Monday 2 December 2013

फिल्में हैं नहीं, पर अकड़ पूरी

Image Loadingअभी हाल में जब फिल्म ‘सिंह साब द ग्रेट’ के हीरो सनी देओल ने अमृता राव के साथ फिल्म का प्रमोशन करने से इनकार कर दिया तो अमृता अचानक लाइम लाइट में आ गईं। दस साल के फिल्मी करियर में सूरज बड़जात्या के अलावा किसी भी अन्य निर्देशक की फिल्म उनके लिए कुछ खास लाभदायक नहीं रही है । फिर भी अमृता बेहद चूजी हैं। उधर यह भी सच है कि एकाध फिल्म, एंडोर्समेंट या टीवी के रियलिटी शो, कुछ न कुछ को लेकर वह लगातार व्यस्त रहती हैं। पेश हैं उनसे हुई कट-टू-कट बातचीत के कुछ अंश।
सनी देओल ने आपके साथ फिल्म का प्रमोशन करने से मना क्यों कर दिया था?
पता नहीं इस बात को जरूरत से ज्यादा तूल क्यों दिया गया है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि हमें एक साथ की बजाय फिल्म का अलग-अलग प्रमोशन करना चाहिए। इससे फिल्म का ज्यादा प्रमोशन हो पायेगा। फिर यह बात भी सही है कि वही इस फिल्म की जान हैं। आपने इधर अपना लुक काफी बदल डाला है? इसकी कोई खास वजह?
ऐसी बात नहीं है। जब दर्शक मेरे सीधे-सादे लुक को इतना पसंद करते हैं तो मैं चाहूं भी तो दूसरा कोई चोला नहीं ओढ़ सकती। यदि अचानक मैं इसमें कोई बड़ा बदलाव करती हूं तो उन्हें ऐसा लगेगा कि फिल्में न मिलने की वजह से मैं एक और नयी कोशिश कर रही हूं। इसलिए मैं जहां हूं, खुश हूं। इसमें लुक बदलने जैसा कुछ नहीं है और थोड़ा बहुत बदलाव तो सभी करते हैं। फिर भी, बेवजह ग्लैमरस नजर आने की कोशिश क्यों?
टेक इट ईजी, मैंने अभी तक ऐसे रोल नहीं किये हैं, जो मेरी इमेज से मेल न खाते हों। मैंने तो सिर्फ इन्हें करने के लिए अपने लुक में हल्का-सा बदलाव किया था। वैसे भी हर फिल्म में अपने किरदार के मुताबिक आपको अपना गेट-अप तो बदलना ही पड़ता है। जैसा कि फिल्म ‘सिंह साब द ग्रेट’ में आपको देखने को मिल रहा है।  अब तो आपकी बहन भी फिल्मों में आ रही हैं? क्या आपने उन्हें एक्टिंग के टिप्स दिये हैं?
बेसिकली वह एक फिल्म जर्नलिस्ट है। तीन साल पहले प्रीतिका ने साउथ की तीन-चार फिल्मों में काम किया था। वह अनिल कपूर के टीवी शो 24 में भी है। जल्द ही वह कलर्स पर दिखाये जाने वाले टीवी शो ‘बेइंतहा’ में मेन लीड में नजर आयेगी। मेरे ख्याल से एक्टिंग में उसे यह बड़ा स्कोप मिला है। क्या फ्लॉप फिल्में आपको भी परेशान करती हैं?
वेलकम टू सज्जनपुर मेरी अंतिम सफल फिल्म थी। निश्चित तौर पर कुछ विफल फिल्मों ने मुङो अपसेट किया है। ये फिल्में चल जातीं तो इसका लाभ मुझे भी मिलता, इसलिए अब मैं ऐसी फिल्में ज्यादा करना चाहती हूं, जिनमें मेरा लीड रोल है। पर इधर आपके पास न के बराबर ही फिल्में हैं?
बहुत ज्यादा चूजी होने की वजह से ऐसा हो रहा है। खैर, मैं फिल्में न होने की वजह से कभी दुखी नहीं होती। इस खाली वक्त में मैं फिल्मों का चुनाव और ज्यादा सतर्क होकर कर सकती हूं। यानी आप अपने करियर से संतुष्ट हैं?
कई मायने में बिल्कुल नहीं। लेकिन यह सिर्फ मेरे पसंदीदा काम को लेकर है। फिर ऐसा लगता है कि मैं काफी हद तक अपने मकसद में सफल रही हूं, वरना आप मेरा इंटरव्यू क्यों लेते।

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