Saturday 21 December 2013

फिल्म रिव्यू : धूम 3

Image Loadingसाल की बहुचर्चित फिल्म ‘धूम 3’ कैसा धूम- धड़ाका मचाएगी, ये जानने की उत्सुकता हर किसी में दिख रही है, लेकिन इस फिल्म पर कोई नया बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड कायम करने का जुनून ज्यादा दिख रहा है, बनिस्पत इसके कि फिल्म की गुणवत्ता कैसी है। अगर संक्षेप में बयां करे तो ‘धूम 3’ इस सीरीज की सबसे कमजोर फिल्म है। अगर आमिर खान को इसमें से निकाल दें तो यह एक औसत दर्जे की भी फिल्म नहीं है। वो क्यों, आइए जानें। पर पहले एक नजर फिल्म की कहानी पर। शिकागो में रहने वाले एक भारतीय इकबाल खान (जैकी श्रॉफ) को अपनी सर्कस को बचाने के लिए उस बैंक के एक आला अधिकारी को इम्प्रेस करना है, जिसका उस पर ढेर सारा कर्ज है।

इकबाल इस प्रयास में असफल हो जाता है और आत्महत्या कर लेता है। उसका बेटा साहिर (आमिर खान) अब बड़ा हो चुका है और उसके जीवन का एकमात्र लक्ष्य है उस बैंक को कंगाल कर देना, जिसकी वजह से उसके पिता की जान गई थी। साहिर उस बैंक की एक-एक कर सभी शाखाएं लूटना चाहता है, लेकिन उसके सामने एसीपी जय दीक्षित (अभिषेक बच्चन) और अली (उदय चोपड़ा) दीवार बन कर खड़े हो जाते हैं। इन तीनों के बीच चूहा-बिल्ली का खेल चलता रहता है और अंत में जीत जय दीक्षित की होती है। और बस कहानी खत्म!

बेशक, इस कहानी में एक सस्पेंस भी है और उसूल कहता है कि सस् पेंस खोलना नहीं चाहिए। जैसा कि उम्मीद की जा रही थी कि निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य और आदित्य चोपड़ा की इस कहानी में इमोशनल इनपुट कुछ ज्यादा होगा, तो वो है। और जहां-जहां फिल्म में इमोशनल सीन दिखते हैं, फिल्म बांधे रखती है, लेकिन फिल्म में जो एक बात सबसे ज्यादा खटकती है, वो ये कि इसमें न तो कोई बड़ी चोरी दिखाई गई है और न ही चोरी करने का कोई नायाब तरीका।

हां, एक नायाब तरीका ये जरूर है कि साहिर जब-जब बैंक लूटता है तो नोटों की बरसात होने लगती है। पर ये कहीं नहीं दिखाया गया कि वो बैंक लूटता कैसे है। स्थिति वहां और हास्यास्पद हो जाती है, जहां वो बैंक लूटने की तैयारी बड़े जोर-शोर से हाईटेक तरीके से करता है, लेकिन फिर वही दिक्कत कि उसे बैंक लूटते फिर भी नहीं दिखाया गया है।
ये बात भी सिर के ऊपर से गुजर जाती है कि आखिर साहिर तो एक जादूगर का बेटा है और खुद भी अच्छा जादूगर है तो फिर वह चोर कैसे बना और वो भी एक शातिर चोर, जिसे पकड़ने में  शिकागो की पुलिस हर बार गच्चा खा जाती है और उसे पकड़ने के लिए भारत से दो पुलिसकर्मी बुलाए जाते हैं। हां, साहिर बाइक चलाने में उस्ताद है। बाइक पर उसे पकड़ना नामुमकिन है, क्योंकि वो तो रस्सी पर भी बाइक चला कर भाग सकता है। रस्सी ही क्यों, वो तो पानी पर भी बाइक चला सकता है। इसकी तैयारी भी उसने की हुई है।

उसकी स्पेशल डिजाइन की हुई बाइक, जो कई सीन्स में जेम्स बॉन्ड के गैजेट्स को भी मुंह चिढ़ाती नजर आती है, में सब कुछ करने की क्षमता है। ये बाइक एक बटन दबाते ही वॉटर स्कूटर बन जाती है। बेशक ये सीन्स दिल थाम कर देखने वाले हैं, क्योंकि ये कितने हास्यास्पद लगते हैं, इसका अंदाजा सीन गुजर जाने के बाद ही होता है। अब आते हैं फिल्म की अभिनेत्री पर। तो साहब कैटरीना कैफ से ज्यादा काम तो उदय चोपड़ा का है, जो फिल्मों से संन्यास ले चुके हैं। संवाद भी उदय के पास कैट से ज्यादा हैं। तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अभिषेक के खाते में करने को क्या कुछ रहा होगा। कुल मिला कर ‘धूम 3’ केवल आमिर खान की फिल्म है, जिसे उनके फैन्स ही पचा सकते हैं। खासतौर पर टैप डांस पर फुदकते हुए आमिर बेहद फनी लगते हैं।  

सितारे: आमिर खान, अभिषेक बच्चन, कैटरीना कैफ, उदय चोपड़ा, जैकी श्रॉफ, सिद्धार्थ निगम
निर्देशक-संवाद-पटकथा: विजय कृष्ण आचार्य
निर्माता: आदित्य चोपड़ा
बैनर: यशराज फिल्म्स
संगीत: प्रीतम चक्रवर्ती, जूलियस पैकियम 
लेखक: आदित्य चोपड़ा, विजय कृष्ण आचार्य
गीत: समीर, अमिताभ भट्टाचार्य, कौसर मुनीर
कॉस्ट्यूम डिजाइन: अनीता श्रॉफ अदजानिया
कोरियोग्राफी: वैभवी मर्चेन्ट

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