मेरे प्यारे ममी-पापा,
मैं इस दुनिया में आपकी मर्जी से आंखें खोलूंगा। यह दुनिया ऐसी तो नहीं कि मैं इस दुनिया में लाने के लिए आपका धन्यवाद दूं फिर भी मेरे मन पर पर चमकने वाली हर खुशी के लिए आप ही जिम्मेदार होंगे और शायद दर्द की हर खरोंच के लिए भी।
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मेरी बस आपसे एक ही विनती है कि मैं आपके अधूरे अपाहिज ख्वाबों को पूरा करने वाली बैसाखी नहीं हूं। मैं आपकी कार, आपके बंगले और आपके विदेशी कुत्ते की तरह आपकी इज्जत का परचम लहराने का सामान नहीं हूं। आखिर आपकी दमाग्रस्त सामाजिक प्रतिष्ठा मेरी तोतली कविताओं के माउथ स्प्रे के सहारे सांस लेने के लिए क्यों इतनी व्याकुल रहती है?
अगर आप मेरा सम्बन्ध हवा से, पानी से, मिट्टी से, पेड़ से, चिड़िया से, गिलहरी, तितली से और मेरे साथ रहने वाले गोरे-काले, ऊंचे-नीचे, सामान्य-असामान्य से काट कर सिर्फ अपने आप से जोड़ने की कोशिश करेंगे और यकीन मानिए कि अगर इस कोशिश में आप सफल हो गए तो मैं सचमुच में उनसे तो कभी जुड़ ही नहीं पाऊंगा। लेकिन आप भी कोई खुशफहमी मत पालना फिर मैं आपसे भी नहीं जुड़ पाउंगा। आप संवेदनाओं को मेरे आस-पास की हर चीज से जोड़ दीजिए, मेरी भावनाओं को सिर्फ अपने तक ही सीमित नहीं कीजिए फिर बहुत संभावना है कि मैं आपका कर्ज उतार दूंगा, मैंने आपकी गोद में जन्म लिया है और जिंदा रहा तो आप मेरी ही गोद में दम तोड़ोगे।
हजारों सालों से कभी आप मुझे छड़ी से, बेल्ट से या झापड़ से तो कभी मुर्गा बनाकर, मेरी उंगली के बीच पेंसिल दबाकर तो कभी बेंच पर खड़ा करके और कभी-कभी तो जान लेकर भी पढ़ाने की कोशिश कर रहे हो लेकिन एक ने भी यह क्यों नहीं सोचा कि आपकी पढ़ाई में ऐसी क्या कड़वाहट है जो मुझसे निगली नहीं जाती? आप मुझे फेल करते हो लेकिन मैं आपकी पूरी शिक्षा पद्धति को फेल करता हूं। जो आपकी इस पढ़ाई के हिसाब से नहीं पढ़ पाता उसे आपकी दुनिया नकारा साबित कर देती है लेकिन जो इस पढ़ाई के हिसाब से पढ़ लेता है वो दुनिया के लिए नकारा हो जाता है। आप लोगों की मोटी बुद्धि में इतनी सी बात क्यों नहीं आती कि शिक्षा वो नहीं होती जो बाहर से कुछ भीतर घुसेड़ती है बल्कि शिक्षा वो होती है जो कुछ अन्दर है उसे संवारती है, निखारती है, विकसित करती है।
यह सच है कि जिंदगी का बोझ अपने ही कंधों पर उठाया जाता है सिर्फ मुर्दे ही दूसरों के कंधों पर चलते है लेकिन आत्मनिर्भरता के नाम पर तुलना करने, कब्जा करने, दूसरे को पछाड़ने, ज्यादा-से-ज्यादा पैसा और ताकत कमाने का जहर आप मेरे अंदर भरेंगे तो भले ही मैं आपके बनाए पैमानों के हिसाब से सफल हो जाऊं लेकिन रहूंगा एक जहरीला आदमी ही। ये अलग बात है कि आप लोग जहरीले लोगों को भी खूब इज्जत देते हो अगर उसके पास पैसा, पद या ताकत होती है।
मुझे मालूम है आपके अंदर असंख्य डर हैं, असंख्य अंधविश्वास हैं, मुझे उनसे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन प्लीज, प्लीज मेरे अंदर उन्हें मत ठूंसिए। आप जो मानते हैं मानते रहिए लेकिन होश संभालने से पहले मुझे उन बातों को मनवाने की कोशिश नहीं कीजिए। जब होश संभालूंगा तो अपनी समझ से देख लूंगा कि क्या मानना है और क्या नहीं मानना है। इसके विपरीत मौत जो रोज की बात है, हमारे साथ रहती है उससे आप मुझे बचाने की कोशिश करते हैं। मौत के हर प्रतीक को मुझसे दूर रखते हैं और इस चक्कर में मेरे अंदर भी मौत का डर भर देते हैं। ये भी भूल जाते हैं कि मौत से आप डरते हैं, मैं नहीं। मेरे लिए तो अपनी मां के गर्भ से बाहर आना भी मौत से कम नहीं है।
मेरी विनती है कि जबरदस्ती मुझे काट-छांट कर, खाचों में फिट कर करके बड़ा नहीं करें। मुझे सिर्फ इंसान रहने दे। आपके हाथों जाने-अनजाने कितनी प्रतिभाओं का कत्ल हुआ है आपको खुद नहीं मालूम। कितने रामानुजम आपने कॉम्पिटिशन में झोंक कर फूंक दिए और कितनी मैरी कॉम आपने चूल्हे-चौके में जला दीं। इसलिए मुझे मेरे ढंग से ही फलने-फूलने दें क्योंकि मेरे जैसा पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही है। हो सकता है मैं आपको ड्राइवर के साथ लम्बी गाड़ी में डॉक्टर के पास न भेज सकूं लेकिन इतना कमा ही लूंगा कि आपको अपनी बाहों से पकड़कर टेम्पो में बिठाकर सरकारी अस्पताल ले जाऊं। फैसला आपको करना है कि आपके लिए मेरी बाहों की कीमत ज्यादा है या मेरी कार की।
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