sun big dhur star |
आकाश में उत्तर की ओर ए क चमकता हुआ तारा हर किसी को आकर्षित कर लेता है। तुम्हारी भी उस पर नजर पड़ी होगी। आखिर वह सबसे तेज चमकता हुआ विशाल तारा जो है। हम सब उसे ध्रुवतारा के नाम से जानते हैं। वैज्ञानिक उसे ध्रुवतारा इसलिए कहते हैं, क्योंकि वह उत्तरी ध्रुव से हमेशा एक जगह चमकता हुआ नजर आता है, लेकिन धर्मग्रंथों में उसे बालक ध्रुव का तारा कहा गया है। तुमने तो उसकी कहानी भी सुनी होगी कि किसी तरह बालक ध्रुव, ध्रुवतारा बन गया। अपने धर्मग्रंथों के अनुसार, पांच साल का नन्हा ध्रुव राजा उत्तानपाद का पुत्र था, जिसे सौतेली मां ने अपने पिता के कंधे पर खेलने से मना कर दिया था। उसकी अपनी मां ने उसे सलाह दी कि वह अपना अधिकार खुद हासिल करे। ध्रुव को यह मालूम हुआ कि जंगल में तपस्या करने से भगवान दर्शन देते हैं। उसी उम्र में वह एक दिन जंगल चला गया और तपस्या करने लगा। उसकी छह महीने की घोर तपस्या से प्रभावित होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और आशीर्वाद दिया कि उसे पिता का प्यार भी मिलेगा और मृत्यु के बाद वह एक ऐसा तारा बनेगा, जो पूरे ब्रह्मांण को दिशा दिखाएगा। बालक ध्रुव घर लौट आया था और छह साल की ही उम्र में राजा बन गया था। उसने एक आदर्श राजा के रूप में अपनी प्रजा की सेवा की। मरने के बाद वह तारा बन गया है, जिसे हम सब ध्रुवतारा कहते हैं। कुछ लोग ध्रुवतारे को ढूंढ़ने के लिए सप्तर्षि का सहारा लेते हैं। सप्तर्षि की सहायता से ध्रुवतारा तक पहुंचने का उपाय यह है कि आगे के दो ऋषियों की सीधी रेखा में उत्तर की तरफ देखने पर जो सबसे चमकता हुआ तारा नजर आता है, वह ध्रुवतारा है। इसे अंग्रेजी में पोल स्टार भी कहा जाता है। तुम्हें तो मालूम ही है कि पोल को हिन्दी में ध्रुव भी कहते हैं। पृथ्वी से इसकी दूरी 390 प्रकाशवर्ष है। इसकी खूबी यह भी है कि उत्तरी पोल यानी ध्रुव से यह एक जगह स्थिर नजर आता है। इस कारण समुद्र व रेगिस्तान में सफर करने वाले लोग दिशा के ज्ञान के लिए भी इस तारे का सहारा लेते हैं। आकार में बहुत बड़ा होने के कारण खगोलशास्त्री इसे अत्यंत रोशनी वाला महादानव तारा भी कहते हैं। तुम्हें तो मालूम ही है कि हमारा सूर्य भी एक तारा है, लेकिन शायद तुम यह नहीं जानते होगे कि ध्रुवतारा हमारे सूर्य से भी बड़ा है। इस तारे का व्यास सूर्य से 30 गुना अधिक है। भार में यह सूर्य से 7.50 गुना अधिक है और इसकी चमक तो सूर्य से 22 सौ गुना अधिक है। सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है, जबकि ध्रुवतारे की दूरी 390 प्रकाशवर्ष है। यानी प्रकाश की किरण 390 वर्ष में जितनी दूरी तय करेगी, ध्रुवतारा हमसे उतनी दूरी पर स्थित है। तुम्हें तो मालूम ही है कि प्रकाश किरण एक सेकेंड में लगभग तीन लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लेती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि 26 हजार वर्ष में एक बार ध्रुवतारे के स्थान में परिवर्तन आता है।
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