भारत के साथ कूटनीति तकरार शुरू होने के एक सप्ताह के अंदर अमेरि
का का
रवैया नरम पड़ता नजर आ रहा है। अमेरिका ने हालांकि भारतीय राजनयिक के खिलाफ
मामला बंद करने या किसी तरह की माफी मांगने के संकेत नहीं दिए हैं।
राष्ट्रपति बराक ओबामा वार्षिक छुट्टी के लिए हवाई निकल चुके हैं और
उन्होंने साल के अंत में दिए गए एक घंटे के प्रेस संबोधन में भारत के साथ
तकरार का कोई जिक्र नहीं किया है। उन्होंने यह संकेत दे दिए हैं कि वह इस
मामले पर काम नहीं कर रहे और न ही यह इतना गंभीर मसला है, जिस पर व्हाइट
हाउस कोई बयान दे।
क्या अमेरिका कोई माफी मांगेगा इसके जवाब में विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन
साकी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी
से उपजे तनाव को कम करने के लिए दोनों देश विभिन्न स्तर पर कूटनीतिक वार्ता
कर रहे हैं।
साकी ने कहा, ''हम यह मानते हैं कि हमारी साझीदारी को बचाना और सुरक्षित
रखना जरूरी है। यह सिर्फ कूटनीतिक संबंधों के बारे में नहीं है। अत: हम
विचार-विमर्श कूटनीतिक रास्ते और निजी वार्ता से जारी रखेंगे।''
खोबरागड़े के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी मामले को बंद करने पर साकी ने दृढ़ता से
कहा, ''यह कानूनी मामला है और विदेश विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं
आता।'' उन्होंने कहा, ''हमारी कानून प्रवर्तन संस्था और भारत सरकार की
विभिन्न मसलों पर अलग-अलग राय है। अपने वकीलों का साथ देने को लेकर हमारा
रुख स्पष्ट है।''
खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र में स्थांतरित करने के मसले पर उन्होंने कहा
कि पद बदलने का मतलब यह नहीं है कि इससे पूर्व के मामले हटा लिए जाएंगे और
कूटनीतिक अधिकार मिलने का मतलब पूर्व के आपराधिक मामले बंद करना नहीं है।
साकी ने यह भी कहा कि खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र भेज देने से उन पर लगे
मामले खत्म नहीं होंगे।
20
No comments:
Post a Comment