Wednesday, 31 July 2013

2जी: अदालत ने मित्तल-रुईया से सुप्रीम कोर्ट जाने को कहा

Image Loading2जी मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने आज भारती एयरटेल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल और एस्सार के प्रवर्तक रवि रुईया को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई रोकने के मामले में अपने अंतरिम आदेश के संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने को कहा है।
   
सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने दोनों कंपनियों के प्रमुखों को कहा कि वे 14 अगस्त तक इस मामले में उच्चतम न्यायालय से स्पष्टीकरण मांगें। न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई तब तक के लिए स्थगित कर दी है।
   
न्यायाधीश ने कहा इस मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक मुल्तवी की जाती है। इस बीच आप इस मामले में जारी (इस अदालत के) आदेश के बारे में उच्चतम न्यायालय से स्पष्टीकरण मांगें। इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 14 अगस्त तय की गई है।
   
यह आदेश मित्तल और रुईया की ओर से पेश वकीलों द्वारा सुनवाई स्थगित करने की मांग के बाद दी गई। मित्तल और रुईया को इस मामले में आरोपी के तौर पर सम्मन जारी किया गया था।
   
अभियुक्त रूप में तलब मित्तल और रुईया के वकीलों ने इस आधार पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की कि उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले दोनों आरोपियों को जारी सम्मन को चुनौती देने वाली अलग याचिकाओं पर विशेष अदालत में सुनवाई टाल थी।
   
सीबीआई ने हालांकि उनकी अपील का यह कहते हुए विरोध किया कि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में इस मामले में सुनवाई को स्थगित नहीं किया है और यह दोनों आरोपियों का कर्तव्य है कि वे स्पष्टीकरण मांगें।
   
सीबीआई के वकील के के गोयल ने कहा ऐसा नहीं हो सकता कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में सूचीबद्ध नहीं होगा इसलिए यहां इस सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए, यह उनका कर्तव्य है कि वे उच्चतम न्यायालय स्पष्टीकरण मांगें। वे अपने घर में बैठकर यह नहीं कह सकते कि इस मामले को यहां स्थगित किया जाए।
   
न्यायाधीश ने भी बचाव पक्ष के वकील से कहा कि इस मामले की सुनवाई स्थगित करने के संबंध में उन्हें उच्चतम न्यायालय का कोई आदेश नहीं मिला है। न्यायाधीश ने कहा अब तक स्थगन की कोई स्थिति नहीं है। मुझे अगली तारीख देने से कोई गुरेज नहीं है लेकिन स्थगन जैसी कोई बात नहीं है।
   
उच्चतम न्यायालय ने 26 अप्रैल के अंतरिम आदेश में सुनवाई अदालत में उन्हें व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने से छूट दे दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ सुनवाई अगली तारीख तक मुल्तवी रहेगी। मित्तल और रुईया की ओर से विशेष अदालत द्वारा 19 मार्च को जारी सम्मन के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी।
   
विशेष अदालत ने 19 मार्च को मित्तल, रुईया और असीम घोष को पेशी का सम्मन जारी किया था। रुईया आरोपी कंपनियों में शामिल स्टर्लिंग सेल्यूलर लिमिटेड के निदेशक थे। असीम घोष को अब तक सम्मन नहीं पहुंचा है। इनके नाम 31 दिसंबर को इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में शामिल नहीं थे।
   
आज की सुनवाई के दौरान रईया की ओर से पेश वकील एस वी राजू ने अदालत से कहा कि उनका मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। उन्होंने इस आधार पर यहां मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक स्थगित रखे जाने की मांग की।
मित्तल की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय अगले आदेश तक विशेष अदालत के सामने सुनवाई टालने का अंतरिम आदेश दिया था। उन्होंने कहा आठ अप्रैल से विशेष अदालत के समाने सुनवाई टली हुई है।
    
अग्रवाल ने अदालत से कहा कि उच्चतम न्यायालय का विशेष अदालत में सुनवाई टालने का आदेश अभी बरकरार है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने यह नहीं कहा है कि यह अंतरिम आदेश कब तक जारी रहेगा।

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