Thursday, 25 July 2013

दिल्ली गैंगरेप मामला, नाबालिग आरोपी पर फैसला टला

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गत वर्ष 16 दिसंबर को 23 वर्षीय एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना में कथित तौर पर शामिल एक किशोर आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने आज अपना फैसला पांच अगस्त तक स्थगित कर दिया।
   
आरोपी के वकील राजेश तिवारी ने कहा कि प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल ने इस बात के मद्देनजर पांच अगस्त तक फैसला स्थगित कर दिया कि उच्चतम न्यायालय किशोर शब्द की व्याख्या से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि लूटपाट के मामले में भी सजा पांच अगस्त तक टाल दी गई है। उस मामले में बोर्ड उसे पहले ही दोषी ठहरा चुका है।
   
बोर्ड के आदेश को जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी की याचिका के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया। स्वामी ने किशोर शब्द की नए सिरे से व्याख्या करने की मांग की है। इस मुद्दे को उन्होंने दक्षिण दिल्ली में चलती बस में गत वर्ष 16 दिसंबर को 23 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के मद्देनजर उठाया है। पीड़िता की सिंगापुर के अस्पताल में गत वर्ष 29 दिसंबर को मौत हो गई थी।
   
स्वामी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने 23 जुलाई को स्वामी से शीर्ष अदालत में उनकी याचिका लंबित होने के बारे में किशोर न्याय बोर्ड को सूचित करने का निर्देश दिया था। स्वामी ने शीर्ष अदालत के निर्देश की जानकारी बोर्ड को दे दी थी। स्वामी से बोर्ड ने इस संबंध में एक हलफनामा मांगा था। स्वामी की याचिका 31 जुलाई को शीर्ष अदालत के पास सुनवाई के लिए आएगी।
   
स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि इस तरह के अपराधियों की अपराधिता निर्धारित करने के लिए 18 साल की उम्र सीमा निर्धारित करने की बजाय मानसिक और बौद्धिक परिपक्वता पर विचार किया जाना चाहिए। स्वामी ने अपनी याचिका में दावा किया कि अगर बोर्ड ने फैसला सुना दिया, तो उनकी याचिका निर्थक हो जाएगी। बोर्ड आज फैसला सुनाने वाला था।
   
किशोर आरोपी के वकील ने संवाददाताओं से कहा कि वह उचित अदालत के समक्ष स्वामी की याचिका को चुनौती देंगे, कि क्योंकि उन्होंने इस खास मामले में इस तरह की याचिका दायर की है। पीड़िता के पिता, मां और भाई बोर्ड के समक्ष उपस्थित थे। वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे और मीडियाकर्मियों को परिसर के भीतर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। उन्होंने मीडिया से बताया कि वे कार्यवाही से संतुष्ट हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि किशोर फांसी की सजा दिए जाने का हकदार है।
   
पीड़ता की मौत के बाद किशोर के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया गया था। चार अन्य वयस्क आरोपियों मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के खिलाफ विशेष त्वरित अदालत में मुकदमा चल रहा है। मुख्य आरोपी राम सिंह के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई समाप्त कर दी गई थी, क्योंकि वह तिहाड़ जेल में गत 11 मार्च को अपनी कोठरी में मृत पाया गया था।
   
पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि किशोर सभी आरोपियों से सर्वाधिक बर्बर था। हालांकि, बोर्ड के समक्ष जांच के दौरान किशोर ने दावा किया कि वह निर्दोष है।
   
उत्तर प्रदेश निवासी किशोर 11 साल की उम्र में दिल्ली आ गया था। उसे एक बढ़ई रामाधार से लूटपाट करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। सामूहिक बलात्कार की घटना से पहले आरोपियों ने एक बढ़ई को फुसलाकर बस में चढ़ाया था और उसके साथ लूटपाट की थी। उसे आईपीसी की धारा 395, धारा 342 (गलत रूप से कैद करने) और धारा 412 के तहत दोषी ठहराया गया है।
   
बढ़ई ने बस पर सवार आरोपियों में से एक के तौर पर किशोर की पहचान की थी। नाबालिग को हालांकि आईपीसी की धारा 365 (अपहरण) और धारा 394 (लूटपाट करने के दौरान स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) के आरोपों से बरी कर दिया था।

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