नई दिल्ली. अगले महीने अगर आप हैदराबाद में गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी का भाषण रैली में जाकर सुनना चाहते हैं तो आपको टिकट खरीदना
पड़ेगा। बीजेपी की आंध्र प्रदेश ईकाई ने टिकट का दाम 5 रुपये रखा है।
पार्टी ने इस कदम को सही ठहराते हुए कहा है कि लोग मोदी को सुनने के लिए
पैसे खर्च करने को तैयार हैं। बीजेपी का कहना है कि यह उस प्रचलित मान्यता
के उलट है, जिसमें कई पार्टियां लोगों को पैसे देकर रैली में बुलाती हैं।
बीजेपी की यह रैली 11 अगस्त को लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में होनी है
जिसमें करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यह शायद देश में
पहला मामला होगा, जहां किसी राजनेता की रैली में जाने के लिए आम लोगों को
टिकट खरीदना पड़ेगा।
दूसरी तरफ, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नौकरशाह यशवंत सिन्हा ने
'मोदी वचन' पर ब्रेक लगाए जाने की वकालत की है। एक लेख में सिन्हा ने
बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा है कि मोदी (पहले लिया हल्के में, 12 घंटे में ही मोदी पर बदला रुख, 'रिसर्च' के साथ सामने आए कांग्रेस प्रवक्ता) के
वि
वादित बयान भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटा देंगे। पूर्व वित्त मंत्री
ने कहा कि मोदी जितना अधिक बोलेंगे, उतना ही फोकस कांग्रेस की अक्षम सरकार
से हटेगा। झारखंड से आने वाले सिन्हा ने कहा, 'मोदी के विरोधियों ने एक
स्पष्ट गेम प्लान बना लिया है। मोदी जितना अधिक बोलेंगे, वे उतने ही विवाद पैदा करेंगे। इससे खराब सरकार और भ्रष्टाचार से ध्यान हटकर 11 साल पहले गुजरात में जो कुछ हुआ, उन बातों की तरफ चला जाएगा।'
हालांकि, इस लेख पर जब मीडिया की ओर से पूछा गया कि क्या वे मोदी को
नसीहत देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं मोदी को नहीं पूरी राजनीतिक
जमात को यह बताना चाहता हूं कि इस समय देश में जिन मुद्दों पर बहस चल रही है, वे बेकार के
हैं। सेकुलरिजम बनाम कम्युनलिजम की बहस का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस की
सरकार यह क्यों नहीं बताती है कि देश की अर्थव्यवस्था क्यों डावांडोल हुई।
मैं इस मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती देता हूं।'
यशवंत सिन्हा से पूछा गया कि देश के सामने मौजूद सबसे बड़ा संकट क्या
है? तो जवाब में उन्होंने कहा, 'देश के लिए सबसे बड़े संकट खुद
प्रधानमंत्री और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं।'
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