Sunday, 28 July 2013

मिस्र में पुलिस गोलीबारी में मरने वालों की संख्या 200 हुई

Image Loadingसत्ता से बेदखल किए गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों ने खदेड़ दिए जाने की धमकियों के बावजूद एक मस्जिद में धरना दिया। खूनी हिंसा के एक दिन बाद यह विरोध प्रदर्शन किया गया है। मुस्लिम ब्रदरहुड ने दावा किया है कि इस हिंसा में उनके लगभग 200 समर्थक मारे गए।
सैन्य बलों द्वारा उनके समर्थकों पर हिंसा का प्रयोग किए जाने के बावजूद ब्रदरहुड के नेता रातभर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते रहे और कहते रहे कि वे मुर्सी की सत्ता बहाली समेत अपनी अन्य मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। मिस्र में पहली बार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति 61 वर्षीय मुर्सी को सेना ने तीन जुलाई को सत्ता से बेदखल कर दिया था। कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे मुर्सी को आखिरी बार 26 जून को सार्वजनिक रूप से देखा गया। मुर्सी को उनके संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के कुछ वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बंदी बनाकर रखा गया है। अहराम ऑनलाइन की खबर के अनुसार, ब्रदरहुड की आधिकारिक वेबसाइट ने कहा कि कम से कम 200 लोग मारे जा चुके हैं और 5000 लोग घायल हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रलय के अधिकारी खालिद अल—खातिब ने शुक्रवार और शनिवार को हुई झड़पों में मरने वालों की संख्या 80 बताई। अहराम ऑनलाइन ने कहा कि उत्तरी काहिरा के रब्बा अल—अदाविया मस्जिद में एक माह के धरने पर बैठे राष्ट्रपति के समर्थकों और पुलिस के बीच हुई हिंसा में 72 लोग मर गए हुए। सिकंदरिया में मुर्सी के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई घातक झड़पों में आठ लोग मारे गए। अधिकारी ने देश भर में घायलों की संख्या 792 बताई। इसमें काहिरा के पड़ोसी नास्र शहर में हुई झड़पों में घायल 411 लोग भी शामिल हैं। इसी बीच मुर्सी के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रवक्ता ने कहा कि चार हजार से ज्यादा लोग आंसू गैस और गोलियों से घायल हो गए।

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