Saturday 21 December 2013

सर्दियों से बचाएं अपने हार्ट को

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शोधों से पता चला है कि तापमान गिरने के साथ ही हार्ट-अटैक का खतरा बढ़ जाता है, क् योंकि जब तापमान कम हो जाता है तो रक्त का गाढ़ापन बढ़ जाता है। ऐसे में क्या सावधानी बरतें, बता रहे हैं कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल (गुड़गांव) के कार्डियोलॉजिस्ट डॉं अनिल बंसल
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनियाभर में बढ़ती बीमारियों पर कराए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सन 2020 तक भारत में कार्डियो वैस्क्युलर रोगों के कारण प्रतिवर्ष 47.7 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होने लगेगी, जबकि हृदय धमनी संबंधी बीमारियों के कारण प्रतिवर्ष 25.8 लाख लोगों की मौत होगी। यह स्थिति खतरे की घंटी है। लिहाजा लोगों को उनकी स्थिति से वाकिफ कराना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि वे उचित तौर-तरीके अपना कर इस भयावह स्थिति से दूर रहें। कार्डियोवैस्क्युलर रोगों से पीडित व्यक्तियों के लिए यह भी समझना जरूरी है कि उन्हें सर्दी के महीनों में किसी अप्रिय हालात से बचने के लिए दिल की सेहत को लेकर अधिक सचेत हो जाना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में दिल को तकलीफ अधिक होने लगती है।
कार्डियोवैस्क्युलर के खतरों के प्रति लगातार नजर रखना जरूरी है। यह भी सुनिश्चित कर लें कि सर्दियों के मौसम में आपकी सेहत को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। मौसम बदलने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी काफी उतार-चढ़ाव आने लगता है, जिससे उच्च कोलेस्ट्रॉल के खतरे के निशान के करीब पहुंचे लोगों को सर्दियों के मौसम में कार्डियोवैस्क्युलर रोग का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल स्तर पर नियंत्रण रखने के अलावा यह भी जरूरी है कि हम छोटी-छोटी चीजों पर भी ध्यान दें और अपने दिल पर ज्यादा जोर नहीं पड़ने दें। कभी भी लगातार बहुत ज्यादा काम न करें कि आप थक जाया करें। ज्यादा काम हो तो भी उसे टुकड़ों-टुकड़ों में ब्रेक ले लेकर करें और थोड़े-थोड़े अंतराल पर विश्राम करते रहें, ताकि आपके दिल पर ज्यादा जोर न पड़े। संभव हो तो अपने काम की प्रकृति भी बदलते रहें। सर्दियों में लोग सामान्य खुराक से अधिक खाने लगते हैं, लेकिन एक बार में ही बहुत ज्यादा खा लेने से भी आपके दिल पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, इसलिए ऐसा करने से भी बचें। अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से भी बचें और यह न सोचें कि इससे आपका शरीर गर्म और चुस्त-दुरुस्त बना रहेगा। सर्दियों के दौरान अल्कोहल से किसी व्यक्ति में गर्माहट का अहसास बढ़ सकता है और शरीर पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ की अनुभूति कम हो सकती है, जो ठीक नहीं। हृदय गति रुकने के कारण हाइपोथर्मिया की स्थिति में ज्यादातर मौतें होती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए शरीर पर गर्म कपड़ों की तह बनाए रखें।

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