राजस्थान की धरती पर अनेक सांस्कृतिक रंग रह पग पर नजर आते हैं। वीर
सपूतों की इस धरती पर धर्म और आध्यात्म के भी कई रंग दिखाई देते हैं। कहीं
बुलट वाले बाबा की पूजा होती है तो कहीं तलवारों के साये में मां की आरती
की जाती है। धर्म-यात्रा
सीरीज में आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां खुद मां
जगदम्बा अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना किया करती थीं। जिनके आशीर्वाद से
जोधपुर और बीकानेर राज्य की स्थापना हुई।
जिस गुफा में मां पूजा अर्चना किया करती थीं, वहां उनके ज्योतिर्लीन
होने के बाद मां की इच्छानुसार उनकी मूर्ति स्थापित हुई। आज इस मंदिर में
राजस्थान ही नहीं देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। कहते हैं यहां आने वाल
हर व्यक्ति की मुराद जरूर पूरी होती है।
यहां आते ही भक्तों के सामने एक ऐसा नजारा दिखता है जिसे देख कई लोग
डर भी सकते हैं तो किसी को बहुत अजीब भी लगता है। पूरी दुनिया में ऐसा
नजारा किसी और मंदिर में नहीं दिखाई देता है।
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