कांग्रेस के राष्टीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को हरियाणा के रास्ते
पानीपत होते हुए मलक
पुरा में मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के कैंपों में
शरणार्थियों का हाल जानने के लिए पहुंचे। उनके साथ यूपी के प्रभारी महासचिव
मधुसूदन मिस्त्री और केंद्रीय गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह भी थे।
बरनावी में राहुल गांधी की कार के साथ बैठकर शरणार्थी परिवारों की महिलाओं ने काफी देर तक हंगामा किया और मकान बनाकर देने की मांग की। मलकपुरा कैंप में अचानक पहुंचे राहुल गांधी ने शरणार्थी परिवारों से पूछा कि वह अपने घर वापस क्यों नहीं जाना चाहते? इस पर लोगों ने विरोध करते हुए कहा कि वह अपने घर नहीं लौटेंगे। उन्हें मकान बनाकर दो। राहुल गांधी ने उनसे पूछा आपलोग ठंड में क्यों रह रहे हो? ठंड से बचाव के यहां क्या प्रबंध हैं? इसके बाद राहुल लोगों को साथ लेकर मलकपुरा में लगे कैंपों के तंबुओं में घूमे और झोंपड़ियों में अंदर झंककर वहां पड़े सामान और कंबल आदि को देखा। करीब बीस मिनट शरणार्थियों से यहां बात करने के बाद राहुल गांधी काफिले के साथ खुरगान में काठा नदी पुल पर लगे शरणार्थी कैंप में पहुंचे। वहां के शरणार्थियों से राहुल ने पूछा कि दंगे में उनके गांवों में क्या हुआ था, जो वह यहां रहने पर मजबूर हैं? इसके बाद जब वह चलने लगे तो कैंप से निकलकर दर्जर्नों महिलाएं उनकी कार के सामने आ गईं और घेरकर बैठ गईं। महिलाओं की मांग थी कि सरकार उनकी सुध ले और उन्हें मकान बनाकर दिए जाएं। पुलिस और एसपीजी के जवानों ने बमुश्किल राहुल गांधी के काफिले के लिए रास्ता बनाया और उन्हें निकाला। यहां से राहुल गांधी बरनावी के राहत शिविर में पहुंचे और वहां बच्चों के साथ रह रहे शरणार्थियों से पूछा कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं। उन्होंने पूछा कि छोटे बच्चे ठंड में कैसे रहते हैं। वहां से लौटने के बाद राहुल गांधी ने अकबरपुर सुनेठी के राहत शिविर का दौरा किया। इस कैंप में भी वह गाड़ी से उतरे और वहां लगे अस्थाई तंबुओं के बीच गए। राहुल गांधी के दौरे को लेकर मुजफ्फरनगर का जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और लोई के राहत शिविर में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राहुल गांधी जिस समय करीब साढे 12 बजे मलकपुरा गांव पहुंचे तो उस समय तक शामली के जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। केवल कैराना के कोतवाल और सीओ ही मलकपुरा पहुंच पाए थे। एसडीएम राहुल के वहां पहुंचने के बाद वहां पहुंचे।
बरनावी में राहुल गांधी की कार के साथ बैठकर शरणार्थी परिवारों की महिलाओं ने काफी देर तक हंगामा किया और मकान बनाकर देने की मांग की। मलकपुरा कैंप में अचानक पहुंचे राहुल गांधी ने शरणार्थी परिवारों से पूछा कि वह अपने घर वापस क्यों नहीं जाना चाहते? इस पर लोगों ने विरोध करते हुए कहा कि वह अपने घर नहीं लौटेंगे। उन्हें मकान बनाकर दो। राहुल गांधी ने उनसे पूछा आपलोग ठंड में क्यों रह रहे हो? ठंड से बचाव के यहां क्या प्रबंध हैं? इसके बाद राहुल लोगों को साथ लेकर मलकपुरा में लगे कैंपों के तंबुओं में घूमे और झोंपड़ियों में अंदर झंककर वहां पड़े सामान और कंबल आदि को देखा। करीब बीस मिनट शरणार्थियों से यहां बात करने के बाद राहुल गांधी काफिले के साथ खुरगान में काठा नदी पुल पर लगे शरणार्थी कैंप में पहुंचे। वहां के शरणार्थियों से राहुल ने पूछा कि दंगे में उनके गांवों में क्या हुआ था, जो वह यहां रहने पर मजबूर हैं? इसके बाद जब वह चलने लगे तो कैंप से निकलकर दर्जर्नों महिलाएं उनकी कार के सामने आ गईं और घेरकर बैठ गईं। महिलाओं की मांग थी कि सरकार उनकी सुध ले और उन्हें मकान बनाकर दिए जाएं। पुलिस और एसपीजी के जवानों ने बमुश्किल राहुल गांधी के काफिले के लिए रास्ता बनाया और उन्हें निकाला। यहां से राहुल गांधी बरनावी के राहत शिविर में पहुंचे और वहां बच्चों के साथ रह रहे शरणार्थियों से पूछा कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं। उन्होंने पूछा कि छोटे बच्चे ठंड में कैसे रहते हैं। वहां से लौटने के बाद राहुल गांधी ने अकबरपुर सुनेठी के राहत शिविर का दौरा किया। इस कैंप में भी वह गाड़ी से उतरे और वहां लगे अस्थाई तंबुओं के बीच गए। राहुल गांधी के दौरे को लेकर मुजफ्फरनगर का जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और लोई के राहत शिविर में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राहुल गांधी जिस समय करीब साढे 12 बजे मलकपुरा गांव पहुंचे तो उस समय तक शामली के जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। केवल कैराना के कोतवाल और सीओ ही मलकपुरा पहुंच पाए थे। एसडीएम राहुल के वहां पहुंचने के बाद वहां पहुंचे।
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