Monday 23 December 2013

हरकतों से बाज नहीं आया चीन, लद्दाख में गाड़े तंबू

Image Loadingचीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पिछले हफ्ते चीन के करीब 22 सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय क्षेत्र में घुस आए। यही नहीं, उन्होंने लद्दाख के पश्चिमी चेपजी क्षेत्र में अपने तंबू भी गाड़ लिए।
सूत्रों ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने करीब 8-10 टेंट लगाए हैं। अभी यह पता नहीं चल सका है कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में बने हुए हैं या वहां से चले गए हैं। हालांकि सैन्य मुख्यालय का कहना है कि क्षेत्र में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। भारतीय सेना ने शनिवार को चीन के साथ एक फ्लैग मीटिंग की थी। चुमार के करीब है चेपजी
चेपजी चुमार क्षेत्र के नजदीक है जहां पर गत एक वर्ष के दौरान चीन की ओर से बड़ी संख्या में घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं। चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ के मामले में चुमार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सबसे सक्रिय क्षेत्र है। चुमार लेह से 300 किलोमीटर दूर स्थित है। चीन-भारत सीमा पर यही एक स्थान है जहां चीन की सीधी पहुंच नहीं है। गत अप्रैल में चीनी सैनिक भारत के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 19 किलोमीटर अंदर घुस आए थे और वे वहां से दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत और एक श्रंखलाबद्ध फ्लैग मीटिंग के बाद ही हटे थे। क्षेत्र में चीन के शिविर की जानकारी उस घटना के कुछ ही समय बाद आई है जिसमें पीएलए सैनिक चुमार क्षेत्र में घुस आये थे और वहां से पांच भारतीय नागरिकों को पकड़कर उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपनी ओर ले गए थे। चीन के सैनिकों ने ऐसा संभवत: क्षेत्र पर अपना दावा करने के लिए किया था। बीजिंग में दोनों देशों द्वारा सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों देशों ने अपने मुद्दों को इस नए समझौते के तहत सुलझाने पर सहमति जताई थी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव रोकना था। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने हाल में चेतावनी दी थी कि नया सीमा समझौता इस बात की गारंटी नहीं देता कि भविष्य इन क्षेत्र में कुछ नहीं होगा। चीनी सैनिकों द्वारा अतिक्रमणों के मामले में चुमार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सबसे सक्रिय क्षेत्र है। चुमार लेह से 300 किलोमीटर दूर स्थित है। चीन-भारत सीमा केवल यही एक स्थान है जहां पर चीनी सैनिकों की कोई सीधी पहुंच नहीं है।

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