Thursday, 25 July 2013

शहजाद अहमद दोषी करार, सोमवार को सजा पर होगी बहस

Image Loadingबटला हाउस मुठभेड़ कांड के इकलौते गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी शहजाद अहमद के मामले में साकेत अदालत ने अपना निर्णय सुनाते हुए उसे दोषी करार दिया है। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर एम सी शर्मा की मौत हो गई थी।
संदिग्ध आतंकी पर इंस्पेक्टर के कत्ल का भी आरोप है। पांच साल पहले जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में एक एनकाउंटर हुआ था। उस एनकाउंटर में दो आतंकी मारे गए थे। दिल्ली पुलिस के एक जांबाज इंस्पेक्टर एमसी शर्मा भी शहीद हुए थे। अब पांच साल बाद इस एनकाउंटर की हकीकत पर अदालत का फैसला आया है। इस मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन का संदिग्ध आतंकवादी शहजाद अहमद मुकदमे का सामना कर रहा था। अपनी अंतिम दलीलों में अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि बटला हाउस में जामिया नगर के फ्लैट में शहजाद मौजूद था। इस बात को साबित करने के लिए उसके पास पर्याप्त परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं और वह उन लोगों में शामिल था, जिसने पुलिस दल पर गोली चलाई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की मौत हो गई थी। उसने कहा था कि 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान पुलिस दल पर गोली चलाने के बाद शहजाद के साथ अन्य आरोपी जुनैद बालकनी से बाहर कूदकर भाग गया था। शहजाद के वकील ने हालांकि दावा किया कि जब कथित मुठभेड़ हुई, तो शहजाद फ्लैट में मौजूद नहीं था। बचाव पक्ष ने दावा किया था कि बैलिस्टिक रिपोर्ट के अनुसार दिवंगत पुलिस अधिकारी के शरीर में लगी गोली घटनास्थल से बरामद की गई बंदूक से मेल खा रही थी और उस हथियार से मेल नहीं खा रही थी, जिसे कथित तौर पर शहजाद के कब्जे से उसकी गिरफ्तारी के समय बरामद किया गया था। शहजाद की तरफ से यह दावा किया गया कि किसी भी प्रत्यक्षदर्शी ने फ्लैट में रह रहे लोगों का विवरण नहीं दिया। शहजाद कथित तौर पर जामिया नगर के उस फ्लैट में रह रहे लोगों में था, जहां 19 सितंबर 2008 को विशेष प्रकोष्ठ के अधिकारियों और इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। ये आतंकवादी कथित तौर पर 13 सितंबर 2008 को करोलबाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश और इंडिया गेट पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में शामिल थे, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी और 133 घायल हुए थे। आरोप पत्र में अन्य आरोपियों के नाम जुनैद, मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और मोहम्मद साजिद बताए गए हैं। हालांकि, मोहम्मद सैफ को आरोपी नहीं बनाया गया था, क्योंकि जब मुठभेड़ चल रही थी तो उसने कथित तौर पर खुद को बटला हाउस के एल-18 के शौचालय के भीतर बंद कर लिया था और उसने शांतिपूर्ण तरीके से आत्मसमर्पण कर दिया था। जहां आतिफ और साजिद मुठभेड़ में मारे गए थे, वहीं जुनैद को मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।

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