सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने 2जी मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत में शुक्रवार को गवाह के तौर पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट के लिए अर्जी लगाई है।
अंबानी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उन्हें अपने कारोबार के संबंध में कुछ कार्यक्रमों के लिए पहले समय दे दिया है और वह 15 अगस्त के बाद किसी दिन पेश हो सकते हैं। गौरतलब है कि यदि विशेष अदालत से भी अनिल अंबानी को व्यक्तिगत पेशी से कोई राहत नहीं मिलती है तो उन्हें शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना ही होगा।
इससे पहले अनिल अंबानी को 2जी मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर शुक्रवार को सीबीआई की विशेष सुनवाई अदालत के सामने पेश होने से राहत दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गवाही के लिए तलब किए जाने के खिलाफ रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड [आरटीएल] की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया और इसके लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया।
न्यायाधीश जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। आरटीएल के वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से आग्रह किया था कि अंबानी को विशेष सीबीआई अदालत में कल पेश होने का सम्मन जारी किया गया है और इसे देखते हुए इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए।
पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिंघवी और केएस राधाकृष्णन की विशेष पीठ करेगी जो 2जी मामले की सुनवाई कर रही है। हालांकि सुनवाई की कोई तारीख मुकर्रर नहीं की थी।
सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनवाई के दौरान काफी विलम्ब से जांच एजेंसी के गवाह के तौर पर अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को तलब करने के 19 जुलाई के आदेश के खिलाफ आरटीएल ने सवाल उठाए थे।
कंपनी ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने कहा कि एडीएजी के चेयरमैन और उनकी पत्नी की गवाही से एडीएजी कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकाम में 2जी स्पेक्ट्रम के जुड़े 990 करोड़ रुपए के कथित निवेश पर रोशनी पड़ सकती है।
सुनवाई अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में निर्णय करने के लिए अनिल अंबानी, टीना अंबानी और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के वकील के रूप में तलब किए जाने की सीबीआई की अर्जी आवश्यक है।
इस मामले में एडीएजी समूह के तीन वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर के खिलाफ भी मुकदमा चल रहा है। जांच एजेंसी का आरोप है कि आरटीएल ने 2जी लाइसेंस और स्पेक्ट्रम हासिल करन के लिए स्वान टेलीकाम को एक मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया जो कि इसके लिए अयोग्य थी।
अंबानी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उन्हें अपने कारोबार के संबंध में कुछ कार्यक्रमों के लिए पहले समय दे दिया है और वह 15 अगस्त के बाद किसी दिन पेश हो सकते हैं। गौरतलब है कि यदि विशेष अदालत से भी अनिल अंबानी को व्यक्तिगत पेशी से कोई राहत नहीं मिलती है तो उन्हें शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना ही होगा।
इससे पहले अनिल अंबानी को 2जी मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर शुक्रवार को सीबीआई की विशेष सुनवाई अदालत के सामने पेश होने से राहत दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गवाही के लिए तलब किए जाने के खिलाफ रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड [आरटीएल] की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया और इसके लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया।
न्यायाधीश जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। आरटीएल के वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से आग्रह किया था कि अंबानी को विशेष सीबीआई अदालत में कल पेश होने का सम्मन जारी किया गया है और इसे देखते हुए इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए।
पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिंघवी और केएस राधाकृष्णन की विशेष पीठ करेगी जो 2जी मामले की सुनवाई कर रही है। हालांकि सुनवाई की कोई तारीख मुकर्रर नहीं की थी।
सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सुनवाई के दौरान काफी विलम्ब से जांच एजेंसी के गवाह के तौर पर अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को तलब करने के 19 जुलाई के आदेश के खिलाफ आरटीएल ने सवाल उठाए थे।
कंपनी ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने कहा कि एडीएजी के चेयरमैन और उनकी पत्नी की गवाही से एडीएजी कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकाम में 2जी स्पेक्ट्रम के जुड़े 990 करोड़ रुपए के कथित निवेश पर रोशनी पड़ सकती है।
सुनवाई अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में निर्णय करने के लिए अनिल अंबानी, टीना अंबानी और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के वकील के रूप में तलब किए जाने की सीबीआई की अर्जी आवश्यक है।
इस मामले में एडीएजी समूह के तीन वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर के खिलाफ भी मुकदमा चल रहा है। जांच एजेंसी का आरोप है कि आरटीएल ने 2जी लाइसेंस और स्पेक्ट्रम हासिल करन के लिए स्वान टेलीकाम को एक मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया जो कि इसके लिए अयोग्य थी।
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