Wednesday, 31 July 2013

शत्रु को उमा की नसीहत, भाजपा-जदयू में वाकयुद्ध तेज

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Bihari Babu Satrighan sinha........
भाजपा और जदयू में अलगाव के बाद कड़वाहट बढ़ती जा रही है। दोनों दल एक-दूसरे को सबक सिखाने और रसातल में मिलाने की धमकी दे रहे हैं। वहीं, उमा भारती ने शत्रुघ्न सिन्हा को ठीक से बोल ने की नसीहत दी है।
शत्रुघ्न सिन्हा द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मैटेरियल बताए जाने पर भाजपा ने उन्हें सचेत किया है कि वह अनुशासन में रहें और जो कुछ कहना है पार्टी के मंच पर कहें। उधर पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने उनकी तुलना कांग्रेस के दिग्विजय सिंह से करते हुए कहा कि बॉलीवुड के इस स्टार की बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उमा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा इतना ज्यादा शूट करते हैं कि उनकी ओर से की जाने वाली प्रशंसा या आलोचना का कोई महत्व नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि शत्रुघ्न और दिग्विजय सिंह को सबसे बड़ा दंड देना यह होगा कि उनकी बातों पर प्रतिक्रिया ही नहीं की जाए। भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पार्टी यह जरूर चाहती है कि उसका हर नेता अनुशासन में रहे और उसे जो कुछ कहना है पार्टी के मंच पर ही कहे। नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मैटेरियल बताने की सिन्हा की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि संविधान कहता है कि जो लोकसभा में 272 सांसद जुटा लेगा, वह प्रधानमंत्री बन जाएगा और शत्रुघ्न सिन्हा जिस पार्टी में हैं केवल उसी में यह संख्या जुटाने का दम है। शत्रुध्न ने मंगलवार को कहा था कि नीतीश कुमार ने बिहार में अच्छा काम किया है, वह प्रधानमंत्री पद के योग्य हैं। उनकी क्षमता पर सवाल ही नहीं उठता। इससे पहले नीतीश ने कहा था कि भाजपा की हालत पहले जैसी हो जाएगी, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि आने वाले समय में जदयू की हालत पतली होगी। भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगले चुनाव में भाजपा की हालत समझा देने की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि यह बात जदयू पर ही लागू होगी। कुमार की सोमवार को राज्य विधानसभा में की गयी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि वास्तव में ऐसी स्थिति जदयू की होगी। मुख्यमंत्री ने कल भाजपा के संदर्भ में पुन: मूषको भव: की टिप्पणी की थी। यादव ने कहा कि वर्ष 1998 में जब नीतीश कुमार की समता पार्टी से भाजपा का गठबंधन हुआ था, जो बाद में जदयू में मिल गयी थी, तब उसके मात्र सात विधायक थे, जबकि भाजपा के 41 विधायक थे। नीतीश सरकार में सडक निर्माण मंत्री और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राज्य इकाई के संयोजक यादव ने कहा कि वे लोग आगामी चुनावों में उसी स्थिति में पहुंच जायेंगे। वरिष्ठ भाजपा विधायक प्रेम कुमार, अरुण कुमार सिन्हा, विनोद नारायण झा, उषा विद्यार्थी और अन्य के साथ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि जदयू और राष्ट्रीय जनता दल के बीच चोरी छिपे तालमेल हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कल साफ साफ राजद विधायकों से उनका साथ देने का आग्रह किया कि अब इस चोरी छिपे हुए तालमेल के बारे में और प्रमाण की क्या जरूरत है। यादव ने यह प्रतिक्रिया नीतीश कुमार के उन आरोपों के जवाब में व्यक्त की जिसमें वे बार बार भाजपा और राजद के बीच सांठ गांठ की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीतिक परिदृश्य साफ होता जा रहा है। जदयू का राजद, कांग्रेस और भाकपा से महागठबंधन होगा और भाजपा एकमात्र विपक्षी पार्टी होगी। उधर, बिहार भाजपा के प्रवक्ता पद से हटाये गये रामकिशोर सिंह ने सुशील मोदी पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्हें भाजपा की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना और बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार की तारीफ करने के बाद कल प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मंगल पांडेय द्वारा प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था। भाजपा पार्षद सिंह ने अपना इस्तीफा राज्य प्रमुख को भेज दिया। सिंह ने सार्वजनिक तौर पर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर संदेह जताया था और मुख्यमंत्री एवं जदयू नेता नीतीश कुमार की तारीफ की थी, जिसके बाद उन्हें प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था। उन्होंने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि मैंने पार्टी नेताओं से आज प्रात: ग्यारह बजे तक मामले पर चर्चा करने को कहा था, लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो मैंने अपना इस्तीफा बिहार भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय को भेज दिया।

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