Monday 14 May 2012

भाजपा को अलविदा कहेंगे येद्दयुरप्पा!


बेंगलूर। कर्नाटक में सत्तासीन भाजपा गंभीर संकट में है। विद्रोही तेवर दिखा रहे पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने सोमवार को कहा कि वह शाम तक अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसले का ऐलान करेंगे। माना जा रहा है कि वह पार्टी छोड़ सकते हैं।
येद्दयुरप्पा ने कहा कि मैं आज सांसदों, विधायकों और अपने समर्थकों से परामर्श लूंगा और शाम चार बजे तक अपने फैसले का ऐलान कर दूंगा।
गौरतलब है कि अवैध खनन के मामले में सुप्रीमकोर्ट की ओर से सीबीआइ जांच के आदेश के बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से हो रही अपनी अनदेखी से येद्दयुरप्पा काफी नाराज हैं और अपने गुस्से का इजहार करते रहे हैं। लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले येद्दयुरप्पा ने सिद्धगंगा मठ के दौरे के दौरान भाजपा महासचिव एचएन अनंतकुमार, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केएस ईश्वरप्पा, मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के नेता सतीश को आड़े हाथ लिया।
येद्दयुरप्पा ने अनंतकुमार पर आरोप लगाया कि वह भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को उनके बारे में दुर्भावनापूर्ण सूचनाएं देते रहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अनंतकुमार ने पहले कम से कम तीन दफा खदान मालिकों की मदद से मुझे मुख्यमंत्री पद से हटवाने की कोशिश की थी।
डैमेज कंट्रोल की कोशिश में लगे ईश्वरप्पा ने आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों और येद्दयुरप्पा समर्थक मंत्रियों के पद से इस्तीफे को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। ईश्वरप्पा ने पत्रकारों को बताया कि इस बात में सच्चाई है कि करीब आधा दर्जन से अधिक विधायकों और मंत्रियों ने अपना इस्तीफा येद्दयुरप्पा को सौंपा था। बहरहाल, पार्टी न तो विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करेगी और न ही किसी मंत्री को उनके पद से हटाएगी।
इस बीच, येद्दयुरप्पा समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने उनके रेस कोर्स स्थित आवास पर एक बैठक की जहां सलाह-मशविरे का दौर शुरू हुआ। येद्दयुरप्पा के करीबी सूत्रों ने दावा कि वह भाजपा छोड़ने के बारे में विचार कर रहे हैं। यदि पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसा किया तो दक्षिण भारत में पहली बार बनी और चार साल से चल रही भाजपा की सरकार को करारा झटका लग सकता है। बीएस येद्दयुरप्पा समर्थक आठ मंत्रियों ने पहले ही अपने नेता को अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं।
एक ताजा घटनाक्रम के तहत ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने येद्दयुरप्पा की इस मांग को खारिज कर दिया है कि कर्नाटक की सत्ता की बागडोर सदानंद गौड़ा से वापस ले ली जाए। येद्दयुरप्पा की दूत बन कर आलाकमान से बातचीत के लिए गई ऊर्जा मंत्री शोभा करंदलाजे खाली हाथ वापस आ रही हैं।

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