Wednesday, 24 July 2013

यूपी बीजेपी में बड़ी वैकेंसी: 5000 मेंबर बनाने वालों को मोदी के साथ लंच का ऑफर

यूपी बीजेपी में बड़ी वैकेंसी: 5000 मेंबर बनाने वालों को मोदी के साथ लंच का ऑफरनई दिल्ली.  बीजेपी की यूथ विंग ने देश भर में अपने सदस्यता अभियान को तेजी देने के लिए अनोखी योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है। बीजेपी युवा मोर्चा की नई योजना के मुताबिक अगर कोई भाजयुमो कार्यकर्ता अपने साथ नए 5 हजार नए सदस्य जोड़ता है तो उसे बीजेपी की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात का मौका मिलेगा। वहीं, अगर वह कार्यकर्ता अपने साथ 500 सदस्य जोड़ता है तो उसे भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से मिलने का मौका मिलेगा।  
 
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दूसरी ओर, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा नहीं देने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा को चिट्ठी लिखने से जुड़ा विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। चिट्ठी में कुछ नेताओं के फर्जी दस्तखत होने के मामले को हवा देते हुए बीजेपी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को चिट्ठी लिखी है कि इस मामले की जांच की जाए और दोषी लोगों को सज़ा दी जाए। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यह उनके प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश है।  
 
 
इससे पहले ओबामा को लिखी गई चिट्ठी में हस्ताक्षर करने वाले कई सांसदों ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने मोदी को वीजा न देने से जुड़े किसी हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया। भास्कर ने 18 सांसदों से सीधे बात की। उनमें से 4 सांसदों ने माना कि, उन्होंने इस संबंध में कुछ माह पहले लिखे गए पत्र पर दस्तखत किए थे। कांग्रेस सांसद हनुमंत राव ने कहा कि हमने दस्तखत तो किया था लेकिन मुझसे मानवाधिकार उल्लंघन का मामला बताकर दस्तखत कराया गया था। कांग्रेस के ही एक अन्य सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मुझे मालूम नहीं। जबकि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पंकज वोरा ने कहा कि मुझे याद नहीं। काफी समय पहले की बात है, मुझे चेक करना पड़ेगा।
 
हां, हमने किए दस्तखत 
 
नेशनल कॉन्फ्रेंस के राज्यसभा सांसद जीएन रतनपुरी ने कहा कि हां, हमने मोदी को वीजा न देने संबंधी पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने दावा किया कि कई अन्य सांसदों ने भी इस पत्र पर साइन किया था। कांग्रेस सांसद हुसैन उमर दलवई ने पहले कहा कि हां, हमने दस्तखत किया था फिर बोले और लोग क्या कह रहे हैं। थोड़ा सोचकर बोले मेरा नाम मत डालो। कांग्रेस सांसद हनुमंत राव बोले कि हमें ह्युमन राइट का मामला बताकर साइन करवाया था। एमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि हमने हस्ताक्षर किए थे। 
 
 
ओबामा को 65 सांसदों के पत्र का मामला 
 
मोदी को वीजा न देने के लिए पिछले साल 26 नवंबर को 25 राज्यसभा सांसदों की ओर से एक पत्र ओबामा को भेजा गया। ऐसा ही एक पत्र 5 दिसंबर को भेजा गया। इस पर 40 लोकसभा सांसदों के हस्ताक्षर की बात कही गई। यह खुलासा हुआ तो कई सांसद हस्ताक्षर से सीधे मुकर गए। 
 
इन्होंने किया इनकार 
 
एनसीपी के संजीव नायक ने कहा है कि उन्होंने मोदी को वीजा न दिए जाने को लेकर कोई भी चिट्ठी अमेरिका को नहीं लिखी है। संजीव नायक ने कहा है कि यह फ्रॉड का मामला है और वह इसे संसद में उठाएंगे। कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य, माकपा सांसद सीताराम येचुरी, एमपी अच्युतन, कांग्रेस सांसद शांताराम नाईक के अलावा ईएमएस नचियप्पन, जॉय अब्राहम, पंकज वोरा, अविनाश पांडे, एनसीपी की वंदना चौहान व ईश्वरलाल जैन, कांग्रेस सांसद विजय लक्ष्मी साधो, कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया, कमल किशोर कमांडो व कादिर राणा ने वीजा नहीं देने का अनुरोध करने संबंधी पत्र पर दस्तखत से मना किया। 
 
 
कैमरन को भी लिखा था पत्र - अदीब 
 
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को पत्र लिखकर मोदी को वीजा नहीं देने का अनुरोध करने वाले राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि सांसदों ने पत्र पर दस्तखत किए थे। उन्होंने अचरज जताया कि सांसद इनकार क्यों कर रहे हैं। अदीब ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कैमरन को लिखा गया पत्र भी जारी किया। इस पत्र में उन्होंने ब्रिटेन सरकार के उस बयान पर चिंता जाहिर की थी जिसमें गुजरात सरकार से संबंध सुधारने की बात कही गई थी। 
 
 
कोट्स
 
सीताराम येचुरी - माकपा 
 
मुझे आश्चर्य है कि मेरा नाम इस विवाद में आया। मैं आखिरी व्यक्ति होऊंगा जो घरेलू मामले में अमेरिकी प्रशासन के हस्तक्षेप का अनुरोध करे। यह पूरी तरह से गलत है। मैंने कोई हस्ताक्षर नहीं किया। 
 
शांताराम नाईक (कांग्रेस)- मैंने इस तरह के किसी पत्र पर कोई हस्ताक्षर नहीं किए। न अभी न पहले। यह अफवाह कहां से और कैसे फैली है यह पता नहीं। 
 
एमपी अच्युतन - यह सरासर गलत है। मैंने इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा न ही दस्तखत किए। 
 
ईएमएस नचियप्पन (कांग्रेस)- मैंने कोई पत्र नहीं लिखा न ही दस्तखत है। यह सही नहीं है। 
 
पंकज वोरा - कांग्रेस - मुझे याद नहीं, मैं असम में कहीं दूर हूं। मुझे चेक करना पड़ेगा। 
 
वी. हनुमंत राव, कांग्रेस - मुझसे ह्यूमन राइट वाइलेशन के नाम पर हस्ताक्षर करवाया। कहीं आखिरी पैराग्राफ में लिखा होगा वीजा की बात तो मुझे नहीं पता। लेकिन मैंने हस्ताक्षर किया था।

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