं बताया था कि वह शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं।

कोर्ट ने कहा कि चूंकि कोटियान तीन साल की सजा काट चुका है इसलिए उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है। बचाव पक्ष के वकील अरफान सैत ने कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है कि उनके मुवक्किल ने महिला से बलात्कार किया था। वह महिला से शादी को तैयार था। उसने कहा था कि वह अपनी पत्नी से तलाक की प्रक्रिया खत्म होने के बाद शादी कर लेगा।

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