कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे गुजरात
के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोमवार को चौतरफा हमला बोल दिया और उन्हें
नसीहत दी कि सांप्रदायिकता के नंगेपन के मुकाबले धर्मनिरपेक्षता का बुर्का
कहीं बेहतर है।
मोदी द्वारा पुणे की दो स भाओं में किए गए दावों और आरोपों जवाब देने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रमुख प्रवक्ता अजय माकन समेत मुखर वक्ताओं की पूरी ब्रिगेड को उतार दिया और विकास से लेकर खेलों तक, मिड डे मील से लेकर शिक्षा तक तथा भारत एवं चीन के सकल घरेलू उत्पाद तक के मामलों में उनके राज्य और विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए की सरकार के प्रदर्शन को कठघरे में खडा़ किया।
विकास के मुद्दों से भागने के लिए धर्मनिरपेक्षता के बुर्के में छिपने के मोदी के आरोप का करारा जवाब देते हुए माकन ने कहा कि सांप्रदायिकता के नंगेपन से कहीं बेहतर है, धर्म निरपेक्षता का बुर्का। सांप्रदायिकता देश तोड़ती है, जबकि धर्मनिरपेक्षता देश को जोड़ती है। कांग्रेस ने भाजपा के मिशन 2014 के प्रचार प्रमुख को आइंदा के लिए सलाह दी कि वह दो चीजों का खास ख्याल रखें। एक तो यह कि वह प्रदर्शन और विकास की बात करते समय यह देख लें कि पिछली एनडीए सरकार ने क्या किया था और वह यह भी बताया करें कि उनके नेतृत्व में गुजरात का इन मानकों पर प्रदर्शन कैसा रहा। माकन ने कहा कि देश की बात करने से पहले वह अपने प्रदेश को ठीक करें।
माकन ने मोदी के विकास के दावों पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब मोदी देश को ओलंपिक खेलों में पदक दिलाने की बात करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि ओलंपिक के लिए 83 खिलाडी़ कवालीफाई हुए थे, जिनमें से एक भी गुजरात का नहीं था। झारखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में 444 स्वर्ण पदक जीतने वालों में एक भी खिलाडी़ उनके प्रदेश का नहीं था और कुल 1479 पदकों में से गुजरात को सिर्फ सात पदक मिले थे, जबकि वहां के लोग खेलों में बहुत रुचि रखते हैं।
शिक्षा के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि जब मोदी इस मद में बहुत कम खर्च को लेकर केंद्र की आलोचना करते हैं, तो उन्हें पता होना चाहिए कि एनडीए के कार्यकाल में शिक्षा पर जीडीपी का एक दशमलव 67 प्रतिशत ही खर्च हुआ था, जबकि मौजूदा सरकार ने चार दशमलव 02 प्रतिशत खर्च करते हुए इस व्यय को 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पर पहुंचा है। माकन ने कहा कि विकास दर भी मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में औसतन 7.9 प्रतिशत वार्षिक रही है जो एनडीए के काल में छह प्रतिशत से नीचे थी। उन्होंने कहा कि रुपये का कमजोर होना अर्थव्यवस्था का एक पहलू है, बाकी अनेक मामलों में देश तेजी से विकास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या 16 से बढ़कर 44 हो गई है, जबकि आईआईटी 7 से बढ़कर 17 और आईएमएम 6 से बढ़कर 13 हो गए हैं। दूसरी ओर माकन ने गुजरात की तस्वीर बताते हुए कहा कि वहां स्कूलों में शिक्षा अधूरी छोड़ने वालों का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है और मिड डे मील का दायरा भी देश के औसत से कम है। अनेक कालेजों और स्कूलों में प्रधानाचार्यों तथा शिक्षकों के पद बडी़ संख्या में खाली पडे़ हैं।
कांग्रेस ने सफाई दी कि वह मोदी के हमलों का जवाब इसलिए दे रही है, क्योंकि वह मुख्य विपक्षी पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं और उनके किसी भी दुष्प्रचार का पूरा जवाब दिया जाएगा ताकि जनता को असलियत का पता चल सके।
मोदी द्वारा पुणे की दो स भाओं में किए गए दावों और आरोपों जवाब देने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रमुख प्रवक्ता अजय माकन समेत मुखर वक्ताओं की पूरी ब्रिगेड को उतार दिया और विकास से लेकर खेलों तक, मिड डे मील से लेकर शिक्षा तक तथा भारत एवं चीन के सकल घरेलू उत्पाद तक के मामलों में उनके राज्य और विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए की सरकार के प्रदर्शन को कठघरे में खडा़ किया।
विकास के मुद्दों से भागने के लिए धर्मनिरपेक्षता के बुर्के में छिपने के मोदी के आरोप का करारा जवाब देते हुए माकन ने कहा कि सांप्रदायिकता के नंगेपन से कहीं बेहतर है, धर्म निरपेक्षता का बुर्का। सांप्रदायिकता देश तोड़ती है, जबकि धर्मनिरपेक्षता देश को जोड़ती है। कांग्रेस ने भाजपा के मिशन 2014 के प्रचार प्रमुख को आइंदा के लिए सलाह दी कि वह दो चीजों का खास ख्याल रखें। एक तो यह कि वह प्रदर्शन और विकास की बात करते समय यह देख लें कि पिछली एनडीए सरकार ने क्या किया था और वह यह भी बताया करें कि उनके नेतृत्व में गुजरात का इन मानकों पर प्रदर्शन कैसा रहा। माकन ने कहा कि देश की बात करने से पहले वह अपने प्रदेश को ठीक करें।
माकन ने मोदी के विकास के दावों पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब मोदी देश को ओलंपिक खेलों में पदक दिलाने की बात करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि ओलंपिक के लिए 83 खिलाडी़ कवालीफाई हुए थे, जिनमें से एक भी गुजरात का नहीं था। झारखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में 444 स्वर्ण पदक जीतने वालों में एक भी खिलाडी़ उनके प्रदेश का नहीं था और कुल 1479 पदकों में से गुजरात को सिर्फ सात पदक मिले थे, जबकि वहां के लोग खेलों में बहुत रुचि रखते हैं।
शिक्षा के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि जब मोदी इस मद में बहुत कम खर्च को लेकर केंद्र की आलोचना करते हैं, तो उन्हें पता होना चाहिए कि एनडीए के कार्यकाल में शिक्षा पर जीडीपी का एक दशमलव 67 प्रतिशत ही खर्च हुआ था, जबकि मौजूदा सरकार ने चार दशमलव 02 प्रतिशत खर्च करते हुए इस व्यय को 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पर पहुंचा है। माकन ने कहा कि विकास दर भी मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में औसतन 7.9 प्रतिशत वार्षिक रही है जो एनडीए के काल में छह प्रतिशत से नीचे थी। उन्होंने कहा कि रुपये का कमजोर होना अर्थव्यवस्था का एक पहलू है, बाकी अनेक मामलों में देश तेजी से विकास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या 16 से बढ़कर 44 हो गई है, जबकि आईआईटी 7 से बढ़कर 17 और आईएमएम 6 से बढ़कर 13 हो गए हैं। दूसरी ओर माकन ने गुजरात की तस्वीर बताते हुए कहा कि वहां स्कूलों में शिक्षा अधूरी छोड़ने वालों का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है और मिड डे मील का दायरा भी देश के औसत से कम है। अनेक कालेजों और स्कूलों में प्रधानाचार्यों तथा शिक्षकों के पद बडी़ संख्या में खाली पडे़ हैं।
कांग्रेस ने सफाई दी कि वह मोदी के हमलों का जवाब इसलिए दे रही है, क्योंकि वह मुख्य विपक्षी पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हैं और उनके किसी भी दुष्प्रचार का पूरा जवाब दिया जाएगा ताकि जनता को असलियत का पता चल सके।
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