Monday, 29 July 2013

टीम इंडिया के 'ऐंग्री यंग मैन' विराट कोहली?

kohli
विराट कोहली
नई दिल्ली।। टीम इंडिया के भविष्य के कप्तान माने जा रहे विराट कोहली एक बार फिर से चर्चा में हैं। पहली बार अपनी कप्तानी में दमदार बैटिंग से वनडे सीरीज जीतने के लिए और पहले वनडे में 15वां शतक लगाकर सचिन से आगे निकलने के लिए नहीं, बल्कि एक बार फिर से कोहली की चर्चा उनके गुस्से को लेकर है। उनका ताजा गुस्सा 26 जुलाई को हरारे में जिम्बाब्वे के साथ खेले गए दूसरे वनडे में देखने के मिला था। 5 मैचों की इस वनडे सीरीज में टीम इंडिया ने 3-0 से सीरीज जीत ली है। दूसरे मैच में भी टीम इंडिया ने आसानी से जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन यह मैच एक और वजह से चर्चा में आया था। इस मैच में दिखा था टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का तेवर। जी हां! विराट कोहली इस मैच में आउट दिए जाने के बाद भी मैदान छोड़ने के बजाय अंपायर्स से बहस करते दिखे। कोहली जब 14 रन बनाकर खेल रहे थे तो काइल जार्विस की गेंद पर मैलकम वैलर ने उनका कैच पकड़ा। हालांकि, वैलर खुद इस कैच को लेकर आश्वस्त नहीं थे, इसलिए उन्होंने तीसरे अंपायर की मदद ली। तीसरे अंपायर ने भी कोहली को आउट करार दिया। लेकिन, इस फैसले से नाराज विराट क्रीज छोड़ने के बजाय फील्ड अंपायर्स से बहस करते नजर आए। आलम यह था कि पविलियन लौटते हुए भी कोहली गुस्से में बैट उछालते हुए दिखे।

टैलंटेंड प्लेयर
हाल के सालों में टीम इंडिया के जिस बल्लेबाज ने सबसे ज्यादा छाप छोड़ी है, वह हैं विराट कोहली। यहां तक कि सचिन खुद उम्मीद जता चुके हैं कि उनके 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों का रेकॉर्ड अगर कोई तोड़ सकता है तो वह कोहली हैं। कोहली अपनी शानदार फ़ॉर्म से इसे साबित भी करते हैं। महज 24 साल की उम्र में वह 15 वनडे शतक ठोक चुके हैं। उनमें महान खिलाड़ी बनने के गुण नजर आते हैं। बड़े-बड़े क्रिकेट पंडित भी उनके बैटिंग स्टाइल और शॉट लगाने की क्षमता का लोहा मानते हैं। और तो और उन्हें धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। यानी कोहली को एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता है जो भविष्य में टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर सफलता की वही गाथा लिख सकता है जो धोनी और गांगुली ने लिखी। लेकिन, फिर भी ऐसा कुछ है जो कोहली के लिए घातक साबित हो सकता है।

ऐंग्री यंग मैन
अपनी बैटिंग के साथ-साथ अपने जोशीले स्वभाव और गुस्से के कारण कोहली गलत वजहों से चर्चा में आते रहे हैं। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के दौरे में एडिलेट टेस्ट में दर्शकों द्वारा हुटिंग किए जाने से नाराज कोहली ने अपनी बीच की उंगुली दिखाकर विवाद खड़ा कर दिया था। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे 'फिंगरगेट 'का नाम दिया था।

पर्थ में शतक लगाकर गुस्सा दिखाया
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में शतक लगाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के आक्रामक रवैये से खफा कोहली ने अपने जश्न को इतने गुस्से के साथ मनाया कि सुनील गावसकर को भी कहना पड़ा कि कोहली को गुस्से पर नियंत्रण करना सीखना होगा। शतक बनाने के बाद गुस्सा नहीं खुशी जाहिर करनी चाहिए।

आईपीएल में गंभीर में उलझे
इस साल आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कप्तानी कर रहे कोहली केकेआर के कप्तान गौतम गंभीर से उलझ पड़े। गंभीर और कोहली भारत के लिए एक साथ खेलते हैं, तो आखिर कोहली को अपनी ही टीम के खिलाड़ी पर इतना गु्स्सा क्यों आया, इस पर भी सवाल उठे।

गांगुली की झलक
कुछ एक्सपर्ट्स को एक कप्तान के तौर पर विराट कोहली में भारत के महान कप्तानों में शुमार सौरभ गांगुली का अक्स नजर आता है। गांगुली भी अपनी आक्रामक कप्तानी और जोशीले अंदाज के लिए जाने जाते थे। हालांकि, दादा की शैली से कोहली और टीम इंडिया को फायदा तो जरूर होगा, लेकिन पहले कोहली को गांगुली से यह सीखना होगा कि आक्रामकता खेल और रणनीति तक ही रहे तो ठीक है, लेकिन अपने व्यवहार में उसे न आने दिया जाए।

धोनी और सचिन से सीखें
भले ही कोहली सचिन को अपना आदर्श मानते हो लेकिन उन्हें यह सीखना होगा कि सचिन सिर्फ अपनी बैटिंग के कारण ही महान नहीं बनें बल्कि अपनी विनम्रता के कारण भी बने। गैर जरूरी विवादों से कोहली की बैटिंग पर असर तय है। इसलिए उन्हें न सिर्फ विपक्षी गेंदबाजों से निपटना आना चाहिए बल्कि अपने गुस्से पर नियंत्रण उससे भी ज्यादा जरूरी है। साथ ही वह टीम इंडिया के कैप्टन कूल धोनी से सीख सकते हैं कि कूल रहकर कितनी बुलंदियों को छुआ जा सकता है। 

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