Sunday 17 June 2012

वाह जी वाह! शादी करते ही अब दूल्हों के हो जाएंगे बल्ले-बल्ले

प्रदेश में भवन एवं संनिर्माण कार्यो में लगीं महिला श्रमिकों को शादी करने या एक बार पुनर्विवाह करने पर अब पन्द्रह हजार रुपये मिलेंगे। पहले यह राशि दस हजार रुपये थी। इस सम्बन्ध में राज्य के श्रम विभाग ने मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा शर्तो का विनियमन नियम,2002 में दस साल बाद संशोधन कर दिया है जिसकी अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी गई।

पहले प्रावधान था कि मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीबध्द महिला श्रमिक के विवाह/एक बार पुनर्विवाह एवं पंजीबध्द श्रमिक की दो पुत्रियों की सीमा तक रुपये दस हजार प्रति विवाह सहायता देय होगी परन्तु अब संशोधन के बाद प्रावधान हो गया है कि मंडल में पंजीबध्द महिला श्रमिक के विवाह/एक बार पुनर्विवाह एवं पंजीबध्द श्रमिक की दो पुत्रियों की सीमा तक रुपये पन्द्रह हजार प्रति विवाह सहायता देय होगी।इसी प्रकार पहले प्रावधान था कि न्यूनतम पांच महिला श्रमिकों के सामूहिक विवाह के आयोजन की दशा में रुपये नौ हजार प्रति विवाह सहायता देय होगी एवं इसके अतिरिक्त रुपये एक हजार प्रति विवाह सामूहिक विवाह के आयोजक को अलग से राशि देय होगी। परन्तु अब संशोधन के बाद प्रावधान हो गया है कि न्यूनतम पांच महिला श्रमिकों के सामूहिक विवाह के आयोजन की दशा में रुपये तेरह हजार प्रति विवाह सहायता देय होगी एवं इसके अतिरिक्त रुपये दो हजार प्रति विवाह सामूहिक विवाह के आयोजक को अलग से राशि देय होगी।

श्रम विभाग ने यह प्रावधान पूर्ववत रखा है कि विवाह की प्रस्तावित तिथि से एक दिन पूर्व तक प्रस्तुत आवेदनों की जांच उपरान्त सक्षम प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा सहायता स्वीकृत की जायेगी।ज्ञातव्य है कि उक्त मंडल में प्रदेश के करीब चौदह लाख असंगठित श्रमिक पंजीबध्द हैं। नये प्रावधानों से पंजीबध्द श्रमिकों को अधिक सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी।

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